नयी दिल्ली, 23 दिसंबर । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फ़िल्मों को सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभाने वाला एक सशक्त माध्यम बताते हुए सोमवार को 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में कहा कि ‘‘भारतीयता को कायम रखने की जिम्मेदारी भारतीय सिनेमा की है, इसलिये फिल्म जगत को अश्लीलता और हिंसा को बढ़ावा देने वाली फिल्मों के बजाय परिवार और समाज को सुदृढ़ बनाने वाले भारतीय मूल्यों के प्रति लोगों को जागरुक करने वाली फिल्में बनाना चाहिये।’’
नायडू ने कहा कि भारतीय सिनेमा, दशकों से देश में कुप्रथाओं का अंत करने और महिला सशक्तिकरण का सार्थक संदेश देने में कारगर हथियार की भूमिका निभाता रहा है और अपेक्षा है कि इस जिम्मेदारी का निर्वाह आगे भी जारी रहेगा।
उन्होंने स्वच्छता अभियान को कारगर बनाने का संदेश देने वाली फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ का जिक्र करते हुये कहा कि फिल्मों के माध्यम से सामान्य से विषय पर भी प्रभावी संदेश दिया जा सकता है। नायडू ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए फिल्म उद्योग और सरकार के बीच सहयोग की बहुत संभावना है। आवश्यक है कि सरकार और फिल्म उद्योग इस दिशा में मिल कर प्रयास करें।’’
इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म डिवीज़न द्वारा ‘रियल सिंगल विंडो’ शुरू किए जाने की घोषणा की।
जावड़ेकर ने फिल्मों को भारत की मजबूत ‘सॉफ्ट पावर’ बताते हुये कहा कि विषयवस्तु के लिहाज से समय के साथ फिल्मों का आयाम निरंतर व्यापक हो रहा है। अब सामाजिक और राजनीतिक सरोकारों के अलावा पर्यावरण, विज्ञान और खेल सहित अन्य गैर पारंपरिक विषयों पर भी बेहतरीन फिल्में बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि फिल्मों के लगातार व्यापक होते फलक को देखते हुये सरकार ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत के लिये भारत में फिल्म बनाने के वास्ते ‘सिंगल विंडो’ सुविधा शुरु की है। इसकी मदद से फिल्मकारों को तमाम प्रकार की मंजूरी लेने की औपचारिकताओं की पूर्ति के लिये किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
इस अवसर पर नायडू ने फ़िल्म जगत में रचनात्मकता का प्रदर्शन करने वाले श्रेष्ठ कलाकारों सहित विभिन्न लोगों को अलग अलग श्रेणियों में 66वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों से नवाज़ा।
फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के अवार्ड 2018’ हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन को फिल्म क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाना था लेकिन अस्वस्थता के कारण बच्चन समारोह में शिरकत नहीं कर सके। बच्चन ने रविवार को ही बीमार होने के कारण सम्मान ग्रहण करने के लिए दिल्ली पहुँचने में असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘बुखार है… ! यात्रा की इजाजत नहीं है…दिल्ली में कल राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो पाउंगा…बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है…मुझे अफसोस है…।’’
नायडू ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरित करने के बाद अपने संबोधन के शुरु में ही भारतीय सिनेमा को अमिताभ बच्चन के उल्लेखनीय योगदान का जिक्र करते हुये उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं भारतीय सिनेमा के शिखर पुरुष श्री अमिताभ बच्चन जी को प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के सम्मान से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।’’
समारोह के अंत मे जावड़ेकर ने बताया कि बच्चन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 दिसंबर को एक संक्षिप्त समारोह में दादा साहब पुरस्कार प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति आज राजधानी से बाहर हैं इसलिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजताओं के सम्मान में 29 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह आयोजित किया गया है। जावड़ेकर ने कहा ‘‘बच्चन जी भी उस समारोह में शिरकत करेंगे और उसी समय राष्ट्रपति उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान से नवाजेंगे। ’’
उल्लेखनीय है कि बच्चन ने करीब 50 साल पहले 1967 में हिंदी फ़िल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू किया था। अपने दौर की तमाम श्रेष्ठ फ़िल्मों ‘आनंद’ (1971), ज़ंजीर(1973), दीवार (1975), शोले (1975) और डॉन (1978) सहित अन्य फ़िल्मों में बेजोड़ अदाकारी का नमूना पेश करने के लिए बच्चन को फ़िल्म जगत के शीर्ष सम्मान दादा साहब फाल्के के लिए चुना गया।
हिंदी फ़िल्म जगत में विभिन्न यादगार भूमिकाओं से माध्यम से पाँच दशक से भी अधिक समय तक उल्लेखनीय योगदान देने वाले बच्चन को 1999 में बीबीसी ने ‘सदी के सितारे’ का ख़िताब दिया था।
समारोह को संबोधित करते हुये नायडू ने कहा, ‘‘मुझे हर्ष है कि इस वर्ष का सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार महिलाओं के संघर्ष पर आधारित फिल्म को दिया जा रहा है। फिल्म का कथानक दकियानूसी दमनकारी सामाजिक परिवेश के विरुद्ध महिलाओं के साझा संघर्ष पर आधारित है।’’
उपराष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण में सिनेमा की प्रभावी भूमिका का जिक्र करते हुये कहा कि यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं है बल्कि समाज को प्रभावित करने वाले सशक्त माध्यम के रूप में फिल्मों की भी है कि महिलाओं को भारतीय परंपरा में प्रतिष्ठित ‘शक्तिरुप’ में पेश करें।
उन्होंने फिल्म जगत के लोगों से भारतीयता के मूल्यों को विस्तार देने के लिये मिशन की तरह काम करने की अपील करते हुये कहा, ‘‘सिनेमा, क्षेत्रीय या धार्मिक अंतर नहीं मानता है। वह भावनाओं की भाषा को अभिव्यक्ति देने का सशक्त माध्यम है, जो सीधे हृदय के मर्म को स्पर्श करती है।’’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा हर साल दिए जाने वाले राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार तीन वर्गों (फ़ीचर फ़िल्म, ग़ैर फ़ीचर फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ सिनेमा लेखन) में विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते है।
नायडू ने गुजराती फ़िल्म ‘हेल्लारो’ को सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फ़िल्म और हिंदी फ़िल्म ‘बधाई हो’ को लोकप्रिय एवं स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार दिया। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आयुष्मान खुराना को ‘अंधाधुन’ फ़िल्म के लिए और विकी कौशल को ‘उड़ी द सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए दिया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार ‘महानटी’ फ़िल्म की अदाकारा कीर्ति सुरेश को प्रदान किया गया।
इसके अलावा सामाजिक मुद्दों पर आधारित सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार अक्षय कुमार अभिनीत ‘पैडमेन’ को और किसी निर्माता निर्देशक द्वारा बनायी गयी पहली सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये इंदिरा गांधी अवार्ड ‘नाल’ फिल्म को दिया गया। पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश देने वाली फिल्मों की श्रेणी में आदिनाथ कोठारे द्वारा निर्मित फिल्म ‘पानी’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।
फीचर फिल्म वर्ग में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार ‘उड़ी : द सर्जिकल स्ट्राइक’ के निर्देशक आदित्य धर को, सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता का सम्मान ‘चुंबक’ फिल्म में किरदार निभाने वाले स्वानंद किरकिरे और ‘बधाई हो’ फिल्म की अदाकारा सुरेखा सीकरी को सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया।
बाल कलाकार वर्ग में चार बाल कलाकारों… मास्टर पीवी रोहित, समीप सिंह रानौत, ताल्हा अरशद रेशी और श्रीनिवास पोखले ने सर्वश्रेष्ठ अभिनय का पुरस्कार प्राप्त किया। विभिन्न भारतीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘अंधाधुन’, उर्दू की ‘हामिद’ और पंजाबी की ‘हरजीता’ सहित अन्य भाषाओं की श्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत किया गया।
इसके अलावा संगीत निर्देशन, पटकथा, वेशभूषा, संपादन और क्षेत्रीय भाषाओं सहित अन्य श्रेणियों में उल्लेखनीय काम के लिये फिल्म जगत के विभिन्न लोगों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर दिग्गज फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली, अभिनेता अक्षय कुमार और आयुष्मान खुराना के अलावा गायक एवं सांसद हंसराज हंस सहित फिल्म जगत के तमाम दिग्गज लोग मौजूद थे।