कोलकाता, 29 अप्रैल । केन्द्रीय मंत्री एवं पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो के खिलाफ मतदान केन्द्र के भीतर लोगों को कथित रूप से धमकाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।
श्री सुप्रियो पर आरोप है कि उन्होंने बाराबनी विधानसभा क्षेत्र में काशीडांग एफ. पी. स्कूल स्थित मतदान केन्द्र में घुसकर वहां मतदान कर्मियों को धमकाया था। इस मामले में लिखित शिकायत मिलने पर उनके अलावा कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
इस बीच, श्री सुप्रियाे की कार क्षतिग्रस्त करने के मामले में बाराबनी के सहायक पुलिस निरीक्षक इम्दादुल हक की लिखित शिकायत पर कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
आसनसोल लोकसभा सीट के लिए 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनमें टीएमसी, भाजपा, माकपा और कांग्रेस के प्रत्याशी शामिल हैं लेकिन इस सीट पर टीएमसी और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला होने की उम्मीद है।
बंगाली फिल्म की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुचित्रा सेन की बेटी एवं अभिनेत्री मुनमुन सेन इस सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बांकुरा लोकसभा क्षेत्र में नौ बार के माकपा सांसद वासुदेव आचार्य को हराकर अपने पहले चुनाव में बड़ा उलटफेर किया। इस बार उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से मौजूदा भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो से हैं।
यह धा घटनाक्रम:
केंद्रीय मंत्री एवं पश्चिम बंगाल में आसनसोल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो की कार में सोमवार को उस समय तोड़फोड़ की गयी जब एक मतदान केंद्र के बाहर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी।
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में पश्चिम बंगाल राज्य की आठ सीटों पर मतदान हुआ ।
श्री सुप्रियो ने संवाददाताओं से कहा,“मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हमारा संघर्ष लोकतंत्र स्थापित करने के लिए है। यह शर्मनाक है कि मैं एक लोकतांत्रिक देश में ऐसा कह रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि वह सड़क पर उतरेंगे और उन हरेक मतदान केंद्रो पर जायेंगे ‘जहां घटनाएं सामने आयी है। उन्होंने कहा, “ मैं खुद केंद्रीय बलों को उन मतदान केंद्रो तक ले जाऊंगा। यह बहुत अच्छा है कि राज्य की जनता सजग है और वे केंद्रीय बल चाहते हैं ताकि वोट डाल सकें। यही वजह है कि ममता बनर्जी भयभीत है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ यह एक मतदाता क्रांति है जो इन चुनावों में नजर आ रहा है। ममता बनर्जी केवल अपनी सीट देख सकती है और कुछ नहीं।”
इस बीच कुछ मतदाताओं ने आरोप लगाया कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने में असमर्थ हैं। त्वरित कार्रवाई बल(आरएएफ) और केंद्रीय बल स्थिति पर नियंत्रण का प्रयास कर रहे हैं।
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