इटावा ,09 मार्च । उत्तर प्रदेश के इटावा में गिरफ्तार पांच साइबर अपराधी अब तक दुनिया भर के सैकड़ों लोगो को चूना लगा कर करोड़ों रूपये के बारे न्यारे कर चुके है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने मंगलवार को बताया कि कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में आये साइबर क्राइम गिरोह के पांच सदस्य पिछले एक साल मे छह करोड़ रूपये से अधिक रकम को इधर से उधर कर चुके है। ठगों ने दुनिया भर मे करेंसी एक्सचेंज का काम करने वाली ग्लोब पे बेबसाइट के नाम से फर्जी बेबसाइट बनाई है जिसके जरिये लोगो को ठगने का काम करते है।
उन्होंने बताया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए आठ लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया था, जिसके बाद पुलिस ने गहनता के साथ पड़ताल शुरू की और आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी कम कमीशन में विदेशी करेंसी को कन्वर्ट करने लालच देकर लोगों को अपना शिकार बनाती थीं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर क्रिमनिल गैंग के कुलजीत सिंह पुत्र सरदार दर्शन सिंह निवासी 178 हरीहरगंज थाना हरीहर गंज जनपद फतेहपुर, सौरभ शुक्ला पुत्र विजय नारायण शुक्ला निवासी हरवंशपुर थाना सजैती जनपद कानपुर नगर, राजकुमार दिवाकर पुत्र कामता प्रसाद निवासी रामनगर न्यू कॉलोनी थाना फ्रेंड्स कॉलोनी इटावा, दीपक शर्मा पुत्र श्याम बिहारी निवासी नौरंगाबाद थाना कोतवाली इटावा और चरन सिंह पुत्र ज्वाला प्रसाद निवासी वीरनगर जनपद आगरा को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के कब्जे से एक लैपटाप, एक टैबलेट एमआई, 4 मोबाइल फोन (वीवो) , 4 चेक बुक और एक पासपोर्ट बरामद किया गया है. ठग गैंग के अपराधी बिटकाइन और अन्य क्रफ्टोंकरेंसी में लेनदेन था. इस गैंग के अपराधियों को गिरफतार करने वाली पुलिस टीम को आईजी मोहित अग्रवाल ने 50, 000 का इनाम देने का ऐलान किया है।
उन्होने बताया कि 5 मार्च को थाना कोतवाली पर एटा के रहने वाले यशोदा नन्दन ने मामला दर्ज कराया कि उसके साथी मोहम्मद सामीन दीवान इंटरनेशनल में साझेदार है।एक मार्च को कुलजीत सिहं एवं सौरभ शुक्ला ने पक्का तालाब चैराहे पर मिलने के लिए बुलाया था, जिनके ग्लोब-पे पर मेरे मित्र को कम कीमत पर उसके साथ ऑनलाइन रुपए को डाॅलर में परिवर्तित करने का लालच देकर 8 लाख रुपए की साइबर ठगी की.
इस बाबत धारा 406, 420, 467, 468, 471 व 66 (सी ), 66 (डी) आईटी एक्ट मामला दर्ज किया गया।
पकडे़ गये साइबर क्रमिनलों ने बताया कि वह कई विदेशी डार्कबेव हैकर्स के संपर्क में रहते हैं जो उन्हें सभी साइटों के उपयोगकर्ता के नाम और पासवर्ड उपलब्ध कराते हैं और वह वास्तविक निवेशकों को 50 प्रतिशत की दर से विदेशी मुद्रा प्रदान करने का लालच देकर रुपयों की ठगी करते हैं और जाली जमा रशीद जारी करते हैं. जो हुबहू वास्तविक लेनदेन की प्राप्ति की रशीद लगती है।
गिरफ्तार आरोपियो ने दीवान इंटरनेशनल फर्म के मालिक के साथ आठ लाख रुपयों की ठगी की थी. इन अपराधियों ने यह भी बताया कि पूरा लेन-देन ब्लाॅकचैन तकनीकी पर आधारित है एवं पुलिस निगरानी से बचने के लिए बिटक्वाइन व डाॅगक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को उपयोग में लाया जाता है. ठगी के बाबत आरोपियों से मिले लैपटाॅप, टैबलेट, मोबाइल एवं बैंक खातों के बारें में जानकारी जुटाई जा रही है।