कानपुर,11 जुलाई । दो दशकों से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश में कानपुर के चौबेपुर और आसपास के क्षेत्र में आतंक का साम्राज्य स्थापित रखने वाला दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही अतीत बन चुका हो लेकिन बिकरू गांव में उसकी मौत के 30 घंटे बाद तक पसरा सन्नाटा इस बात की तस्दीक कर रहा है कि उसका खौफ आज भी गांव वालों के जहन में जिंदा है।
दो जुलाई की काली रात को विकास और उसके गुर्गो के घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया था जिसके बाद से ही गांव वालों को अंजानी मुसीबत का अहसास हो गया था। गांव में लगभग हर घर के दरवाजे उस दिन से ही बंद है। खेती किसानी का कामकाज ठप पड़ा है। सुरक्षाकर्मियों के बूटों की आवाज ही गांव के सन्नाटे को चीर रही है। ग्रामीण सिर्फ पुलिस अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के लिये अपने घर के कपाट खोल रहे है हालांकि घर के अंदर टीवी स्क्रीनो पर उन्हे विकास और उसके गुर्गो की हश्र की पल पल की जानकारी मिल रही है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी पुलिस/एसटीएफ की रडार पर बहुत सारे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांव के लोग भी हैं। लगभग 500 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल सर्विलांस पर लगाकर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है तो वही 200 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एसटीएफ की रडार पर हैं और एसटीएफ उनके बारे में भी जानकारी कर रही है।
बताया जा रहा है इन पुलिसकर्मियों के भी नंबर सर्विलांस पर लगे हुए हैं और सीडीआर के माध्यम से विकास और इनके संबंधों की जानकारी करी जा रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दिन से लेकर आज तक गांव के हर मकान की सघन चेकिंग चलाई गई है और गांव के हर व्यक्ति से दो से तीन बार पूछताछ भी की गई है और विकास दुबे से जुड़े लोगों की भी जानकारी गांव वालों से जुटाई जा रही है। इस दौरान गांव के कई ऐसे लोग हैं जिन पर पुलिस को अभी भी शक है जिसके चलते कुछ मकानों में पुलिस ने कड़ी नाकाबंदी कर रखी है।
जिला प्रशासन की तरफ से मिले निर्देश पर राजस्व टीम की तरफ से यह भी जानकारी करी जा रही है कि आसपास के क्षेत्र में कितने प्रॉपर्टी डीलर है जो कि अपराधी विकास दुबे से जुड़े थे और उसके माध्यम से जमीनों की खरीद-फरोख्त करते रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलरों से यह भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसी कौन-कौन सी संपत्तियां हैं जिनका क्रय विक्रय अपराधी विकास दुबे के देखरेख में होता आया है और जमीनों की खरीद-फरोख्त में किस माध्यम से अपराधी विकास दुबे जमीन खरीदा था और किस-किस के नाम जमीन उसने खरीद रखी है।
सीधे तौर पर जिला प्रशासन अब उन सभी लोगों की तलाश भी कर रही है जिनके माध्यम से अपराधी विकास दुबे अकूत संपत्ति के साथ साथ करोड़ों रुपए का मालिक बन बैठा है।
विकास के बाद अब करीबियों पर नजर
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अब उसके करीबियों की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दिये है वहीं प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने दुर्दांत के काले कारोबार के नेटवर्क की कड़ियां उधेड़ने का काम शुरू किया है।
सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में शनिवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जबकि ईडी ने गैंगस्टर की संपत्ति और उसके मददगारों की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल से विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का आर्थिक ब्यौरा मांगा है। ईडी ने विकास के परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। ईडी की एक टीम तीन दिन पहले बुधवार को कानपुर पुलिस और अधिकारियों के साथ संपर्क करके औपचारिक तौर पर विकास दुबे से संबंधित एफआईआर सहित कई दस्तावेजों को लेकर लखनऊ आई थी।
उन्होने बताया कि ईडी जल्द ही विकास के परिजनो और करीबियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है जिसके लिये उसके पास पर्याप्त आधार है।