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पश्चिम बंगाल में अत्यधिक परेशान करने वाली गतिविधियों को’ लेकर कानून-व्यवस्था पर राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी साथ ही ममता बनर्जी से कहा-आग से नहीं खेलें; केंद्र ने जे पीनड्डा के काफिले पर हमले के मामले में मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख को तलब किया attacknews.in

कोलकाता/नईदिल्ली , 11 दिसंबर । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हिंसक हमले की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार को राज्य में ‘ अत्यधिक परेशान करने वाली गतिविधियों को’ लेकर रिपोर्ट भेज दी है।

कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले के लिए ममता बनर्जी सरकार की निंदा करते हुए धनखड़ ने कहा कि राज्य में स्थानीय और बाहरी का खतरनाक खेल चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि नड्डा जब डायमंड हार्बर में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे तब उनके काफिले पर तृणमूल कांग्रेस के झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी जिसमें कई वाहनों को नुकसान हुआ था और कई भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता घायल हो गए थे।

राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल ने कहा, ‘‘स्थिति की भयावहता को देखते हुए मैंने अपने संवैधानिक कर्तव्य के तहत बहुत ही परेशान करने वाली गतिविधियों की रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है, वे कानून के राज के खिलाफ है, यह संवैधानिक मापदंडों के खात्मे का संकेत करता है।’’

उन्होंने कहा कि वह यहां रिपोर्ट की विषयवस्तु को साझा नहीं करना चाहते हैं।

राज्यपाल की टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें भाजपा की जुबान बोलने वाला करार दिया।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने सवांददाताओं से कहा, ‘‘राज्यपाल ने रोजाना प्रेस से बात करने की आदत बना ली है। हम उनके बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि वह भाजपा की जुबान बोल रहे हैं।’’

संवाददाता सम्मेलन में ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘राज्यपाल अपनी शपथ का अनुपालन करेगा चाहे कुछ भी हो।’’

उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के दिन हुयी।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘जवाबदेही तय की जाएगी।’’ उन्होंने ममता बनर्जी से कहा कि वह आग से नहीं खेलें।

उन्होंने रेखांकित किया कि भारतीय नागरिक को बाहरी कहना संविधान पर पर हमला है। धनखड़ ने कहा, ‘‘ यह किसी के द्वारा स्वीकार करना खतरनाक होगा जो भारतीय संविधान और कानून के राज में विश्वास करता है।’’

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कई मौको पर कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में बाहरी लोगों को ला रही है।

उन्होंने दावा किया कि था भाजपा बाहर से कथित गुंडों को लाकर पश्चिम बंगाल के गांवों में भेज रही है। ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार के यहां आयोजित किसान विरोध रैली में कहा कि वे उन्हें चुनौती दे और प्राथमिकी दर्ज कराएं।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘अगर आप संविधान के रास्ते से विमुख होंगे तो मेरी जिम्मेदारी शुरू हो जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हर बीतते दिन के साथ राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो रही है। मुख्यमंत्री और प्रशासन को अगाह करने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है।’’

धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री का राजभवन के प्रति ‘‘गैर उत्तरदायी’’ रवैया इंगित करता है कि संविधान के अनुसार शासन नहीं चल रहा है।

उन्होंने रेखांकित किया कि कानून के राज से शासन की दूरी लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। धनखड़ ने कहा कि असंवैधानिक मापदंड खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं और इससे मेरे लिए यह निष्कर्ष निकालना कठिन है कि राज्य में शासन संविधान के तहत चल रहा है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र पर धब्बा’’ करार देते हुए राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों को पुलिस और प्रशासन से संरक्षण प्राप्त है।

उन्होंने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य यह है कि किसी भी विपक्ष (विरोध) को बेरहमी से दबा दिया जाता है…कल मानवाधिकार को तिलांजलि दे दी गई।’’

नड्डा के काफिले पर हुए हमले पर ममता बनर्जी की टिप्पणी को बेहद दुर्भाग्यपूण करार देते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘ मैंने माननीय मुख्यमंत्री के बयान को गंभीरता से लिया है। किस तरह से एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री, कानून के राज …संविधान में विश्वास करने वाला, बंगाली संस्कृति पर भरोसा करने वाला ऐसा कह सकता है जैसा उन्होंने कहा।’’

धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को नड्डा पर हुए हमले के संदर्भ में दिए अपने बयान और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।

ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले को उनकी रैली में भीड़ नहीं जुटने पर ध्यान भटकाने के लिए किया गया नाटक करार दिया था और सवाल किया था कि क्या हमला दुष्प्रचार के लिए ‘पूर्वनियोजित’ था।

ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भाजपा अध्यक्ष के उपनाम का भी मखौल उड़ाया था।

धनखड़ ने कहा, ‘‘राज्यपाल डाकघर नहीं है… वह राजभवन में ही सीमित नहीं रह सकता जब मानवाधिकारों का उल्लंघन हो।’’

उन्होंने पूछा, ‘‘ क्या हम उस स्थिति में पहुंच गए है कि सत्तारूढ़ दल के साथ जुड़ाव एकमात्र हमारे अधिकारों की गारंटी है? अगर आप सत्तारूढ़ दल की ओर नहीं हैं तो क्या आपका कोई लोकतांत्रिक और मानव अधिकार नहीं है। क्या यह लोकतंत्र के मरणासन्न होने का संकेत नहीं करता ?’’

धनखड़ ने डायमंड हार्बर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य और ममता बनर्जी के भांजे अभिषेक बनर्जी से ‘‘ लोकतंत्र के ताने-बाने’ को कमजोर नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि उन्होंने वह नहीं कहा जो उन्होंने कहा।’’

तृणमूल कांग्रेस के युवा शाखा के अध्यक्ष ने नड्डा के काफिले पर हुए हमले को भाजपा के प्रति लोगों की नाराजगी करार दिया था।

राज्यपाल इस रुख पर कायम रहते हुए कि राज्य अराजकता की ओर जा रहा है कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को संदेश दिया है कि वे अपने अधीन पुलिस और प्रशासन को राजनीतिक रूप से तटस्थ रहने का निर्देश दें।

धनखड़ ने कहा कि हमला उनके द्वारा राज्य के दोनों शीर्ष अधिकारियों को नड्डा की रैली के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताने के बावजूद हुआ।

जब कल्याण बनर्जी से धनखड़ द्वारा पूर्व में ही आगाह करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्यपाल के सूत्र भाजपा से हैं जिन्होंने यह स्थिति पैदा की।

धनखड़ ने कहा कि वह राजनीति के क्षेत्र में हिस्सेदार की तरह जुड़े कुछ नौकरशाहों को संदेश देना चाहते हैं कि ‘‘ वे सभी सरेआम, एक जनसेवक की तरह नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।’’

राज्यपाल ने रेखांकित किया कि उनके पास इन अधिकारियों की जानकारी है जिसे वह मुख्यमंत्री से साझा करेंगे जब वह समय देंगी।

धनखड़ ने कहा, ‘‘ हर बीतते दिन के साथ राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो रही है। मुख्यमंत्री और प्रशासन को अगाह करने के बावजूद कुछ नहीं हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का राजभवन के प्रति ‘‘गैर उत्तरदायी’’ रवैया इंगित करता है कि संविधान के अनुसार शासन नहीं चल रहा है।

उन्होंने रेखांकित किया कि कानून के राज से शासन की दूरी लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।

धनखड़ ने कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य यह है कि किसी भी विपक्ष (विरोध) को बेरहमी से दबा दिया जाता है…कल मानवाधिकार को तिलांजलि दे दी गई।’’

नड्डा के काफिले पर हमले का मामला : केंद्र ने प. बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख को तलब किया:

इधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने के लिए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को 14 दिसंबर को तलब किया है। यह कदम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट मिलने के बाद उठाया गया है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में बंगाल में कानून व्यवस्था का उल्लंघन करनेवालों को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त होने तथा विपक्ष के विरोध को दबा देने का आरोप लगानेवाले धनखड़ से नड्डा के काफिले पर हमले के बाद रिपोर्ट मांगी गई थी।

नड्डा के काफिले पर बृहस्पतिवार की सुबह तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने तब हमला किया था जब वह भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिला स्थित डायमंड हार्बर जा रहे थे।

अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दोनों शीर्ष अधिकारियों-मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने को कहा जा सकता है तथा राजनीतिक हिंसा और अन्य अपराधों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा जा सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय को अभी पश्चिम बंगाल में नड्डा के दौरे के दौरान ‘‘गंभीर सुरक्षा खामियों’’ पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार से रिपोर्ट नहीं मिली है।

अधिकारियों ने कहा कि बनर्जी के भतीजे अभिषेक के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र डायमंड हार्बर में हिंसा के बाद राज्यपाल की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति तथा राजनीतिक हिंसा और अन्य अपराधों पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया है।

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