नयी दिल्ली 28 जून ।विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड ने देश के छह राज्यों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और गवर्नेस में सुधार के लिए 50 करोड़ डॉलर का ऋण दिये जाने को अनुमोदित कर दिया है।
विश्व बैंक ने आज यहां जारी बयान में कहा कि उसके कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड की हाल ही हुयी बैठक में यह अनुमोदन किया गया है। इससे देश के छह राज्यों के 15 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले 6 से 17 वर्ष आयु वर्ग के 25 करोड़ छात्रों और एक करोड़ शिक्षकों को लाभ होगा। यह राशि स्ट्रेथेनिंग टीचिंग – लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेट्स प्रोग्राम (स्टार्स) के लिए मंजूर की गयी है।
विश्वबैंक ने शिक्षा में सुधार के लिये करीब 3,700 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी:
विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि उसके कार्यकारी निदेशक मंडल ने छह भारतीय राज्यों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता और संचालन में सुधार के लिये 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3,700 करोड़ रुपये) के ऋण स्वीकृत किये हैं।
विश्व बैंक ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने 24 जून 2020 को ऋण को मंजूरी दी।
उसने कहा, ‘‘15 लाख स्कूलों में पढ़ रहे छह से 17 वर्ष की उम्र के 25 करोड़ विद्यार्थी तथा एक करोड़ से अधिक इस शिक्षक इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे। टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट्स फोर स्टेट्स प्रोग्राम (स्टार्स) कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में शिक्षा को मजबूती देने तथा हर किसी को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये 1994 से भारत व विश्वबैंक के रिश्ते की ठोस बुनियाद पर तैयार हुआ है।’’
स्टार्स कार्यक्रम से पहले विश्वबैंक ने इस दिशा में तीन अरब डॉलर की सहायता दी थी।
बयान में कहा गया कि स्टार्स कार्यक्रम के जरिये समग्र शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर तथा हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों के साथ भागीदारी में मूल्यांकन प्रणालियों को बेहतर बनाने, कक्षा निर्देश और पदावनति को मजबूत करने में मदद करेगा।
भारत में विश्व बैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, ‘‘स्टार्स ने स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन को मजबूत करने, शिक्षक क्षमता में निवेश करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है कि किसी भी पृष्ठभूमि का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहे।’’