जयपुर 10 फरवरी : जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने फिल्म पद्मावती की शूटिंग जयगढ़ किले में देने की मंजूरी के मामले की जांच करने का फैसला लिया है. पूर्व राजपरिवार ने फिल्म की शूटिंग देने की मंजूरी देने वाले अपने कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.
जयपुर की पूर्वराजमाता पद्मिनी देवी ने आज यहां जारी एक बयान में यह जानकारी दी.
बयान में कहा गया है कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के निर्देशन बनने वाली फिल्म पद्मावती की शूटिंग जयगढ़ में करने की मंजूरी जयपुर राज परिवार के अधिकारियों ने बिना पूरी जानकारी लिए एवं राजपरिवार को बिना जारी दिये शूटिंग की इजाजत देने पर संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जयपुर राज परिवार राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है. इतिहास से की जाने वाली छेड़छाड़ की कोशिश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा तथा भविष्य में राजपरिवार के ऐतिहासिक महलों में किसी भी फिल्म की शूटिंग से पूर्व उसकी पूरी कहानी जानने के बाद ही शूटिंग की इजाजत दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि विरासत और इतिहास से छेड़छाड़ जयपुर राजपरिवार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा और इतिहास को जीवित और बुलंद करने में श्रीराजपूत करणी सेना सहित सभी राष्ट्रवादी संगठनों के कदम में जयपुर राज परिवार हमेशा साथ है.
गौरतलब है कि इस फिल्म की शूटिंग जयपुर राजघराने के जयगढ़ किले में की जा रही थी, तब गत 27 जनवरी को करणीसेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली पर रानी पद्मावती के संबंध में फिल्म गलत ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करने के आरोप लगाते हुए फिल्म के सेट पर तोड़फोड़ की और भंसाली के साथ कथित रूप से मारपीट की इसके बाद भंसाली ने यहां शूंटिग बंद कर दी.
हालांकि भंसाली प्रोडेक्शन की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि फिल्म की कहानी में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच किसी तरह का प्रेमप्रंसग या आपत्तिजनक तथ्य नहीं है जिसके बाद करणी सेना ने अपना विरोध वापस लिया.