भोपाल, 22 सितंबर । मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले में उनकी ओर से पेश किए गए एक परिवाद के सिलसिले में अपने बयान दर्ज कराने आज यहां अदालत पहुंचे। उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, वरिष्ठ नेता कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे।
कांग्रेस नेता श्री सिंह ने व्यापमं घोटाले में एक्सेल शीट में कथित तौर पर फेरबदल करने संबंधी मामले को लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश सिंह के समक्ष परिवाद पेश किया है।
श्री सिंह ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाया है कि व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपी नितिन महेन्द्रा के कम्प्यूटर से प्राप्त मूल हार्ड डिस्क में इन्दौर के तत्कालीन पुलिस अधिकरियों ने वास्तविक आरोपियों को बचाने के लिए हार्ड डिस्क से प्राप्त एक्सेल शीट में बदलाव किया और उसमें उल्लेखित नामों को हटाया।
उन्नीस सितंबर को परिवाद पेश करने के बाद अदालत ने इस मामले में श्री सिंह को अपने बयान दर्ज कराने के लिए 22 सितंबर को अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा था।
श्री सिंह वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ आज विशेष विमान से दिल्ली से यहां पहुंचे और सीधे अदालत रवाना हो गए।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह बयान समाप्त होने के बाद कोर्ट से बाहर आये और पीसीसी के लिए हो रवाना हो गए।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने लगभग ढाई घंटे से अधिक समय तक व्यापम के असली अपराधियों के सबूत दिए। इससे व्यापम मामला फिर से देशव्यापी चर्चा में आ गया है ।
अधिवक्ता श्री अजय गुप्ता सहित सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने श्री दिग्विजय सिंह की पैरवी की।
व्यापम केस में देश के जाने-माने वकील श्री कपिल सिब्बल और श्री विवेक तनखा ने भोपाल में आकर पैरवी की ।
कपिल सिब्बल ने शिवराज सिंह चौहान को बताया घोटालेबाज:
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जड़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं । यह आरोप देश के ख्यातनाम वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भोपाल में पत्रकार वार्ता में लगाया ।
कपिल सिब्बल आज भोपाल जिला न्यायालय में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दायर प्रायवेट कंपलेंट में वकील की हैसियत से आए थे। इस दौरान प्रसिद्ध अधिवक्ता विवेक तनखा भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि दिग्विजय सिंह की और से दायर याचिका में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सायबर एक्सपर्ट प्रशांत पांडे के माध्यम से डाऊनलोड कराई गई हार्ड डिस्क के डाटा को आधार बनाया गया है।जिसे हैदराबाद की ट्रूथ लैब द्वारा सही बताया गया था। इस मामले म़ें इंदौर पुलिस और एस टी एफ द्वारा डाटा के साथ छेड़छाड़ कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को क्लीन चिट देने का अपराध किया गया था।
श्री सिब्बल ने आरोप लगाया कि पहली बार जब्त हुए डाटा में व्यापम के माध्यम से प्रवेश कराने वाले सिफारिश कर्ता के तौर पर 48 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम और मिनिस्टर वन , मिनिस्टर टू और मिनिस्टर थ्री के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है।
कानून का भरोसा तोड़कर प्रोपेगंडा कर रही है कांग्रेस : डॉ.नरोत्तम मिश्रा
राजनीति के अखाड़े के आदतन अपराधी है दिग्विजय
चुनावी समय में जनता के बीच जाने घबरा रहे कांग्रेसी
कांग्रेस और उसके नेताओं को देश की कानून व्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है। इसीलिए वे चुनावी समय में जनता के बीच जाने की बजाय एक ऐसे मुद्दे को लेकर अदालत जा रहे हैं, जिसे पहले ही देश की सबसे बड़ी अदालत खारिज कर चुकी है।
यह बात शनिवार को प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही। डॉ. मिश्रा ने कहा कि दिल्ली और अन्य शहरों से आकर प्रदेश में राजनीति करने वाले कांग्रेस के प्रवासी नेता अपनी कुंठा निकालने के लिए अदालत का इस्तेमाल कर रहे हैं। लगातार हरकतें करने पर उतारू श्री दिग्विजय सिंह राजनीति के अखाड़े के आदतन अपराधी है।
हर एजेंसी कर चुकी व्यापमं की जांच, किसी पर भरोसा नहीं
मंत्री डॉ. मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जैसे ही व्यापमं का मामला प्रकाश में आया, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी ने इस पर कार्रवाई करते हुए इसकी जांच पुलिस को सौंपी। कांग्रेस ने पुलिस की जांच पर असंतोष जताया, तो इस मामले की जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया गया। कांग्रेस को इस पर भी भरोसा नहीं हुआ, तो हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी ने इस मामले की जांच की। उस पर भी भरोसा नहीं हुआ, तो कांग्रेस के नेता सुप्रीम कोर्ट चले गए। यहां सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हॉर्ड डिस्क में कोई टेम्परिंग नहीं की गई। डॉ. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए और सभी जगह उन्होंने मंुह की खायी। उन्हें न हाईकोर्ट पर भरोसा है और न सुप्रीम कोर्ट पर, इसीलिए वे इस मामले को फिर से स्पेशल कोर्ट में लेकर आए हैं।
जनता की अदालत सबसे बड़ी, उसके बीच क्यों नहीं जाते
मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह एवं कांग्रेस के अन्य नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया कि लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है, कांग्रेस के नेता इस मामले में जनता के बीच क्यों नहीं जाते। डॉ. मिश्रा ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता इस मामले को कांग्रेस द्वारा भारी तूल दिए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के पक्ष में निर्णय देकर कांग्रेस को उसकी करतूतों पर आइना दिखा चुकी है, लेकिन कांग्रेस उस जनादेश का सम्मान भी नहीं करना चाहती। डॉ. मिश्रा ने कहा कि चुनाव का समय है और हर राजनीतिक दल तथा नेता जनता के बीच जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी स्वयं पूरे प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के नेता ऐसे समय में भी जनता के बीच जाने की बजाय अदालत जा रहे हैं। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री जी पर एक कांग्रेस नेता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लगाए गए आरोप को जस्टिस सीकरी की बैंच इस टिप्पणी के साथ खारिज कर चुकी है कि कोर्ट को राजनीति का मैदान न बनाएं, राजनीति करना है तो मैदान में जाए। लेकिन लगता है कांग्रेस के नेताओं पर उस टिप्पणी का भी कोई असर नहीं हुआ है। इसीलिए वे अदालत को लगतार राजनीति का जरिया बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री को मिल रहे जनसमर्थन से घबराए कांग्रेसी
मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान अपनी जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और हर विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव में जा रहे हैं। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जी को जनता से जो प्यार और सम्मान मिल रहा है, उससे कांग्रेसी घबरा गए हैं। मुख्यमंत्री को मिल रहा जनसमर्थन उनकी सबसे बड़ी पीड़ा बन गया है और वे इसी बात के लिए व्याकुल हैं कि मुख्यमंत्री जी की छवि को किस तरह खराब किया जाए। इसीलिए वे उन्हें कभी वेश्या, कभी मदारी तो कभी डायर कहते हैं। इससे कुछ नहीं होता, तो उनके रथ पर पत्थर फिंकवाने का काम करते हैं। जब उससे भी कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ, तो अब अदालत का सहारा ले रहे हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि इसी के चलते कांग्रेसी नेता और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने भी संबल योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, ताकि प्रदेश के गरीबों को सरकार की इस योजना का लाभ न मिल सके।
राजनीति के अखाड़े के आदतन अपराधी हैं दिग्विजय सिंह
मंत्री डॉ.मिश्रा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह राजनीति के अखाड़े के आदतन अपराधी है, जिन पर अदालत के फैसलों और फटकार का भी कोई असर नहीं होता। उन्होंने कहा कि राजनीति में बहिष्कार के शिकार दिग्विजय सिंह अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए नए नए हथकंडे आजमा रहे हैं और नित नए झूठ का सहारा ले रहे हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मान. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही व्यापमं मामले की सीबीआई से जांच कराई गई थी। इस जांच में रिपोर्ट दी गई थी कि सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप झूठ है। लेकिन न्यायपालिका का निरंतर अपमान करने के आदी दिग्विजय सिंह अब फिर से इसी मामले को लेकर स्पेशल कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का यह आचरण लोकतंत्र और उससे संबंधित संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं के सर्वथा विरूद्ध है।attacknews.in