इधर 30 सितंबर को इनकी एक साल की कार्यअवधि समाप्त हो गई है। कार्यअवधि समाप्ति के बावजूद 5 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनको रिलीव करने के आदेश जारी नहीं किए हैं। इस मामले में कार्यवाहक कुलसचिव अनिल शर्मा ने विभागाध्यक्षों को मौखिक तौर पर कहा कि इस मामले में वही फैसला करें। जबकि प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी कुलसचिव की होती है।
स्थापना शाखा ने लिखा था पत्र
विश्वविद्यालय की स्थापना शाखा ने इन शिक्षकों की कार्यअवधि समाप्ति के मामले में कुलपति मुरलीधर तिवारी को पत्र लिखा था। उनसे पूछा गया था कि इन शिक्षकों की नियुक्ति एक वर्ष की कार्यअवधि के लिए की गई थी। यह कार्यअवधि इसी साल के 30 सितंबर को समाप्त हो गई है। अब इस मामले में क्या किया जाए। स्थापना के इस पत्र का जवाब कुलपति कार्यालय ने अब तक नहीं दिया है।