उज्जैन, 23 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में पिछले सप्ताह जहरीली शराब पीने से एक दर्जन लोगों की मौत के मामले में दोषी पुलिसकर्मियो की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
नवागत पुलिस अधीक्षक सत्येंन्द्र कुमार शुक्ल आज यहां पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से चर्चा में कहा कि जहरीली शराब मामले में लापरवाही करने वाले नौ पुलिसकर्मियो को निलंबित किया गया है और अब इनकी विभागीय जांच के आदेश दे दिये गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में संलिप्त आरक्षक नवाज शरीफ और शेख अनवर को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि आरक्षक सुदेश खाडे फरार है, जिसकी गिरफ्तारी पर दस हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।
एसपी के अनुसार जिले में पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता अमर्यादित कार्यशैली की वजह से धूमिल हो रही पुलिस की छवि को सुधारने की रहेगी। इसके लिए पुलिस सिस्टम को सुधारने की आवश्यकता है। जिसकी शुरूआत दागी पुलिसकर्मियों के तबादलों के साथ की जाएगी।
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने कहा कि पुलिस का काम लॉ एंड ऑर्डर सहित कानून की रक्षा करना है। जब पुलिसकर्मी ही गंभीर अपराध में शामिल हो जाएगें तो फिर आम जन का क्या होगा। इसलिए ही जहरीली शराब कांड में आरोपी नवाज शरीफ और शेख अनवर को बर्खास्त किया गया है। मामले में फरार चल रहे निलंबित आरक्षक की गिरफ्तारी पर भी 10 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। मामले में अब तक 9 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। जबकि 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
जिले में ऐसे कई आरक्षक और प्रधान आरक्षक है जो कई सालों से एक ही थाने पर जमे हुए है। थानों के ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की जा रही है।
एसपी शुक्ल ने बताया कि 3 साल से अधिक समय से एक ही थाने पर जमे हुए पुलिसकर्मियों के तबादले किए जाएगें। इसके साथ ही झिंझर कांड में अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच जारी है। आरोपियों के नाम बढ़ सकते है।