अटारी/वाघा सीमा, (अमृतसर) 01 मार्च । वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान की हिरासत से रिहा होने के बाद शुक्रवार की रात भारत लौट आये।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने भारत के अधिकारियों को सौंप दिया जिसके बाद उन्हें करीब आधा किलोमीटर भारतीय सीमा में लाया गया जहां सीमा सुरक्षा बल के कार्यालय में उनका चिकित्सीय परीक्षण किया गया। चिकित्सीय जांच पूरी होने के बाद उनसे भारतीय अधिकारी बातचीत कर रहे हैं। इसके बाद वह अमृतसर जायेंगे जहां से उन्हें नयी दिल्ली ले जाया जायेगा।
पायलट अभिनंदन का बुधवार को भारतीय सीमा में घुस आये पाकिस्तानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों काे खदेड़ने के दौरान विमान मिग 21 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वह पैराशूट के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उतरे थे जहां उन्हें पड़ोसी देश की सेना ने अपनी हिरासत में ले लिया था।
यहां पायलट अभिनंदन वर्द्धमान का स्वागत करने के लिए अटारी संयुक्त जांच चौकी (जेसीपी) पर शुक्रवार को भारी संख्या में लोग जुटे । अभिनंदन शुक्रवार को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा रिहा किएगए । अटारी में लोगों का सुबह छह बजे से ही पहुंचना शुरू हो गया और सुबह नौ बजे तक लोगों का हुजूम उमड़ आया।
विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान ने रात 9.20 मिनट पर देश में कदम रखा। सीमा में घुसते ही उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों से हाथ मिलाया। पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि मंडल में एक पाकिस्तान सरकार की एक मंत्री व सेना के कई बड़े अधिकारी उनके साथ थे।
इससे पहले बाघा बॉर्डर पर बारिश शुरू हो चुकीथी । वहीं विंग कमांडर अभिनंदन की झलक पाने के लिए लोग बेताब रहे । बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर डटे रहे ।
वाघा बॉर्डर पर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ अभिनंदन देश की सीमा में पहुंचे । उनके यहां पहुंचने पर लोगों में जश्न का महौल है। वहीं भारतीय मीडिया भी नजर जमाए हुए है।
विंग कमांडर अभिनंदन के साथ बॉर्डर पर सामान्य भारतीय नागरिक की तरह व्यवहार कियागया । भारत में प्रवेश करने से पहले उन्हें इमीग्रेशन की सारी औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ा। अभिनंदन को एक पेज का वीजा सौंपा गया । यह सभी काम पाकिस्तान की बीटिंग रिट्रीट खत्म होने के बाद हुई ।
विंग कमांडर को अटारी-वाघा सीमा पर एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर को सौंपा गया। इसके बाद वे विशेष गाडिय़ों के काफिले से अमृतसर के लिये रवाना हो चुए। अमृतसर एयरपोर्ट पर वायुसेना के विशेष विमान से उन्हें दिल्ली के पालम हवाई अड्डे के लिए ले जाया गया । नई दिल्ली में विस्तृत चिकित्सा जांच के बाद उनके परिवार से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
ऐसे बीते 55 घंटे:
विंग कमांडर 55 घंटे बाद वतन लौटें। पाकिस्तानके कियों से लोहा लेने वाले इस वीर योद्धा ने शौर्य की अनुपम कहानी लिखी है।
ये भारत के वीर पुत्र के शौर्य और भारत की ताकत और पराक्रम की जीत है। हम आपको बताते हैं कि कैसे भारत ने सख्त रुख और कूटनीतिक दांव से सिर्फ 54 घंटे में इस मुश्किल मिशन को पूरा किया।
पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमला हुआ तो हमारी वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसकर पाकिस्तान में बालाकोट और पीओके के आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया। भारतीय एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान जवाब देने के लिए अगले ही दिन भारत में घुस आया।
एफ-16 को आसमान में खदेड़ा
27 फरवरी को सुबह 10 बजे के आसपास भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमान एफ-16 को अभिनंदन ने अपने पराक्रम से आसमान में खदेड़ दिया। जाबांज पायलट ने पुराने मिग विमान एमआईजी 21 बायसन से ही एफ-16 को खदेड़ डाला। एफ-16 का मलबा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मिला।
पैराशूट से लगा दी छलांग
आसमान में हुए इस जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आया। दरअसल दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में अब कुछ भी हो सकता था। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन से पैराशूट से छलांग लगा दी और जब वे जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था।
अभिनंदन के हौसले से पस्त पाकिस्तान
दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए पीओके में घुसे अभिनंदन ने दुश्मन के कब्जे में जाकर भी अदम्य साहस दिखाया। जब उनका विमान गिरा तो उस वक्त भी उन्होंने अपना पराक्रम दिखाकर पाकिस्तानियों को हैरान कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में पैराशूट से अभिनंदन एक तालाब में कूदे और कुछ दस्तावेज और मैप्स निगलने की कोशिश की। अभिनंदन ने वहां जमा हुए लोगों से पूछा कि वह भारत में हैं या पाकिस्तान में? जिसके जवाब में एक बच्चे ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि वह भारत में ही हैं।
पाकिस्तान में थे लेकिन बिना डरे की हवा में फायरिंग
अभिनंदन समझ गए कि वह पाकिस्तान में हैं लेकिन बिना डरे उन्होंने हवा में फायरिंग की। हाथों में पत्थर लिए हुए लोगों को डराने के लिए भारतीय पायलट ने हवा में फायरिंग की। इस मुश्किल परिस्थिति में भी अभिनंदन ने साहस बनाए रखा और पाकिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा। वह एक तालाब में कूदे और अपनी जेब से कुछ डॉक्युमेंट निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पाकिस्तानी सेना के हाथ कुछ ना आ पाए।
पूरे देश की दुआएं अभिनंदन के साथ
इसके बाद पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उनसे सेना का अफसर कोई सवाल पूछ रहा था और वे जवाब देने से साफ मना कर रहे थे। दुश्मन की कैद में होने के बावजूद भारतीय पायलट अभिनंदन की हिम्मत बिल्कुल भी डगमगाती दिखाई नहीं देती है। अभिनंदन के पिता भी वायुसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पाकिस्तानी सेना के कब्जे में भी विंग कमांडर अभिनंदन सीना ताने, सर उठाए खड़े रहे और किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। पूरे देश में अभिनंदन की वापसी की दुआएं होने लगी और भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को हमारे पायलट को बिनी किसी शर्त, बिना नुकसान पहुंचाएं सौंपना पड़ा।
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