संयुक्त राष्ट्र / वाशिंगटन 28 फरवरी । अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक नया प्रस्ताव पेश किया है ।
सूची में नाम आने से मसूद पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा और साथ ही उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी।
पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वीटो के अधिकार वाले तीन देशों ने बुधवार को यह नया प्रस्ताव पेश किया।
तीन देशों की ओर से पेश इस नए प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को 10 कामकाजी दिन में विचार करना होगा।
अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाहगाह बनाने पर चेतावनी दी:
उधर वाशिंगटन में अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह और उनका वित्त-पोषण बंद करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से की गई अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करें।
अमेरिका का यह बयान तब आया जब बुधवार को भारत ने पुलवामा आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के शामिल होने के बारे में विशिष्ट विवरण संबंधी एक डोजियर पाकिस्तान को सौंपा है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन के कई ठिकाने पाकिस्तान में होने की भी पुष्टि की गई है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश द्वारा किये गये आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीमा पार से जारी आतंकवाद, जैसे कि हाल ही में 14 फरवरी को भारत के सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ हमला, उस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। हम अपील करते हैं कि पाकिस्तान, आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देना और धन मुहैया कराना बंद करने की, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से की गयी अपनी प्रतिबद्धता का पालन करे।’’
गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को डोजियर सौंपा है।
भारत किसी भी आतंकवादी कृत्य पर चुप नहीं रहेगा:
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने वाशिंगटन में कहा है कि भारत किसी भी आतंकवादी कृत्य पर चुप नहीं रहेगा और आतंकवाद की सभी घटनाओं का ‘‘माकूल जवाब’’ देना भारत के लिए कोई नयी बात नहीं है।
श्रृंगला ने ग्रेटर वॉशिंगटन क्षेत्र के विभिन्न विश्वविद्यालयों के भारतीय छात्रों के साथ अपनी तरह की पहली बातचीत में कहा कि पाकिस्तान को उसकी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी नेटवर्कों और पनाहगाहों को नष्ट करने की अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इस हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर मंगलवार तड़के बम गिराकर उसे नष्ट कर दिया। इसमें ‘‘बड़ी संख्या’’ में आतंकवादी मारे गए।
श्रृंगला ने भारत में इस नए घटनाक्रम की भारतीय छात्रों को जानकारी दी और बताया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इस तरह कर कार्रवाई का रास्ता क्यों चुना।
उन्होंने कहा कि भारत ने 26/11, पठानकोट और उरी हमलों के संबंध में ऐसी खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी जिसके आधार पर पाकिस्तान को कार्रवाई करनी चाहिए थी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने पाकिस्तान के भीतर घुसकर भारतीय वायुसेना के किए साहसी हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘इस बार भारत ने एहतियातन हमला करने का विकल्प चुना। यह विकल्प भारत के भीतर एक और आतंकवादी हमला करने के आतंकवादियों के षड़यंत्र के मद्देनजर चुना गया।’’
श्रृंगला ने कहा, ‘‘ऐसा करते समय भारत ने यह सुनिश्चित किया कि यह असैन्य हमला हो और इसे ऐसे दूरस्थ इलाके में किया जाए जहां कोई आम नागरिक हताहत नहीं हो।’’
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहा।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ है।’’
इस संबंध में अमेरिका से मिले मजबूत समर्थन की सराहना करते हुए श्रृंगला ने कहा कि यह घटना आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की दिशा में दोनों देशों को साथ लेकर आई है।
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