लंदन, 22 जुलाई । भारतीय बैंकों ने संपत्ति घोषित करने को लेकर शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन की उच्च न्यायालय में घसीटा है। अदालत में सोमवार को जिन संपत्ति को लेकर विवाद जतायी गयी, उसमें दो सुपरयाट (नौका), जंगल क्षेत्र, मूल्यवान अघोषित संपत्ति और पुरानी प्रतिष्ठित कारें, मूल्यवान पेंटिंग और एलटन जॉन (गायक, गीतकार) का एक पियोनो भी है।
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक समूह दुनिया भर में 1.145 अरब पौंड की संपत्ति के जब्ती आदेश के बीच 63 वर्षीय माल्या से अपनी बकाया राशि वसूलने को लेकर कदम उठा रहा है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान बैंकों ने ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को सामने लाने की मांग की जिससे वीएमडीएस ट्रस्ट के मालिकाना ढांचे का खुलासा हो जाएगा। यह ट्रस्ट माल्या के पिता विट्टल माल्या के नाम पर है। इसके बारे में माल्या क दावा है कि इसमें उनका कोई लाभकारी हित नहीं जुड़ा है।
भारतीय बैंकों की पैरवी कर रहे बैरिस्टर निजेल टोजी ने न्यायाधीश रॉबिन कोल्स से कहा कि भारत और यहां की अदालतों में पूरी कहानी बयां नहीं की गयी है।
उन्होंने सूचित किया कि भारतीय बैंकों के लिये काम कर रही विधि कंपनी टीएलटी एलएलपी लगातार यह पूछती रही है कि वीएमडीएस ट्रस्ट का नियंत्रण कौन करता है। यह बात सामने आने के बाद यह सवाल उठा कि मामले से जुड़ी ज्यादातर संपत्ति ट्रस्ट के पास है जो माल्या के परिवार के सदस्यों से संबद्ध है।
टोजी ने कहा, ‘‘सभी रास्ते वीएमडीएस की ओर जाते हैं…लेकिन मूल सूचना प्राप्त करने में रास्ते में बाधा खड़ी की जा रही है…।’’ उन्होंने इस दावे से सहमति जतायी कि माल्या के हित ट्रस्ट से जुड़े हैं।
उन्होंने अदालत से कहा कि संपत्तियों की वास्तविक मालिक के बारे में बैंकों को विरोधाभासी जवाब मिल रहे हैं। इससे संकेत मिलता है कि माल्या अपनी ही संपत्ति से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे है जिसे उन्होंने एक आलीशान जिंदगी जीने के लिये सृजित किया है।
इस सप्ताह ताजा आवेदन में भारतीय बैंकों के समूह ने कई उन संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है जिनका मालिकाना हक जटिल है और ऐसा माना जाता है कि ये माल्या के हैं।
जिन संपत्तियों को लेकर सवाल है, उनमें फोर्स इंडिया और इंडियन एम्प्रेस सुपरयाट, एलटन जान के पियोनो, मूल्यवान कारों का बेड़ा, दक्षिण अफ्रीका में जंगल (गेम रिजर्व), लंदन और उसके आसपास के क्षेत्रों में संपत्तियां शामिल हैं।
न्यायाधीश नोल्स ने संकेत दिया कि सुनवाई पूरी होने के बाद बैंकों के ताजा आवेदन पर फैसला देंगे।
माल्या फिलहाल जमानत पर हैं। कुल 9,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग से जुड़े प्रत्यर्पण मामले में उसकी अपील उच्च न्यायालय में लंबित हैं जिसपर फरवरी 2020 में सुनवाई होनी है। attacknews.in