मिदनापुर 18 दिसंबर ।पश्चिम बंगाल के पूर्व परिवहन एवं सिंचाई मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गये।
इससे पहले श्री शुभेंदु ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल से हर तरह से नाता तोड़ लिया। सबसे पहले 26 नवंबर को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया तथा इसी सप्ताह उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने गत बुधवार को विधानसभा के सचिव को अपनी हस्तलिखित इस्तीफा सौंपा था।
पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस के महासचिव रहे शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
श्री अधिकारी ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा, “मैं पार्टी के सदस्य के रूप में और सभी पदों से तथा पार्टी के सहयोगी संगठनों से इस्तीफा दे रहा हूं।”
उन्होंने यह भी लिखा,“पार्टी ने मुझे जो कार्य दिए और जिन चुनौतियों का मैंने निर्वहन किया तथा जो समय मैंने गुजारा, उसके लिए मैं आपका (सुश्री बनर्जी का) शुक्रगुजार हूं।”
लेकिन इसके तुरंत बाद ही खुफिया इनपुट को देखते उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा के तहत केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराई गई।
गत माह के अंत में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ममता सरकार ने उनकी सभी सुरक्षा वापस ले ली थी और वह बिना किसी सुरक्षा के इधर उधर जा रहे थे।
इसबीच तृणमूल के बागी नेता शुभेन्दु की ओर से की गयी शिकायत के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनकी सुरक्षा को लेकर ममता सरकार के अधिकारियों को तलब कर तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये।
श्री धनखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “पूर्व मंत्री शुभेंदु के उस प्रतिनिधित्व पर तत्काल उपाय करने के लिए सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक प्रतिशोध के गलत निहितार्थ के कारण उन्हें आपराधिक मामलों में फंसाया जा सकता है।”
श्री धनखड़ ने यहां तक कहा,“निस्संदेह राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों के कारण राज्य या कोलकाता पुलिस विरोधियों पर आपराधिक मामलों में कार्रवाई करती है तो यह न केवल असंवैधानिक होगा बल्कि अपराध भी है।”
इस अवसर पर श्री शुभेन्दु के अलावा तृणमूल के कई अन्य प्रमुख नेता भी भाजपा में शामिल हुए। इनमें प्रदेश स्तर के भी कई नेता शामिल हैं।
श्री अधिकारी के अलावा सुनील मंडल (सांसद), दशरथ तिर्के (पूर्व सांसद), बाणश्री मैती (विधायक, उत्तर कांथी, पूर्वी मिदनापुर) तपसी मंडल (विधायक, हल्दिया, पूर्वी मिदनापुर), अशोक डिंडा (विधायक, तामलुक, पूर्वी मिदनापुर), सुदीप मुखर्जी (विधायक, पुरुलिया), बिस्वजीत कुंडू (विधायक, कलना), बीच पांजा (विधायक, पूर्वी बर्दवान), शीलभद्र दत्त (विधायक, बैरकपुर, उत्तर 24 परगना), दीपाली बिस्वास (विधायक, गज़ोल, मालदा), सुकरा मुंडा (विधायक, नागराकाटा, जलपाईगुड़ी) तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी (पूर्व मंत्री) भी भाजपा में शामिल हुए।
इनके अलावा तृणमूल के कई प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल हुए। इन नेताओं में कर्नल दीप्तंगशु चौधरी (तृणमूल राज्य स्तर के नेता), आशीष दत्त और बप्पा मजुमदार (अलीपुरद्वार), कार्तिक पाल और प्रफुल्ल बर्मन (उत्तर दिनाजपुर), सत्येन रॉय (पूर्व विधायक) और देवाशीष मजुमदार (दक्षिण दिनाजपुर), सनमय बैनर्जी (उत्तर 24 परगना , चंद्रशेखर बंद्योपाध्याय (अध्यक्ष, दुर्गापुर नगर निगम), नित्यानंद चटर्जी (पूर्वी बर्दवान), गौतम रॉय (पुरुलिया), समीरन मिश्रा (हुगली जिला परिषद, प्राचार्य), देबाशीष मुखर्जी (दानकुनी नगर पालिका, उपाध्यक्ष), इंद्रजीत दत्त (हुगली), गौतम मांझी (हुगली) अल्पसंख्यक समुदाय के नेता- प्रोफेसर ओहदुल हक (राज्य स्तरीय नेता), परवेज रहमान (पूर्व विधायक, हुगली), आलमगीर मोल्ला (हुगली), कबीरुल इस्लाम (तृणमूल अल्पसंख्यक सेल के सह-अध्यक्ष), करम हुसैन खान (बीर) अन्य महत्वपूर्ण नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने आज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का झंडा थाम लिया।