कोलकाता, 15 दिसंबर । संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जारी विरोध प्रदर्शनों के तीसरे दिन प्रदेश के नदिया, उत्तर 24 परगना और हावड़ा जिलों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों के अमदंगा और कल्याणी इलाके में, प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख मार्गों को अवरुद्ध किया और सड़कों पर लकड़ी के कुन्दे जलाए।
जिले के देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर जलाए गए।
नदिया में, प्रदर्शनकारियों ने कल्याणी एक्सप्रेस हाईवे को अवरुद्ध किया और कुछ ने संशोधित कानून की प्रतियां जलाईं ।
इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की खबर हावड़ा जिले के दोमजुर इलाके, वर्द्धमान और बीरभूम के कुछ हिस्सों से मिली जहां प्रदर्शनकारियों ने रैलियां निकालीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस की बड़ी टुकड़ियों को मौके पर भेजा गया।
हालांकि, खबरों के मुताबिक, पिछले दो दिनों के उलट, हावड़ा-सियालदह और खड़गपुर खंडों पर ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शांति की अपील की है और प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि संशोधित कानून राज्य में लागू नहीं होगा।
चटर्जी ने कहा, “हम हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील करेंगे। हम आपको आश्वासन दे सकते हैं कि कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।”
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए बहुत कम प्रयास करने का आरोप लगाया।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं जहां प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों को आग लगाने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
संशोधित कानून से समूचे पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में आक्रोश है जहां लोगों को डर है कि यह अवैध आव्रजन की समस्या को और बढ़ा देगा।
देशभर के मुस्लिमों का मानना है कि यह देश भर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का पूर्व संकेत हो सकता है।
संशोधित कानून के मुताबिक, पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना झेलने वाले और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
बंगाल के छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित
पश्चिम बंगाल सरकार ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में पिछले 48 घंटों से हो रहे प्रदर्शन और तोड़फोड की घटनाओं को देखते हुए रविवार को एहतियात के तौर पर मुर्शिदाबाद और मालदा समेत छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
एनएए के विरोध में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पांच ट्रेनों और 16 बसों को आग लगा दी । इसके अलावा चार जिलों में रेलवे के टिकट काउंटरों को तोड़ डाला संकेतक प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाया है ।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गयी है जिससे खासतौर पर सोशल मीडिया पर अफवाह और गलत खबरें प्रसारित करने वालों को रोका जा सके।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कई बार अनुरोध किये जाने के बावजूद यह पाया गया कि कुछ सांप्रदायिक संगठन हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं और मिथ्या प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति के मद्देनजर, प्रशासन ने राज्य के छह जिलों में इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा कि दक्षिण 24 परगना जिले में बरुयीपुर और कैनिंग उप-मंडलों में इंटरनेट सेवा को स्थगित किया गया है।
पुलिस ने कहा कि नदिया, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं।
इस बीच भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य महासचिव बिस्वप्रिय रॉय चौधरी के नेतृत्व में पश्चिम बर्धमान जिले के अंडाल हवाई अड्डे पर मोदी से मुलाकात की जहां वह एक चुनावी रैली के लिए झारखंड के दुमका जाने के वास्ते रास्ते में रूके थे। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की ‘‘खराब’’ स्थिति के बारे में जानकारी दी।
उत्तर 24 परगना के अमडंगा और कल्याणी इलाकों में तथा नदिया जिले में प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम किया और सड़कों पर लकड़ी जलाकर विरोध व्यक्त किया।
उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा इलाके में दुकानों में तोड़-फोड़ करने के साथ ही टायर जलाए गए।
वहीं प्रदेश के दक्षिण 24 परगना जिले में नुंगी और अकरा स्टेशनों के बीच रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर अवरोधक लगा दिये और अकरा स्टेशन पर तोड़फोड़ व आगजनी की। भीड़ ने स्टेशन के टिकट काउंटर पर रखे रुपये भी लूट लिये।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने जब भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की तब पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
नदिया में प्रदर्शनकारियों ने कल्याणी एक्सप्रेस-वे को बाधित किया। कुछ प्रदर्शनकारी संशोधित नागरिकता कानून की प्रतियां जलाते देखे गए।
इसी तरह के प्रदर्शन हावड़ा जिले के डोमजुर इलाके, बर्धमान और बीरभूम जिलों में भी हुए। यहां प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों ने उलुबेरिया के विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान लोगों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने की घोषणा भी पुलिस द्वारा की गई।
मालदा जिले में प्रदर्शनकारियों ने भालुका रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की और सागरदिघी में रेल और सड़क बंद का आह्वान किया।
स्थिति को काबू में करने के लिये गड़बड़ी वाले इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया।
चक्का जाम की वजह से तीन एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द करना पड़ा जबकि कुछ ट्रेन अपने तय समय से काफी विलंब से चल रही हैं।
इस बीच, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य के विभिन्न इलाकों में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्वक रैलियां निकालीं।
मंत्रियों समेत तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने जिलों में रैलियों का नेतृत्व किया और लोगों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने का अनुरोध किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस नए नागरिकता कानून के विरोध में सोमवार से सड़कों पर उतरेंगी।
बनर्जी पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि संशोधित नागरिकता कानून बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्ची ने लोगों से शांति की अपील करते हुए प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि संशोधित अधिनियम राज्य में लागू नहीं होगा।
इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने जिलों में इंटरनेट सेवाओं को स्थगित किये जाने को ‘‘असली तथ्यों’’ को बाहर आने से रोकने की साजिश करार दिया।
घोष ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘यह प्रदेश में जारी अशांति को रोके जाने का कदम नहीं हो सकता। यह कुछ और नहीं बल्कि असली तथ्यों को बाहर आने से रोकने के लिये सरकार की साजिश है। उन्होंने इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है जिससे देश के दूसरे हिस्सों में लोगों को यह न पता चले कि इन जगहों पर किस तरह की ज्यादतियां हो रही हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए बहुत कम प्रयास करने का आरोप लगाया।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं जहां प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों को आग लगाने के साथ ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।