नयी दिल्ली, 08 मार्च ।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टि्वटर अकाउंट पर सात ऐसी महिलाएं छायी रही जिन्होंने अपने कामों से देश और दुनिया को प्रेरणा दी है।
श्री मोदी ने रविवार सुबह महिला दिवस के अवसर पर अपना सोशल मीडिया अकाउंट इन सात सम्मानित महिलाओं के हाथों सौंप दिया। इन महिलाओं ने टि्वटर पर लोगों के साथ अपने यादगार लम्हों को साझा किया और अपनी कहानी बताकर लोगों को प्रेरित किया।
इन महिलाओं में स्नेहा मोहनदास ,डा मालविका अय्यर, अरिफा, कल्पना रमेश,विजया पवार , कलावती देवी और मुंगेर की वीणा देवी शामिल हैं।
स्नेहा मोहनदास ने अपनी माता से प्रेरणा लेकर भूखमरी मिटाने के लिए फूडबैंक इंडिया की पहल की। इसमें बड़े पैमाने पर भोजन बनाने, भोजन बनाने के अलग अलग तरीके और स्तनपान के बारे में जागरूकता अभियान चलाना शामिल है।
उन्होंने टि्वट किया , “ आप खाने के बारे में सोचते होंगे लेकिन अब कुछ करने और गरीबों के भविष्य के बारे में कदम उठाना चाहिए। मैं स्नेहा मोहनदास हूं । अपनी माता से प्रेरणा लेकर मैंने फूडबैंक की शुरूआत की थी। मेरी माता बेघरों को खाना खिलाती थी। ”
डा मालविका अय्यर ने एक बम विस्फोट में अपने हाथ और एक पैर खो दिया। इससे विचलित हुए बिना उन्होंने पढाई की और पीएचडी की उपाधि हासिल की।
उन्होंने टि्वट किया , “ स्वीकार्यता सबसे बड़ा पुरस्कार है जो हम अपने आपको दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम जीवन के प्रति अपने नजरिये को जरूर नियंत्रित कर सकते हैं। अंत में यही महत्वपूर्ण है कि हम चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं। ”
अरिफा कश्मीर के पारंपरिक शिल्प नर्मदा शिल्प को बढावा देने का काम कर रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना और दूसरी महिलाओं की मदद करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने टि्वट किया , “ मैंने हमेशा से कश्मीर के पारंपरिक शिल्प को जिंदा रखने और बढावा देने का सपना देखा क्योंकि इससे स्थानीय महिलाओं की स्थिति मजबूती होती है। मैंने महिला कारीगरों की स्थितिदेखी है इसलिए मैंने नर्मदा शिल्प को जीवित रखने का काम किया। ”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार सुबह अपना सोशल मीडिया अकाउंट इन सात सम्मानित महिलाओं के हाथों सौंप दिया।
श्री मोदी ने ट्वीट किया, “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई। हम ‘नारी शक्ति’ की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि महिला दिवस के मौके पर मैं सोशल मीडिया से दूर रहूंगा। आज दिन भर सात महिलाएं अपने जीवन से जुड़े यादगार लम्हों को साझा करेंगी और सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए बातचीत करेंगी।”
प्रधानमंत्री ने दो मार्च को सोशल मीडिया छोड़ने को लेकर ट्वीट किया था। श्री मोदी ने लिखा था ,“इस रविवार को मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब छोड़ने पर विचार कर रहा हूं। आपको इस बारे में जानकारी दूंगा।” जिसके बाद अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को खास बनाने के लिए वह इस महिला दिवस पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट ऐसी महिलाओं को सौंपेंगे जिनका जीवन और कार्य उन्हें प्रेरित करता है। इससे उन्हें लोगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के फेसबुक पेज पर 44,723,734 लाइक्स हैं जबकि ट्विटर पर उन्हें पांच करोड़ 30 लाख लोग फॉलो करते हैं। श्री मोदी को इंस्टाग्राम पर तीन करोड़ 52 लाख लोग फॉलो करते हैं और यूट्यूब पर उनके चार करोड़ 51 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।
गूगल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बनाया डूडल वीडियो
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 पर दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन गूगल ने डूडल एनिमेटिड वीडियो बनाकर महिलाओं को समर्पित किया। यह वीडियो नारी शक्ति और उनके योगदान को दर्शाता है।
इस बार की थीम ‘आई एम जंनरेशन इक्वलेटी: राइजिंग वुमेन्स राईट्स’ पर आधारित है। दुनियाभर की महिलाओं को समर्पित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गूगल ने एक विशेष एनिमेटेड वीडियो बनाया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की और कई पीढ़ियों की महिलाओं को दर्शाया गया है। यह वीडियो अलग-अलग स्तर पर महिलाओं को दर्शाता है। समाज में महिलाएं अपनी स्थिति और अपने अधिकारों के बारे में जागरुक हो रही हैं तथा समाज में वे अपनी विभिन्न भूमिकाओं में अहम योगदान दे रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत आठ मार्च 1909 में हुई। लेकिन इसे सबसे पहले अलग तारीख को मनाया गया। दुनिया के तीन देशों डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में 19 मार्च 1911 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। भारत में लंबे समय से महिला दिवस आठ मार्च की जगह 10 मार्च को मनाया जाता है।
गूगल डूडल छुट्टियों, घटनाओं, उपलब्धियों को याद करने के एक अनोखा तरीका है जिसके तहत गूगल अपने मुखपृष्ठ पर एक विशेष लोगो के जरिए संदेश देता है। इसकी शुरुआत 1998 में हुई थी
मोदी के अकाउंट से महिलाओं ने दिए अपने यह संदेश
वे सालों और दशकों से जल संरक्षण, स्वच्छता और दिव्यांगता अधिकार से जुड़े मुद्दों पर काम कर रही थीं लेकिन उनके संदेशों को कभी भी ऐसा प्रसार और विस्तार नहीं मिला था जैसा कि रविवार को तब मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल उनकी कहानियों को साझा करने के लिये दिया।
कानपुर की रहने वाली स्वच्छता कार्यकर्ता कलावती देवी, बिहार के मुंगेर की रहने वाली वीणा देवी, ग्रामीण महाराष्ट्र के बंजारा समुदाय की कलाकृतियों को बढ़ावा देने वाली विजया पवार और परंपरागत कश्मीर कला को बढ़ावा देने वाली अरीफा जान ट्विटर पर नहीं हैं लेकिन उनका काम दिन भर इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा का विषय बना रहा ।
उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया और लोगों ने उनके कामों से जुड़ने का अनुरोध किया।
जान ने कहा, “जब परंपरा और आधुनिकता का मिलन होता है तो चमत्कार हो सकता है। मैंने इसका अपने काम में अनुभव किया। यह आधुनिक बाजार के मुताबिक डिजाइन किया गया है। मेरी पहली कारोबारी गतिविधि नयी दिल्ली में हस्तनिर्मित सामानों की एक प्रदर्शनी में हिस्सा लेना था। इस प्रदर्शनी में अच्छे खासे ग्राहक आए और आकर्षक कारोबार हुआ।”
इस पहल के लिये मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उन्हें कश्मीर में कला और कलाकारों की बेहतरी के लिये और मेहनत करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह दूसरी महिलाओं के लिये महत्वपूर्ण है कि वे आत्म निर्भर बनें और दूसरी महिलाओं की भी मदद करें।”
लोगों ने मालविका अय्यर की प्रेरक कहानी भी सुनी। वह 13 साल की उम्र में एक बम धमाके का शिकार बनीं जिसमें उनके हाथ उड़ गए और पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
उन्होंने प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल पर लिखा, “छोड़ देना कभी कोई विकल्प नहीं होता। अपनी सीमाओं को भूलकर विश्वास और उम्मीद के साथ दुनिया का सामना कीजिए…मेरा मानना है कि शिक्षा बदलाव के लिये अपरिहार्य है।”
अय्यर एक प्रेरक वक्ता, दिव्यांग कार्यकर्ता और मॉडल हैं।
इन लोगों की प्रेरक कहानियों और संदेशों के बीच लोगों की टिप्पणियों पर जब इन्होंने जवाब दिया तो इस दौरान हास्य-विनोद के भी कई पल आए।
जिस वक्त इन महिलाओं में से एक महिला अकाउंट संभाल रही थी तब एक ट्विटरयूजर ने उनसे अकाउंट का पासवर्ड पूछा जिस पर जवाब दिया गया, ‘‘नया भारत, लॉगइन करने की कोशिश कीजिए।’’
स्नेहा मोहनदौस ने जब अपनी कहानी साझा की तो एक ट्विटर यूजर ने इस कवायद की सराहना करते हुए कहा इसे ‘‘नेक प्रयास’’ करार देते हुए मोदी को ‘‘इन महिलाओं और इनकी प्रेरक कहानियों से रूबरू कराने’’ के लिये लिये शुक्रिया कहा।
स्नेहा ने लोगों से बेघरों को खाना खिलाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भूख को मिटाने को लेकर जागरुकता फैलाने के लिये प्रधानमंत्री के हैंडल का इस्तेमाल कर रही हूं। क्या आप और अन्य लोग मेरी मदद करेंगे? यह आसान है। भूखों को भोजन कराइए और यह सुनिश्चित करें कि खाना बर्बाद न जाए।’’
जल संरक्षक कल्पना रमेश ने कहा, “छोटे प्रयास बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं…पानी को जिम्मेदारीपूर्वक खर्च कर, वर्षाजल संचयन, झीलों को बचाकर, इस्तेमाल पानी का पुन: उपयोग और जागरुकता फैलाकर योगदान किया जा सकता है।”
उन्होंने मोदी के हैंडल से ट्वीट किया, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पक्षियों को झील में वापस ला पाउंगी या हमारे प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करूंगी। दृढ़ संकल्प से असंभव हासिल किया जा सकता है। हम जल संसाधन का प्रबंधन कैसे करते हैं इस दिशा में सामूहिक कार्रवाई कर समुदायों में बदलाव ला सकते हैं।”
इन महिलाओं में से कुछ के ट्विटर अकाउंट पर फालोअरों की संख्या में आज खासा इजाफा देखने को मिला।
एक यूजर ने जब इस ओर ध्यान दिलाया कि ट्विटर पर मोहनदौस के फालोअरों की संख्या दोगुनी हो गई है तो उन्होंने उम्मीद जताई कि भूखे लोगों की मदद करने वाले लोगों की संख्या भी अब दोगुनी हो जाएगी ऐसी उम्मीद करती है मेरे फालोअर अब मेरे ध्येय को भी अपनाएंगे।