शाहजहांपुर 06 नवम्बर। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे चिन्मयानंद पर लगे कानून की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपों और उनसे रंगदारी मांगे जाने के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी ।
करीब दो महीने लंबी चली जांच में एसआइटी ने 4700 पन्नों की केस डायरी तैयार की है। इसके अलावा दोनों मामलों में करीब 20-20 पन्नों की अलग चार्जशीट तैयार की है। जिससे कोर्ट को सुविधा हो सके। बुधवार को एसआइटी दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद को साथ लेकर सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने पहुंची। इस दौरान कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों और इससे जुड़े रंगदारी मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईअी) ने बुधवार को दोनों मामलों में 4700 पृष्ठों का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया। इस दौरान स्वामी चिन्मयानंद के साथ ही रंगदारी के चार आरोपियों को भी अदालत में पेश किया गया। इन चार आरोपियों में उक्त युवती भी शामिल थी जिसने चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया है।
स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 4700 पृष्ठों का आरोपपत्र मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओमवीर सिंह की अदालत में दाखिल किया। आरोपपत्र रंगदारी मांगने तथा यौन शोषण के मामले में दाखिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि जब किसी मामले में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया जाता है तब आरोपियों का अदालत में होना आवश्यक होता है। इसीलिए सबसे पहले अदालत में स्वामी चिन्मयानंद को बुलाया गया और उनसे आरोपपत्र पर हस्ताक्षर कराने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। इसके बाद रंगदारी मामले की आरोपी एवं चिन्मानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती समेत संजय, विक्रम तथा सचिन को भी अदालत में बुलाकर उनसे आरोपपत्र पर हस्ताक्षर कराए गए।
सिंह ने बताया कि वह एसआईटी द्वारा दाखिल किये गए आरोपपत्र तथा सीडीआर का अध्ययन करेंगे और उसके बाद आगे की कार्यवाही करेंगे क्योंकि स्वामी चिन्मयानंद पर कोई भी अपराधिक मामला नहीं बनता है।
आरोपपत्र दाखिल करने के लिए आरोपियों को बुधवार को अदालत बुलाया गया था। इसलिए आज अदालत परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था और आरोपियों को जेल से कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया।
एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईजी रैंक के अधिकारी नवीन अरोड़ा ने मंगलवार को बताया था कि भाजपा नेताओं डी पी एस राठौर और अजित सिंह को भी रंगदारी मामले में आरोपी बनाया गया है।
एसआईटी इन दोनों मामलों की जांच सात सितंबर से कर रही है और इस दौरान इन दोनों मामलों में 105 लोगों के बयान दर्ज किए गए तथा 24 भौतिक साक्ष्य इकट्ठे करने के अलावा 55 अभिलेख साक्ष्य एकत्र करके दोनों मामलों की कड़ी से कड़ी जोड़कर स्वामी चिन्मयानंद समेत पांच आरोपियों को एसआईटी ने जेल भेज दिया था।
विशेष जांच दल को अपनी अंतिम रिपोर्ट शपथपत्र के माध्यम से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 28 नवंबर को दाखिल करनी है।
गौरतलब है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप एक वीडियो वायरल करके लगाया था इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ने पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का मामला यहां शहर कोतवाली में दर्ज कराया। दोनों मामलों की जांच विशेष जांच दल ने की