सरदारपुर 16 जनवरी । धार जिले का सरदारपुर जिसमे रविवार को नगरीय निकाय के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोड शो कर रहे थे तभी उन्होंने तमतमाकर अपने अंंगरक्षक को थप्पड़ मार दियाा।
जानकारी मुताबिक बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के अंगरक्षक उनसे बार बार टकरा रहे थे इसी की वजह से गैंगमेन के साथ पूरा ये वाक्या हुआ। इस घटना की वजह से वहा उपस्थित बीजेपी नेता कार्यकर्ता भी हक्का बक्का रह गए।
थप्पड़ मारने के बाद शिवराज रूके नहीं चलते रहे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। मगर यह सब एक वीडियो में कैद हो गया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं।
चुनाव में कहीं भाजपा प्रत्याशी को जूतों की माला पहनाई जा रही है तो कहीं उन्हें काले झंडे भी दिखाए जा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने भोपाल में सैनिक को मारा था जोरदार थप्पड़
15 अक्टूबर 2015 को विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियों के मामले में गुरुवार को कंट्रोल रूम में पूछताछ पूरी होने के बाद बाहर निकले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भीड़ को तितर-बितर कर रहे एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मार दिया।
पुलिसकर्मी की बांह पकड़े और उस पर हाथ उठाते हुए उनका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि पुलिसकर्मी बिना किसी कारण के कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसा रहा था, जिसे सिंह ने रोका था।
इस तरह आया दिग्विजय को गुस्सा सिंह शाम को जब कंट्रोल रूम से बाहर आए तो सर्मथकों ने उनको घेर लिया। कुछ देर के लिए भीड़ के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस ने सर्मथकों को हटाने के लिए लाठीचार्ज कर दिया तो कार्यकर्ता पुलिस से उलझ गए। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी की लाठी दिग्गी सर्मथक पर पड़ गई। इस कारण अन्य कार्यकर्ता भी भड़क गए।
उक्त पुलिसकर्मी और कार्यकताओं में झूमाझटकी होने लगी। यह देख दिग्विजय सिंह गुस्से में आ गए। उन्होंने अचानक भीड़ के बीच जाकर पुलिसकर्मी को तमाचा जड़ दिया।
दरसअल, विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में एसआईटी दिग्विजय से पिछले पांच घंटों से लगातार एक बंद कमरे में पूछताछ कर रही थी।
दिग्विजय के साथ उनके बेटे जयवर्धन सिंह और उनके वकील भी एसआईटी ऑफिस में ही मौजूद रहे।
वहीं, कंट्रोल रूम के बाहर दिग्विजय सिंह के समर्थकों की नारेबाजी लगातार जारी थी। नारेबाजी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि अगर पुलिस दिग्विजय को गिरफ्तार करती है तो वो आंदोलन कर देंगे।
१५ अक्टूबर २०१५ के इस मामले की जानकारी से स्पष्ट होगा कि कोंग्रेस के लोग सेना के जवानों की कितनी इज़्ज़त करते हैं।
बता दें कि उस समय पुलिस कंट्रोल रूम में नियम विरुद्ध नियुक्ति मामले में पूछताछ के लिए आये मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थकों पर लाठीचार्ज से नाराज़ होकर अर्द्ध सैनिक बल के जवान को थप्पड़ रसीद कर दिया था । क्या जवान की कोई इज़्ज़त दिग्विजय सिंह की नज़र में नहीं थी ?
उज्जैन में काले झंडे से गुस्साए दिग्विजय ने मारा थप्पड़
18 जुलाई 2011 को कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के उज्जैन आगमन पर रविवार को वबाल मच गया। भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा दो स्थानों पर काले झंडे दिखाने के दौरान दिग्विजय सिंह तमतमा गए और गाड़ी से उतर युवा मोर्चा सदस्यों की ओर लपक पड़े। उनके साथ सांसद प्रेमचंद गुड्डू भी थे।
खबर लगते ही कांग्रेसी भी लाठियां लेकर पहुंचे और काले झंडे दिखाने वालों से भिड़ गए। दो स्थानों पर झड़पों में चार लोग घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार सुबह साढ़े 10 बजे दिग्विजिय सिंह, उज्जैन स्थित भगवान महाकालेश्वर के दर्शन पश्चात बालयोगी उमेशनाथजी महाराज के तिलकेश्वर स्थित आश्रम जा रहे थे। इस दौरान जूना सोमवारिया में भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए।
यहां सिंह वाहन से नीचे उतरकर प्रदर्शनकारियों के पीछे दौड़ पड़े।attacknews.in कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में भाजयुमो के चार कार्यकर्ता घायल हो गए। दोपहर 3 बजे एमआईटी के आयोजन के लिए जाते समय नागझिरी में भी कुछ लोगों ने काले झंडे दिखाए। यहां पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शकारियों को दौड़ाया। दिग्विजय सिंह के विरोध में वहां पर तोड़फोड़ मचा दी।
सिंह को काले झंडों से बचाने के लिए प्रशासन ने उनके काफिले का रास्ता भी बदला।
वहीं, भाजपा नगर अध्यक्ष अनिल जैन के नेतृत्व में दोपहर में पुलिस अधीक्षक के नाम सीएसपी को ज्ञापन देते हुए दिग्विजय सिंह और उनके साथ चल रहे लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई थी । एक भाजपा कार्यकर्ता ने सिंह पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है।
सुरक्षाकर्मी को चांटा मारने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज हो एफ आई आर-के.के.मिश्रा
भोपाल से प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने प्रदेश में जारी नगरीय निकाय चुनाव में बीते सोमवार को धार जिले के सरदारपुर में चुनाव प्रचार के दौरान रोड शो कर रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा अपने सुरक्षाकर्मी को चांटा मारने और उसे दिये गये धक्के की गंभीर घटना के बाद उनके विरूद्व धारा 332 और 353 के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की है।
श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में दो कानून एक साथ नहीं चल सकते हैं कि आम आदमी के विरूद्व प्रकरण दर्ज हो और मुख्यमंत्री को तमाम प्रमाणों के बावजूद छोड़ दिया जाऐ!
श्री मिश्रा ने कहा कि एक ओर संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा विदिशा में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मकर संक्रांति पर सामाजिक समरसता के लिए तिल और गुड़ खिलाकर हर जाति और धर्म के लोगों से सद्भाव पैदा करने का मंत्र दिया गया,वहीं मुख्यमंत्री ने भागवत के मंत्र से उलट अपने ही सुरक्षाकर्मी को चांटा रसीद कर समरसता मंत्र की धज्जियां उड़ाकर संघ प्रमुख को चुनौती दे डाली है।attacknews.in
मुख्यमंत्री का यह कृत्य शासकीय कार्य और उनकी ही सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी के शासकीय कार्यों में सीधी तौर पर बाधा डालने का स्पष्ट प्रमाण है। घटना से संबंधित वायरल हुए वीडियो को देखने के बाद किसी साक्ष्य की भी आवश्यकता नहीं है।attacknews.in
श्री मिश्रा ने कहा कि सोमवार 15 जनवरी, 18 को ही जिस दिन मुख्यमंत्री ने अपने सुरक्षाकर्मी को चांटा मारकर धक्का दिया है, उसी दिन इंदौर जिला अदालत के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री मृणाल मोहित ने 12 साल बाद वाहन चैकिंग के दौरान एक नगर सेवा चालक नौशाद पिता अकबर को इसलिए धारा 332 और 353 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है, क्योंकि उसने 22 जून 2006 को वाहन चैकिंग कर रहे पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक जी.के. मिश्रा और आरक्षक गणेश के साथ बदसलूकी कर सहायक उपनिरीक्षक को थप्पड़ मारा था। जिला न्यायालय द्वारा जिस दिन आरोपी को उक्त धाराओं में 2 साल की सजा और 6 हजार रू. का अर्थदण्ड दिया गया है, उसी आरोप में फैसला आने वाले दिन ही प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किये गये उसी अपराध पर संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा है, कानून की यह दोहरी व्याख्या क्यों ?attacknews.in