नयी दिल्ली, दो अप्रैल । यूपीईएस के एक छात्र ने वाहनों की पूर्ण निगरानी करने में सक्षम ऐसा यंत्र विकसित किया है जिससे वाहनों के तमाम कलपुर्जो की स्थिति की पूर्वसूचना, दुर्घटना की स्थिति में घटनास्थल के बारे में तमाम जानकारी के साथ ही दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को वेबसाइट और फोनकॉल पर सूचना भी दी जा सकती है।
इस यंत्र को यूपीईएस के बी-टेक (इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग) के चौथे वर्ष के छात्र अर्चित अग्रवाल ने आटोमोबाइल उद्योग के लिए विकसित किया है जो मेरठ के रहने वाले हैं। इस अभिनव उपकरण की कीमत 6,000 रुपये है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने 19 मार्च को राष्ट्रपति भवन में उन्हें इस अविष्कार के लिए ‘गांधीयन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवार्ड’ प्रदान किया जहां देश भर के नये अनुसंधान करने वाले 28 अन्य अविष्कारकर्ता छात्रों को अलग अलग क्षेत्रों में नया अविष्कार करने पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
अर्चित अग्रवाल ने बताया, ‘‘इस यंत्र के जरिये कार के स्वामी को कार के किसी भी कल पुर्जे, सेंसर में समस्या के बारे में तत्काल जानकारी मिल जाती है जिसे वह यात्रा से पूर्व समय रहते ठीक करा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वाहन दुर्घटनाओं के कारण हर साल बहुत से लोग तत्काल चिकित्सा नहीं मिलने के कारण मौत का निवाला बन जाते हैं ऐसे में दुर्घटना की स्थिति में यह यंत्र आपात सेवा को एसएमएस, ई.मेल, फोन कॉल के जरिये दुर्घटना संबंधी तत्काल सूचना देने में सक्षम है इससे दुर्घटना के शिकार लोगों को समय रहते चिकित्सा उपलब्ध होगी और उसकी जान बचायी जा सकेगी। इस उपकरण की मदद से दुर्घटना के वास्तविक स्थान के बारे में भी सूचना प्रदर्शित हो जाएगी, जिसकी मदद से दुर्घटनास्थल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।’’
इस उपकरण का एक और भी फायदा है। इसकी मदद से आटो बीमा कंपनियों को झूठे दावे से मुक्ति मिलेगी क्योंकि इसके जरिये ये कंपनियां दुर्घटना के पूरे इतिहास की जानकारी ले सकती हैं।
अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा वाहनों की पेशकश करने से पहले आटो कंपनियां एक खास वातावरण में ही वाहनों के प्रदर्शन के बारे में जानकारियां जुटाती हैं लेकिन मेरे इस उपकरण की मदद से अब उन्हें देश के तमाम भागों में, विभिन्न भौगोलिक वातावरण में इन वाहनों के प्रदर्शन की ठीक ठीक जानकारियां प्राप्त करने में मदद मिलेगी और वे तमाम जगहों के आंकड़ों को लेकर वाहन में उपयुक्त सुधार लाने में सक्षम होंगी।
‘गांधीयन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवार्ड’ के लिए इस बार लगभग 13,000 छात्रों ने 94 अलग अलग क्षेत्रों में अपने शोध के लिए पंजीयन कराया था जिसमें से शीर्ष 28 चयनित शोधों में अर्चित अग्रवाल के शोध को स्थान मिला है।
अर्चित ने अपने इस शोध के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें अपने इस शोध में उनके कॉलेज ‘यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी साइंस- देहरादून’ का काफी योगदान है। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए उन्होंने – ‘‘आनबोर्ड डायगोनिस्टिक डेटा एनालसिस सिस्टम (ओबीडीएएस) नामक यंत्र विकसित किया।
उन्होंने बताया कि एक वाहन में करीब लगभग 50 इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) तथा 200 से अधिक सेंसर लगे होते हैं। ऐसे में यह यंत्र स्टेयरिंग के नीचे ओबीडी पोर्ट से जोड़ दिया जाता है जिसके बाद वह सारे इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) और सेंसर के आंकड़ों को अपने पास एकत्रित कर लेता है और उसे ‘इंटरनेट क्लाऊड’ पर अपलोड कर देता है।attacknews.in