नयी दिल्ली 11 मार्च । रमजान के दौरान आम चुनाव होने पर उठे विवाद के बीच चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि उसने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए त्योहारों और पर्वों का ख्याल रखा है और जुम्मे के दिन मतदान नहीं रखा है।
चुनाव आयोग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रमजान के दौरान पूरे महीने भर चुनाव को टाला नहीं जा सकता है लेकिन मुख्य त्योहारों और शुक्रवार के दिन मतदान की तारीख नहीं रखी गयी है।
मुंबई, में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने सोमवार को कहा कि रमजान के समय चुनाव कराना “अल्पसंख्यकों को मतदान से दूर रखने का षडयंत्र’’ है। क्योंकि मई में अत्यधिक गर्मी होगी और रमजान के महीने में रोजा रखने वालों को मतदान में तकलीफ होगी।
श्री दलवई ने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक निकाय है इसलिए हम उसके खिलाफ कोई टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे। लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में गर्मी के महीने में सात चरण में मतदान कराने का मतलब है कि रोजा रखने वाले मतदान नहीं कर सकेंगे। हमारी पार्टी देश के मतदाताओं की ओर से चिंतित नहीं है क्योंकि मतदाता मतदान करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
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