नयी दिल्ली/मुंबई , 31 अक्टूबर ।फेसबुक की कंपनी व्हॉट्सएप ने कहा है कि इजराइल स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। यह इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।
व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया।
व्हॉट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हॉट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं।
वैश्विक स्तर पर व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है। भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं।
व्हॉट्सएप ने मंगलवार को कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में इजराइल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
‘‘जासूसी’’ प्रकरण के पीछे सरकारी एजेंसियां हो सकती है: राकांपा:
उधर मुंबई में व्हाट्सएप के जरिये भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ‘‘जासूसी’’ की निंदा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता धनंजय मुंडे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर उनसे ऐसी जासूसी गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाये जाने की मांग की।
उन्होंने संबंधित दोषियों को कड़ी सजा देने की भी मांग की।
मुंडे ने अपने पत्र में राज्यपाल का ध्यान 20 अप्रैल और 10 मई के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान एक स्पाईवेयर जासूसी के बारे में एक मीडिया खबर की ओर भी दिलाया।
नवनिर्वाचित विधायक ने इस संबंध में एक मामले के बारे में भी उल्लेख किया जो एक अमेरिकी अदालत के समक्ष लंबित है।
एक बयान के अनुसार उन्होंने पत्र में कहा है, ‘‘इस जासूसी के पीछे सरकारी एजेंसियों का हाथ होने की आशंका है। ऐसा पहले भी सामने आया है कि सरकारी एजेंसियों ने नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन पर जासूसी की थी। यह निंदनीय है।’’
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘इस तरह की जासूसी को रोके जाने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए। संबंधित दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।’’
राकांपा के एक अन्य नेता जितेन्द्र अव्हाड ने ‘‘जासूसी’’ प्रकरण को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार से स्पष्टीकरण दिये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से निजता का उल्लंघन है। जासूसी किसी भी रूप में गैर कानूनी है। नागरिकों की निजता को संविधान द्वारा सर्वोपरि रखा गया है। इसमें राजनीतिक विरोधी भी शामिल हैं।’’