उत्तरप्रदेश में पशुपालन विभाग में धोखाधड़ी के रैकेट का पर्दाफाश, मंत्री के निजी सचिव और पत्रकार समेत सात गिरफ्तार ,इंदौर के व्यापारी से फर्जी टेण्डर से नौ करोड़ 72 लाख की कर
लखनऊ, 14 जून । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पशुपालन विभाग में धोखाधड़ी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुये मंत्री के प्रधान निजी सचिव समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ के प्रवक्ता ने रविवार शाम बताया कि पशुपालन विभाग में इंदौर के एक व्यापारी से फर्जी टेंडर के नाम नौ करोड़ 72 लाख रूपये वसूले गये थे।
इस फर्जीबाड़े में पशुधन राज्य मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय का संविदा कर्मी और मंत्री का निजी सचिव धीरज कुमार देव, कथित पत्रकार एके राजीव और खुद को पशुपालन विभाग का उपनिदेशक बताने वाला आशीष राय शामिल है जबकि बाद में रूपक राय, उमा शंकर तिवारी और अनिल राय को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पशुपालन विभाग में फर्जी टेण्डर से नौ करोड़ 72 लाख की ठगी करने वाले जालसाज गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पशुपालन विभाग में फर्जी टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर एक व्यक्ति से नौ करोड़ 72 लाख रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए विभाग के मंत्री के निजी सचिव समेत चार जालसाजों को रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन्दौर मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग के आवेदक मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू निवासी पुरनीता कालोनी बिचोेली हप्सी,के साथ टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर नौ करोड़ 72 लाख की ठगी करने के सम्बन्ध में शिकायती प्रार्थना पत्र की एसटीएफ द्वारा जाँच की जा रही थी।
श्री सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से 28 लाख 32 हजार की नकदी, परिचय पत्र,दो कूटरचित परिचय पत्र एक एस के मित्तल, पद उप निदेशक, खरीद(पशुपालन विभाग), जो प्रमुख सचिव, पशुपालन, मत्स्य एवं दुग्ध विभाग द्वारा जारी किया गया है, जिस पर उप्र शासन का लोगो है। के अलावा प्रेस कार्ड, कोविड-19 का स्टाफ पास, छह मोबाइल फोन, एक महंगी कार और एक बन्द अटैची में अभियोग से सम्बंधित दस्तावेज शामिल हैं।
उन्होंनेे बताया कि गिरफ्तार आशीष राय ने पूछताछ पर बताया कि पशुपालन विभाग के विधानसभा सचिवालय स्थित कार्यालय के प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, उमेश मिश्र सहायक समीक्षा अधिकारी, धीरज कुमार देव (निजी सचिव) संविदाकर्मी और होमगार्ड रघुबीर यादव एवं सचिवालय के सरकारी चालक विजय कुमार आदि के सहयोग से सचिवालय स्थित एक कमरे को एस के मित्तल, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग की तख्ती लगाकर उपयोग करता हूँ। जिसमें मुझे एस के मित्तल के रूप में प्रतिरूपित किया जाता था। इन्हीं लोगों के साथ मिलकर उसने मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू से फर्जी वर्क आर्डर जारी कर कई बार में 09,72,12,000 रुपये की धोखाधड़ी कर लिया।