उज्जैन 02 फरवरी। भगवान श्री महाकालेश्वर की पावन नगरी उज्जयिनी में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते है, और भगवान का पूजन अभिषेक कर अपने आप को धन्य समझते है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 5 फरवरी से शिवनवरात्रि प्रारंभ होगी। महाशिवरात्रि पर्व 13 फरवरी को मनाया जावेगा।
शिवनवरात्रि के 9 दिनों में भगवान श्री महाकालेश्वर को अलग-अलग वस्त्र -आभूषण मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र आदि से श्रृंगारित किया जायेगा। नवे दिन नवरात्र का समापन महाशिवरात्रि के पूजन से होता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि के प्रथम दिन 5 फरवरी को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के पूजन के साथ कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव एवं श्री महाकालेश्वर भगवान के पूजन के साथ 9 दिवसीय शिवनवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया जावेगा।
मंदिर के शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में प्रतिदिन 11 ब्राम्ह्णों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक एकादश-एकादशनि के रूद्र पाठ से किया जावेगा, तथा सायं पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करायेंगे।
शिवनवरात्रि में बाबा श्री महाकाल विभिन्न स्वरूपों में देंगे दर्शन
शिव नवरात्रि में प्रतिदिन सायंकालीन पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।
शिवनवरात्रि के प्रथम दिन 5 फरवरी को चंदन का श्रृंगार होगा, 6 फरवरी को शेषनाग श्रृंगार, 7 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 8 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 9 फरवरी को होल्कर श्रृंगार, 10 फरवरी को मनमहेश, 11 फरवरी को उमा महेश, 12 फरवरी को शिव तांड़व श्रृंगार, 13 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा।attacknews.in
महाशिवरात्रि की रात्रि में मंदिर गर्भगृह में श्री महाकालेश्वर भगवान की महापूजा होगी। उसके पश्चात 14 फरवरी को प्रातः 4 बजे भगवान को सप्तधान का मुखौटा धारण कराया जायेगा।
साथ ही बाबा श्री महाकाल सवामन फूलों का पुष्प मुकुट धारण कर भक्तों को अपने दिव्य रूप में दर्शन देंगे।attacknews.in
महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 14 फरवरी को वर्ष में एक बार दोपहर को भस्मार्ती होगी। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर के पट सतत 44 घंटे खुले रहेंगे।
शिवनवरात्रि के दौरान होगा हरिकीर्तन
शिवनवरात्रि के दौरान 5 फरवरी से 14 फरवरी तक मंदिर प्रांगण में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर 1909 से कानडकर परिवार इन्दौर द्वारा वंष परंपरानुसार हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। इसी तारतम्य में कथारत्न हरिभक्त परायण पं. रमेश कानडकर द्वारा हरिकीर्तन का आयोजन होगा।
17 फरवरी को होंगे भगवान श्री महाकाल के
पंच मुखारविन्द के दर्शन
महाशिवरात्रि पर्व के दो दिन बाद परंपरानुसार फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को भगवान श्री महाकालेश्वर पंच मुखारविन्दों में एक साथ श्री मन महेश, शिव तांडव, छबीना, होल्कर, उमामहेश के स्वरूपों का दर्शन होगा।attacknews.in
उल्लेखनीय है कि वर्ष में एक ही बार ऐसा अवसर आता है जब एक साथ बाबा के पांच स्वरूपों के दर्षन भक्तों को होते है।attacknews.in