लखनऊ 31 मार्च । योगी सरकार ने पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस ले लिए । वाराणसी के सीजेएम कोर्ट ने योगी सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी। पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद कहा ।
केस वापस होने के बाद शैलेंद्र सिंह ने अपनी बात बयां की है। उन्होंने तत्कालीन सपा सरकार पर उनपर केस लादने और दबाव बनाने के आरोप लगाए । शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी । उन्होंने एक पोस्ट डालकर और कोर्ट के आदेश की कॉपी शेयर करते हुए बताया कि उनके खिलाफ सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं।
शैलेंद्र सिंह ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया। जिसे न मानने के कारण मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा । इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया।’
शैलेंद्र सिंह ने आगे लिखा, ‘जब माननीय योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे माननीय सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई। मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’
बता दें, साल 2004 में शैलेंद्र सिंह एसटीएफ के डिप्टी एसपी हुआ करते थे और वाराणसी के एसटीएफ यूनिट के प्रमुख थे। इसी दौरान कृष्णानंद राय हत्याकांड के पहले सेना के एक भगोड़े से मुख्तार अंसारी ने LMG यानि लाइट मशीन गन खरीदी थी, जिसे शैलेंद्र सिंह ने न सिर्फ बरामद किया था बल्कि सरकार को वह रिपोर्ट भेजी थी जिसमें मुख्तार के देशद्रोही कारनामों का कच्चा चिट्ठा था। कहा जाता है तब शैलेंद्र सिंह पर ये केस हटाने का दबाव था, लेकिन जब वो नहीं माने तो शैलेंद्र पर ही केस दर्ज कराया गया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी ही छोड़ दी थी।