लखनऊ 20 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को भी कई जगह जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुये और पुलिस पर पथराव किया गया।
गोरखपुर,अमरोहा,फिरोजाबाद,मुजप्फरनगर ,हापुड़ और कानपुर में जुमे की नमाज के बाद लाेग सड़कों पर आ गये और पुलिस बल पर पथराव किया
फिरोजाबाद में उपद्रवियों ने आगजनी की और पुलिस पर पथराव किया । अपने बचाव में पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी । लाठीचार्ज में कुछ लोग घायल हो गये जबकि पथराव में कुछ पुलिस वाले भी जख्मी हुये हैं ।
राजधानी में कल हुये हिंसक प्रदर्शन को लेकर आज पुलिस को जांच में एक गुलाबी रंग का पर्चा मिला जिसमें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रामक और आपत्तिजनक बातें लिखी थीं । पुलिस यह मान कर चल रही है कि पर्चा बंटने के बाद ही हिंसा भड़की । पुलिस पर्चा छपवाने और इसे बांटने वाले को पकड़ने का प्रयास कर रही है ।
इस बीच गिरफ्तार कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की और किचन का सामान फेंक दिया । जबकि पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह आरोप गलत है । सच तो यह है कि इन उपद्रवियों ने कल पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके । राजधानी में आज जुमे की नमाज शांतिपूर्ण निपट गई । मुस्लिम धर्म गुरूओं ने लाेगों से शांति बनाये रखने की अपील की थी ।
सहारनपुर से मिली सूचना के अनुसार नमाज के बाद देवबंद में करीब 400 की भीड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नारेबाजी की । रसिदिया और जामा मस्जिद के बाहर नमाज के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे । मुस्लिमों ने नमाज के बाद अपनी दुकानें बंद रखी । कुछ लोगों ने घंटाघर इलाके में भी प्रदर्शन किया ।
वाराणसी से मिली सूचना के अनुसार अफवाहों को रोकने के लिये इंटरनेट सेवा अगले आदेश तक बंद कर दी गई है । जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि मिश्रित आबादी वाले इलाके में विशेष सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं । उन्होंनें कहा कि अब तक कहीं से हिंसक प्रदर्शन की सूचना नहीं है ।
लखनऊ में गिरफ्तार कुछ लोग बांग्लादेशी हो सकते हैं :पुलिस महानिदेशक
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरूवार को हुई व्यापक हिंसा में आज और कल देर रात गिरफ्तार किये गये कुछ लोग बांग्लादेशी घुसपैठिये हो सकते हैं ।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि गिरफ्तार कुछ लोग हिंदी नहीं बोल पा रहे थे और सवालों का जवाब बांगला में दे रहे थे । उन्होंने कहा कि उनके फोन जब्त कर लिये गये हैं जिसकी जांच की जा रही है । इससे पता लगाने में मदद मिलेगी कि उनके और किस किस के साथ कनेक्शन हैं । उनके खिलाफ और भी सबूत मिले हैं ।
लखनऊ में 200 गिरफ्तार और 300 नजरबंद किये गये
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरूवार को हुई व्यापक हिंसा को लेकर करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 300 लोग नजरबंद किये गये हैं ।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शुक्रवार को हिंसा वाले इलाके पुराने लखनऊ के हसनगंज इलाके का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पहचान किये गये लोग गिरफ्तार किये गये हैं ।उन्होंने इस आरोप से इंकार किया कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने महिलाओं के साथ बेअदबी की और किचन के सामान फेंक दिये । सच तो ये है कि गिरफ्तार लोगों ने ही कल पुलिस पर हमला किया था और आगजनी की थी ।
उप्र में शुक्रवार की नमाज के लिये की गयी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में हिंसा के बाद जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार को पूरे उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी ।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान गुरूवार को एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी,तथा 29 अन्य घायल हो गए थे। लखनऊ, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी और अन्य स्थानों समेत अधिकांश शहरों में इंटरनेट सेवाएं कल देर रात से निलंबित हैं।
लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं बंद
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद जिले में इंटरनेट सेवाएं आधी रात के बाद से बंद कर गई हैं।
जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी में कल हुए हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बाद उत्पन्न माहौल को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं आधी रात के बाद बंद कर दी गईं। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेगा।
मालूम हो कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 16 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की थी
बुलंदशहर हिंसा में 10 घायल
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों समेत करीब 10 लोग घायल हो गये।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के कालाआम मोहल्ले में स्थित एक मस्जिद से जुमे की नमाज के बाद एक वर्ग विशेष के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जुलूस निकाला जो शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। इस बीच ऊपरकोट मोहल्ले में जुमे की नमाज के बाद 400-500 लोगों की भीड़ नारेबाजी करती हुयी निकल आयी। पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर उन्हे रोकने का प्रयास किया लेकिन भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया और बैरीकेडिंग तोड़ते हुये आगे बढ गयी। उपद्रवियों ने पुलिस वाहन और कुछ बाइकों को आग लगा दी।
कानपुर: पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 11 घायल:
उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाबूपुरवा क्षेत्र में शुक्रवार को नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुयी हिंसा में 11 लोग घायल हो गये।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यतीमखाना क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आये और जुलूस की शक्ल में बाबूपुरवा की ओर बढ़ने लगे। प्रदर्शनकारी सीएए को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया जिसके बाद उन्होने पथराव कर दिया।
फिरोजाबाद में आगजनी एवं हिंसा,एक की मृत्यु सात घायल
उत्तर प्रदेश में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में फिरोजाबाद के रसूलपुर क्षेत्रों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने की पुलिस चौकी पर आगजनी एवं पथराव किया, इस घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि तीन पुलिसकर्मियों समेत सात लोग घायल हो गये।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जुमे की नमाज के बाद कुछ उपद्रवियों ने रसूलपुर क्षेत्र में नालबंद पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और वहां खड़े पुलिस के वाहनों के अलावा कई मोटरसाइकिलों में आग लगा दी और जमकर पथराव किया। पुलिस ने उग्र भीड़ को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया और आसूं गैस के गोले भी दागे । हिंसा में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई ।
हिंसा में भाजपा के लोग शामिल : मसूद
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को असंवैधानिक बताते हुये राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रदेश अध्यक्ष डा मसूद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि नये कानून के विरोध में हो रही हिंसा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग शामिल हैं।
डा मसूद ने पत्रकारों से कहा कि असंवैधानिक कानून के फलस्वरूप देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कहीं कहीं भाजपा समर्थित लोग प्रदर्शन की भीड में घुसकर शान्तिपूर्ण आन्दोलन को हिंसक बनाने का कुचक्र रख रहे है जिसका सटीक उदाहरण राजधानी लखनऊ है। बंगलुरू में दो तथा लखनऊ में एक व्यक्ति की हिंसात्मक वारदातों में हुयी मृत्यु भी सत्ता पक्ष के कुचक्र और पुलिस की तानाशाही का परिणाम है।
महोबा में पत्रकार और पूर्व डीआईजी के खिलाफ मुकदमा
उत्तर प्रदेश में महोबा की सदर कोतवाली पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट वायरल किये जाने के मामले में पुलिस ने एक अवकास प्राप्त पूर्व उप पुलिस महानिरीक्षक और एक स्थानीय पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस उपाधीक्षक जटाशंकर राव ने शुक्रवार को यहां बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के स्थानीय पत्रकार जावेद बागवान के वाट्सएप ग्रुप में कथित भड़काऊ सन्देश वजी अहमद द्वारा प्रसारित किया गया है। इस संदेश में उसने एनआरसीए सीएए आदि पर सम्प्रदाय विशेष को भड़काते हुए अत्यंत तल्ख व आपत्तिजनक टिप्पणी की है तथा सामाजिक माहौल को खराब करने की कोशिश की है।
मिर्जापुर में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाला पुलिसकर्मी निलंबित
उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के अदलहाट थाने में तैनात मुख्य आरक्षी को एनआरसी एवं सीएए पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अदलहाट थाने में तैनात मुख्य आरक्षी नौशाद अहमद ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए विवादित बातें लिखी हैं।
उन्होंने बताया कि आरक्षी का यह कार्य सरकारी कर्मचारी के रूप में गलत है और सेवा नियमावली के विरूद्ध है। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। लिहाजा प्रथम दृष्टया नौशाद को दोषी पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया