कोलकाता 13 जून । पश्चिम बंगाल में तीन दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चार घंटे में ड्यूटी पर लौटने अथवा अनिवार्य सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत खामियाजा भुगतने के अल्टीमेटम को दरकिनार कर आंदोलन पर कायम हैं और कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तीन मरीजों की मौत की सूचना है।
उत्तर बंगाल से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान 15 मरीजाें की मौत हो गयी हालांकि इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है।
एनआरएस के प्राचार्य, अधीक्षक ने दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर से बुरी तरह मारपीट के बाद तीन दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मांगों का तत्काल कोई समाधान नहीं होता देख नील रतन सिरकार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनआरएसएमसी)के प्राचार्य तथा अधीक्षक सह उप प्राचार्य ने गुरुवार की रात अपने पदों से इस्तीफा दे दिये।
मेडिकल कॉलेज में जारी संकट का समाधान करने में असमर्थ होने पर खेद व्यक्त करते हुए एनआरएसएमसी के प्राचार्य ने अपना इस्तीफा दे दिया ।
राज्यपाल से मिले जूनियर डाक्टर:
पश्चिम बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर से बुरी तरह मारपीट के बाद तीन दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की तथा दोषियों की गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कराने की मांग की है।
इस बीच, रिपोर्ट मिली है कि एसएसकेएम अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारी भी डॉक्टराें के आंदोलन में शामिल हो गये हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चार घंटे का अल्टीमेटम मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज अपराह्न श्री त्रिपाठी से मिला तथरा उनसे हस्तक्षेप की अपील की। उन्हाेंने राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उनकी मांगें स्वीकार कर लिये जाने के तुरंत बाद वे ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हैं।
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