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उत्तरप्रदेश CAA के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों की हुई पहचान,अब नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू attacknews.in

लखनऊ 22 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन और सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान पर सीसीटीवी फुटेज, वीडियो व फोटो के जरिए उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी है ।

राज्य में सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान के मूल्यांकन के आधार पर भरपाई के लिए सभी आरोपियों को नोटिस भेजे जाएंगे।

लखनऊ में मूल्यांकन व क्षतिपूर्ति के लिए अपर जिलाधिकारी पूर्वी, अपर जिलाधिकारी पश्चिम, अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती और अपर जिलाधिकारी प्रशासन के नेतृत्व में चार टीमें गठित कर दी गई हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई घटनाओं को लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 149 के तहत उपद्रवियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिनमें कहा गया है कि जमावड़ा व उसके फलस्वरूप उत्पन्न कानून व्यवस्था व शांतिभंग का प्रयास दंडनीय है। सार्वजनिक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाना, पथराव कर लोगों के जीवन से खिलवाड़, सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करना, आगजनी, बलवा व अन्य प्रकार से शांति भंग करना आपराधिक कार्य है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति नुकसान कानून के तहत वसूली का प्रावधान है ।

उन्होंने कहा कि साल 2011 में गृह विभाग ने आदेश जारी किया था कि दंगा कर सरकारी संपत्ति को नुकसान करने वालों की संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई की जाये ।

उत्तर प्रदेश के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में तनावपूर्ण शांति

उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में भड़की हिंसा पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और साप्ताहिक अवकाश के दिन रविवार को कानपुर और रामपुर समेत अन्य क्षेत्रों में फिलहाल शांति है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कानपुर और रामपुर को छोड़ कर लगभग समूचे राज्य में शनिवार को ही जनजीवन सामान्य हो गया था जबकि आज इन दोनो शहरों में भी शांति बनी हुयी है। ऐहतियात के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। अफवाहों से बचने के लिये लखनऊ और कानपुर समेत 15 जिलों मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बाधित रखा गया है।

सूत्रों के अनुसार राज्य के अलग अलग इलाकों में पिछले गुरूवार से अब तक हिंसा के शिकार 17 लोगों की मृत्यु हो गयी हालांकि पुलिस ने 15 की मृत्यु की पुष्टि की है। हिंसा में 263 पुलिसकर्मियों समेत 800 लोग घायल हुए हैं। 57 पुलिसकर्मी उपद्रवियों की गोली लगने से घायल हुये है। हिंसा के मामलों में अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 से ज्यादा खोखे बरामद किये हैं। पुलिस का दावा है कि उपद्रव पर उतारू भीड़ को नियंत्रित करने के लिये उसने आंसू गैस और लाठी का प्रयोग किया और उसकी ओर से गाेलीबारी नहीं की गयी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्माचार्यों एवं प्रबुद्ध वर्ग से शांति बहाली के लिये सरकार का साथ देेने की अपील की है। उन्होने कहा कि धर्माचार्य एवं प्रबुद्ध वर्ग शान्ति कायम रखने में जुटे प्रशासन का सहयोग करते हुए हर नागरिक को वस्तुस्थिति की जानकारी दें कि नागरिकता कानून भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारण्टी है।

उन्होने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकार हर नागरिक की है। सरकार और कानून-व्यवस्था पर भरोसा रखें। किसी के बहकावे में न आएं। कानून को अपने हाथ में न लें। सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति के आधार पर कार्य कर रही है। सभी योजनाओं में जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर बिना भेदभाव के, सबके कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है। इस सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है। लोगों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

कानपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को यतीमखाना क्षेत्र में हुयी हिंसा के दौरान गोली लगने से घायल दो सिपाहियों की हालत में सुधार हो रहा है। इससे पहले शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान बाबूपुरवा में हुयी हिंसा में घायल तीन लोगों को कल ही हैलेट अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी जबकि अस्पताल में भर्ती आठ अन्य में से दो की हालत गंभीर बनी हुयी है।

पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि गुरूवार से अब तक हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी।

रामपुर में भी सीएए की आड़ में शनिवार को माहौल को बिगाडऩे का प्रयास किया गया और हिंसा पर उतारू भीड़ और पुलिस के बीच हुयी गोलीबारी में एक शख्स की मौत हो गयी। प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उलेमाओं के बंद के आवाहन पर हजारों की भीड सीएए का विरोध करने सड़कों पर आ गयी। ईदगाह के पास हिंसा पर उतारू भीड ने एक पुलिस वाहन समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत हो गई।

शनिवार शाम लखनऊ में अकबरी गेट पर पास लोगों के कुछ उपद्रवियों की गिरफ्तारी का विरोध किया जिसको लेकर 16 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर 13,101 आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई की गई है जिनमें 63 एफआईआर दर्ज कर 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा 442 पाबंद किये गए हैं।

वाराणसी पुलिस 6000 लोगों की पहचान में जुटी, सीएए के खिलाफ किया था प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मद्देनजर जिले में लागू धारा 144 तोड़ने वाले 6000 अज्ञात लोगों की पहचान करने में जुटी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई घटनों के सिलसिले में अब तक 10 मुकदमें पंजीकृत कर 91 नामजद लोगें में से 73 को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। उन्होंने बताया शांति भंग करने वाले 6000 अज्ञात व्यक्तियों की फोटो एवं वीडियो फुटेज से पहचान कराई जा रही है। पहचान होने के बाद उन लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी।

वाराणसी में स्थिति सामान्य,इंटरनेट सेवा बहाल

वाराणसी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के कारण एहतियातन बंद की गई इंटननेट सेवा दो दिन बाद रविवार को बहाल कर दी गई,लेकिन जिले में धारा 144 लागू होने के मद्देनजर प्रशासन की ओर से विशेष निगरानी कर रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि जिले में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। कहीं से भी किसी घटना या धरना-प्रदर्शन सूचना नहीं मिली है। स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने पर सुबह करीब साढ़े दस बजे से इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए शुक्रवार सुबह इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

उप्र में सीएए का विरोध करने वालों पर पुलिस कार्रवाई की हो न्यायिक जांच:कांग्रेस

लखनऊ से खबर है कि,उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने नागरिक संशोधन कानून एवं नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (एनआरसी) के खिलाफ शांतिपूवर्क विरोध प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस द्वारा किए लाठीचार्ज की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

श्री लल्लू ने सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ आन्दोलन करने वालों पर की गई पुलिस द्वारा कार्रवाई और राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन को पत्र भेजा है। उसके बाद आज यहां पार्टी कार्यालय में संवादाताओं से श्री लल्लू ने कहा कि संविधान बचाने के लिए जनता सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन कर रही है, लेकिन राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पुलिस के जरिये आन्दोलन कर रहे लोगों का दमन कर रही है। इतना ही नहीं पुलिस राजनीति नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज करा रही है।

उप्र में 26 दिसम्बर तक सभी पॉलीटेक्निक परीक्षाएं निरस्त

लखनऊ से खबर है कि, उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनजर पॉलीटेक्निक की सभी विशेष बैक पेपर परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।

प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह के मुताबिक 23 से 26 दिसम्बर तक होने वाली सभी परीक्षाएं सभी परीक्षाओं को निस्तर कर दिया गया है। ये अब नए साल में जनवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित होंगी।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी हिंसक घटनाओं को देखते हुए परिषद ने 20 और 21 दिसम्बर की परीक्षा को स्थगित कर दिया था।

टीएमसी के चार सांसदों को लखनऊ हवाई अड्डे पर ही रोका

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार सांसद लखनऊ पहुंचे, लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और वापस भेजा दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टीएमसी के पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी के साथ लोकसभा सांसद प्रतिमा मंडल ,अधीर विश्वास तथा राज्यसभा सदस्य नदीमुल हक लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे । पुलिस ने लखनऊ में धारा 144 लागू होने के कारण टीएमसी नेतओं को हवाई अड्डे पर ही रोक लिया और उन्हें बाहर नहीं आने दिया और वापस भेज दिया।

सीएए के खिलाफ अब हिंसा नहीं ,जेल भरो

मुरादाबाद से खबर है कि, उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले अब हिंसा नहीं बल्कि जेल भरो आंदोलन चलायेंगे ।

लाल मस्जिद के नगर मुफ्ती मन्नान कलीमी ने रविवार को यहां कहा कि इस कानून का विरोध करने वालों को अब हिंसा नहीं करनी चाहिये बल्कि अब जेल भरो आंदोलन चलाना चाहिये ।

भाजपा सरकार यूपी में हिंसा फैलाने की जिम्मेदार : अखिलेश

लखनऊ से खबर है कि,समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि खराब अर्थव्यवस्था, महंगाई,बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की बदहाली जैसी मूलभूत समस्यायों से ध्यान भटकाने के लिये लाये गये नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आड़ में उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जानबूझ कर राज्य में माहौल खराब कर रही है।

श्री यादव ने रविवार को पार्टी दफ्तर में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा “ दो साल पहले केन्द्र सरकार ने काला धन वापस लाने के बहाने नोटबंदी कर गरीब जनता को लाइन में खड़ा कर दिया था और अब सीएए और एनआरसी के जरिये जनता को एक बार फिर नागरिकता के अधिकार के लिये लाइन में खड़े होने की तैयारी है। ऐसा सिर्फ गिरती अर्थव्यवस्था,महंगाई,बेरोजगारी,किसानो की समस्या और बदहाल कानून व्यवस्था से जनता का ध्यान हटाने के लिये किया जा रहा है। ”

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