भोपाल। राजस्थान में कथित भेदभाव से त्रस्त दलित आईएएस अफसर उमराव सालोदिया के इस्लाम धर्म कबूल लेने के बाद प्रदेश के आईएएस रमेश थेटे का मामला भी गरमा गया है।
थेटे ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि यदि उनके खिलाफ प्रताड़ना की कार्रवाई नहीं रोकी गई, तो वे आमरण अनशन कर प्राण त्याग देंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की अपेक्षा मध्यप्रदेश में 10 गुना ज्यादा जातिवाद है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमेशा दलितों को दबाया जाता है। ऐसे में सालोदिया जैसे केस यहां भी हो सकते है।
थेटे पर दर्ज हैं 31 केस
लोकायुक्त पुलिस थेटे के खिलाफ उज्जैन पदस्थापना के दौरान (2012 से लेकर 2014 के बीच) 31 मामलों में कार्रवाई कर रही है। इनमें से कुछ में मुख्यमंत्री के पास अभियोजन स्वीकृति के लिए फाइल भेजी गई थी। 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने अभियोजन को मंजूरी दे दी।
पोस्टिंग से नाराज IAS अधिकारी ने इस्लाम धर्म कबूला
थेटे ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सवाल किया कि ठीक इसी तरह के मामलों में पूर्व के तीन वरिष्ठ आईएएस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। ऐसा नहीं हुआ तो यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ होगा।