नयी दिल्ली, आठ फरवरी । उच्चतम न्याायलय ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दायर याचिका पर वह फरवरी के अंतिम हफ्ते में सुनवाई करेगा। रावत ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के राज्य के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि रावत का पक्ष सुने बगैर इसे पारित किया गया।
दो पत्रकारों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जो रावत के कथित रिश्तेदारों के खाते में 2016 में धन स्थानांतरित करने से जुड़ा हुआ है। रावत उस वक्त भाजपा की झारखंड इकाई के प्रभारी थे और वहां ‘गौ सेवा आयोग’ के प्रमुख के तौर पर एक व्यक्ति की नियुक्ति के लिए कथित तौर पर इन पैसों का लेन-देन हुआ था।
रावत ने इन आरोपों से इंकार किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. रेड्डी की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इसमें पिछले वर्ष 27 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ रावत की याचिका भी शामिल है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मामले को फरवरी के अंतिम हफ्ते के लिए सूचीबद्ध किया जाए। इस बीच अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की भी छूट दी जाती है