वुहान , 27 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदियों पुराने चीन – भारत संबंधों की प्रशंसा करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक ‘‘ बड़ा अवसर ’’ है।
राष्ट्रपति शी के साथ मध्य चीनी शहर में अनौपचारिक शिखर बैठक में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक बैठकें दोनों देशों के बीच एक परंपरा बन गई है।
मोदी ने शी से कहा ,‘‘ यदि 2019 में भारत में हम इस तरह की अनौपचारिक बैठक का आयोजन कर सके तो मैं खुश होऊंगा। ’’
मोदी ने कहा कि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी के लिए काम करने की जिम्मेदारी भारत और चीन के ऊपर है और दोनों देशों के पास अपने लोगों और विश्व की भलाई के लिए एक साथ मिलकर काम करने का एक बड़ा मौका है।
पिछले वर्ष 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबंधों को सुधारने और फिर से विश्वास बहाली के लिए प्रयास कर रहे है।
मोदी ने याद किया कि इतिहास के 2000 वर्षों के दौरान , भारत और चीन ने एक साथ मिलकर विश्व अर्थव्यवस्था को गति और ताकत प्रदान की थी और लगभग 1600 वर्षों तक इस पर दबदबा कायम रखा था।
प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘ दोनों देशों ने 1600 वर्षों के लिए एक साथ विश्व अर्थव्यवस्था का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा बनाया और बाकी दुनिया द्वारा 50 प्रतिशत साझा किया गया। ’’
मोदी ने कहा कि भारत के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति शी ने राजधानी से बाहर आकर दो बार उनकी अगवानी की।
प्रधानमंत्री ने कहा ,‘ शायद मैं पहला ऐसा भारतीय प्रधानमंत्री हूं , जिसकी अगवानी के लिए आप दो बार राजधानी ( बीजिंग ) से बाहर आए। ’’attacknews.in