वाराणसी, 20 मार्च । प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, कमलापति त्रिपाठी और श्याम लाल यादव जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को पवित्र गंगा के तट पर बसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी का संसद में प्रतिनिधत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है।
श्री मोदी ने 2014 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते भाजपा उम्मीदवार के तौर पर 56.37 फीसदी मतदाताओं का समर्थन पाकर जीत दर्ज की और प्रधानमंत्री बने। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उसके बाद दो बार रेल मंत्री रहे श्री त्रिपाठी ने 1980 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर यहां से जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश सरकार में 1967 से 1968 के दौरान कानून एवं अन्य कई विभागों के मंत्री और वर्ष 1980 से 1984 तक राज्यसभा के उप सभापति रहे श्री यादव ने 1984 कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर यहां से विजय हासिल की थी। वह 1988 से 1989 तक केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री को भी वाराणसी का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। उन्होंने 1989 में जीत दर्ज की और केंद्र में मंत्री बने। भाजपा ने 1991 में अपना खाता खोला और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्रीशचंद्र दीक्षित सांसद बने। इसके बाद 1996 से 1999 तक शंकर प्रसाद जायसवाल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में यहां से संसद तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की ।
कांग्रेस के राजेश मिश्र ने 2004 के चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोक दिया और सांसद बने लेकिन 2009 के चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली।
सत्रहवीं लोक सभा के लिए चुनावी बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वर्षों तक एक-दूसरे की विरोधी रहीं बसपा और सपा गठबंधन कर इस बार का चुनाव दिलचस्प बना दिया है। करीब चार दशकों तक वाराणसी में जीत दर्ज करती रही कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रॉ को पूर्वांचल का प्रभारी महासचिव बनाकर चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेवारी सौंपी है। प्रधानमंत्री मोदी का इस संसदीय क्षेत्र के चुनावी अखाड़े में उतरना तय माना जा रहा है। इन वजहों से यहां का चुनाव बेहद दिलचस्प बन गया। करीब दो माह बाद 19 मई को होने वाले चुनाव की गतिविधियों पर देश-दुनिया की नजरें टिकी हैं।
इस सीट के मतदाताओं की संख्या 17,96,930 है जो गत लोकसभा चुनाव की तुलना में 30,443 अधिक हैं। इस संसदीय क्षेत्र की सभी पांचों विधान सभा सीटाें पर भाजपा का कब्जा है। वर्ष 2014 में श्री मोदी ने 5,81,022 मतदाताओं का समर्थन हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 2,92,038 मतदाताओं के समर्थन के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस के अजय राय को 75,614 और बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को 60,579 वोट मिले और वे क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।
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