डेल्टा स्वरूप बहुत खतरनाक है और लगातार बदल रहा है : डब्ल्यूएचओ प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, तीन जुलाई । विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद ‘‘खतरनाक दौर’’ में है जिसके डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक हैं और वक्त के साथ लगातार बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्होंने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक है और कई देशों में यह फैल रहा है। इसी के साथ ही हम इस महामारी के बहुत खतरनाक दौर में हैं।’’
गेब्रेयसस ने कहा, ‘‘कोई भी देश अभी तक खतरे से बाहर नहीं है। डेल्टा स्वरूप खतरनाक है और यह वक्त के साथ और बदल रहा है जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप कम से कम 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां कम और ज्यादा टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय जैसे कि कड़ी निगरानी, जांच, शुरुआती स्तर पर बीमारी का पता लगाना, पृथक वास और चिकित्सीय देखभाल अब भी महत्वपूर्ण हैं।’’
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घरों को हवादार रखने की की पर्याप्त व्यवस्था अहम है। उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से अनुरोध किया कि वे एक साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि अगले साल तक हर देश की 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीका लग जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी को खत्म करने, लोगों की जान बचाने, वैश्विक आर्थिक बहाली तथा खतरनाक स्वरूपों को पैदा होने से रोकने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इस सितंबर के अंत तक हम नेताओं से सभी देशों के कम से कम 10 प्रतिशत लोगों को टीका लगाने का अनुरोध कर रहे हैं।’’
डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते कहा था कि सबसे पहले भारत में पहली बार पाया गया डेल्टा स्वरूप अब करीब 100 देशों में पाया जा रहा।
इससे पहले एक जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि एक अनुमान के मुताबिक कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के मामले अब करीब 100 देशों में सामने आ चुके हैं, इसके साथ ही उसने आगाह किया कि आने वाले महीनों में यह बेहद संक्रामक स्वरूप पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे हावी स्वरूप बन जाएगा।
डब्ल्यूएचओ ने ‘‘कोविड-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट’’ में अद्यतन आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 29 जून 2021 तक ‘‘96 देशों में डेल्टा स्वरूप के मामले सामने आए और संभव है कि वास्तविक आंकड़ें अधिक हों क्योंकि वायरस के स्वरूप पता लगाने के लिए जिनोम श्रंखला क्षमताएं भी सीमित हैं। इनमें से अनेक देशों ने कहा है कि डेल्टा स्वरूप के कारण उनके यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।’’
डेल्टा स्वरूप के अत्यधिक संक्रामक होने के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि इस स्वरूप के अन्य स्वरूपों के मुकाबले अधिक हावी होने और आगामी महीनों में सबसे अधिक प्रभावशाली स्वरूप बन जाने का अंदेशा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए आज के समय में जो कदम उठाए जाते हैं वे डेल्टा समेत वायरस के अन्य चिंताजनक स्वरूपों के खिलाफ भी प्रभावी हैं।
पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अधानोम ग्रब्रेयेसस ने कहा था कि कोरोना वायरस के अब तक जितने भी स्वरूप की पहचान हुई है उनमें डेल्टा ‘‘सबसे अधिक संक्रामक’’ है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्हें कोविड रोधी टीका नहीं लगा है। उन्होंने कहा था कि कुछ देशों ने जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक पाबंदियों में ढील दी है ऐसे में विश्व में संक्रमण के मामलों में बढोतरी देखने को मिली है।
हाल के आंकड़ों के मुताबिक अल्फा स्वरूप के मामले 172 देशों, क्षेत्रों में सामने आए हैं, बीटा स्वरूप के मामले 120 देशों में, गामा स्वरूप के मामले 72 देशों में और डेल्टा स्वरूप के मामले 96 देशों (जिनमें से 11 नए देश हैं) में सामने आए हैं।
बीते कई हफ्तों में यह पहली बार है जब कोविड के सर्वाधिक नए मामले भारत से सामने नहीं आए हैं। अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक 21-27 जून के हफ्ते में संक्रमण के सर्वाधिक 5,21,298 नए मामले ब्राजील से सामने आए, इसके बाद 3,51,218 मामले भारत से सामने आए (जो पिछले हफ्ते से 12 फीसदी अधिक है), कोलंबिया में पांच फीसदी वृद्धि के साथ 2,04,132 नए मामले, रूस में 24 फीसदी वृद्धि के साथ 1,034,465 नए मामले तथा अर्जेंटीना में 11 फीसदी वृद्धि के साथ 1,31,824 नए मामले सामने आए हैं।
दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में 5,73,000 से अधिक नए मामले सामने आए तथा 13,000 संक्रमितों की मौत हुई, इनमें पिछले हफ्ते के मुकाबले क्रमश: पांच फीसदी और 33 फीसदी की कमी आई है।
अपडेट में बताया गया, ‘‘इस हफ्ते नए मामलों में कुछ कमी आई है जिसकी वजह है कि भारत में संक्रमण के नए मामले कम हुए हैं।’’
क्षेत्र में सबसे अधिक 9038 लोगों की मौत भारत में हुई है जो पिछले हफ्ते के मुकाबले 45 फीसदी कम है।
इसमें कहा गया कि डब्ल्यूएचओ के सभी क्षेत्रों में ऐसे देश हैं जहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।