उज्जैन 11 जनवरी । युवा चेतना के प्रतीक स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी। हमें उनके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की जरूरत है। युवा पीढ़ी में अपार संभावनाएं हैं। युवा उत्सव जैसे आयोजन युवाओं की प्रतिभा और कौशल को और अधिक निखारते हैं।
ये उद्गार ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री पारसचन्द्र जैन ने 11 जनवरी को विक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन स्थित मुक्ताकाशी मंच पर विश्वविद्यालय द्वारा म प्र शासन, उच्च शिक्षा विभाग के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय युवा उत्सव का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।
विशिष्ट अतिथि सांसद, उज्जैन – आलोट संसदीय क्षेत्र डॉ चिंतामणि मालवीय ने कहा कि व्यक्तित्व विकास और गुणवत्ता वृद्धि में शिक्षा का योगदान होता है। शिक्षा में नैतिक मूल्यों का प्रधान स्थान होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो शीलसिन्धु पांडेय ने कहा कि अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए युवा उत्सव जैसे आयोजनों में सहभागिता आवश्यक है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी राजगोपाल नायडू थे। कार्यक्रम में अध्ययनशाला छात्रसंघ अध्यक्ष श्री लक्ष्य मालवीय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अध्ययनशाला छात्रसंघ सचिव सुश्री दिशा नागपाल भी मंचासीन थीं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में नवनिर्मित माइक्रोबायोलोजी अध्ययनशाला भवन एवं कंप्यूटर विज्ञान संस्थान भवन के प्रथम तल के उद्घाटन पट्ट तथा परीक्षा एवं गोपनीय भवन के भूमि पूजन पट्ट का अनावरण अतिथियों द्वारा किया गया।
शुभारम्भ आयोजन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति प्रो नरेंद्र धाकड़, चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय,चित्रकूट के कुलपति प्रो एन पी गौतम, श्रीमती मधुरिमा पाण्डेय, श्रीमती नायडू आदि सहित अनेकप्राचार्य, संकायाध्यक्ष,आचार्य, शिक्षाविद्, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।attacknews.in
इस अवसर पर अतिथियों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न अर्पित कर उनका सम्मान किया।
अतिथि स्वागत कुलसचिव डॉ परीक्षित सिंह, आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो एच पी सिंह, विद्यार्थी संकायाध्यक्ष डॉ राकेश ढन्ड, दल प्रबंधकगण, प्रतिभागी युवा, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ कानिया मेडा, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ की ओर से अध्यक्ष द्वय क्रमशः श्री अमरनाथ सिंह, लक्ष्मीनारायण संगत आदि ने किया।
प्रारम्भ में विश्वविद्यालय का कुलगान एवं पं महेंद्र पंड्या और पुरोहितगण द्वारा वैदिक मंगलाचरण किया गया। संचालन डॉ रूबल वर्मा ने किया। आभार कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने माना।
सांस्कृतिक शोभायात्रा निकली
शुभारम्भ दिवस पर उद्घाटन समारोह के पूर्व प्रातः दशहरा मैदान से विश्वविद्यालयीन युवाओं की सांस्कृतिक शोभायात्रा प्रारम्भ हुई, जो टैगोर उद्यान होती हुई विक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन पहुंची। शोभायात्रा में सबसे आगे मेजबान विक्रम विश्वविद्यालय का दल भगवान महाकाल की सवारी का दृश्य साकार करता हुआ चल रहा था।
शोभायात्रा में अन्य विश्वविद्यालयों में रीवा, भोपाल, ग्वालियर, छतरपुर, जबलपुर विवि आदि के दल शामिल थे।
आयोजन में मध्य प्रदेश के दस विश्वविद्यालयों के लगभग पाँच सौ से अधिक प्रतिभागी भाग लेने के लिए आए हैं।
उद्घाटन के पश्चात सांस्कृतिक, साहित्यिक और रूपांकन वर्ग की विधाओं में विद्यार्थी अपने कौशल और प्रतिभा का परिचय दिया।attacknews.in