उज्जैन 25 अप्रैल। अन्तर्राष्ट्रीय विराट गुरूकुल सम्मेलन 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान में आयोजित किया जा रहा है।
तीन दिवसीय आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.मोहनराव भागवत, डॉ.प्रकाश जावड़ेकर मानव संसाधन मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री, डॉ.सत्यपाल सिंह मानव संसाधन राज्य मंत्री, श्री सुरेन्द्र पटवा संस्कृति मंत्री मध्य प्रदेश तथा डॉ.सच्चिदानन्द जोशी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, श्री सुरेश सोहनी, तथा महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष आचार्य रवीन्द्र मूले का शामिल होना प्रस्तावित है।
आयोजन की रूपरेखा की विस्तार से जानकारी देने के लिये आज बुधवार को प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव तथा भारतीय शिक्षण मण्डल के श्री मुकुन्द कानिटकर ने कार्यक्रम स्थल पर प्रेस से चर्चा की।
चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि विराट गुरूकुल सम्मेलन के लिये कृष्ण-सुदामा की शिक्षास्थली उज्जैन का चयन किया गया है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति की सीमाएं स्पष्ट होने लगी हैं। इसके विकल्प के रूप में मॉडल ढूंढे जा रहे हैं। हमारी पुरातन आरण्यक शिक्षा की स्मृति वर्तमान सन्दर्भों में पुन: आवश्यक है। वन आधारित शिक्षा पद्धति को स्वीडन, फिनलैण्ड आदि देशों में अपनाया गया है। दुनियाभर में कई स्कूल हैं, जिनमें भारतीय गुरूकुल अवधारणा को माना गया है।अन्तर्राष्ट्रीय गुरूकुल सम्मेलन के लिये न केवल देश बल्कि नेपाल, म्यांमार आदि देशों से कुल 2700 पंजीयन प्राप्त हुए हैं। गुरूकुल के प्रतिनिधि यहां आयेंगे और इस पद्धति के साथ आधुनिक शिक्षा पद्धति को कैसे जोड़कर रखा जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श करेंगे।
भारतीय शिक्षण मण्डल के महामंत्री श्री मुकुल कानिटकर ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश-विदेश के गुरूकुलों से आने वाले छात्रों की प्रस्तुतियां होंगी। गणित के चमत्कारिक प्रयोगों का प्रदर्शन होगा, कुछ मैदानी प्रदर्शन भी किये जायेंगे, जिनमें घुड़सवारी, मल्लखंब, रोप मल्लखंब आदि शामिल हैं।
मुख्य कार्यक्रम व्यास सभागृह में आयोजित होंगे। यहां पर ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न परम्पराओं के लगभग 1 हजार गुरूकुलों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। आपसी विमर्श से गुरूकुल शिक्षा पद्धति का युगानुकूल प्रारूप तैयार होगा। नये गुरूकुलों को शुभारम्भ करने पर इस प्रारूप से मार्गदर्शन मिलेगा।
शिक्षा क्षेत्र के विद्वान, शोधार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्योगपति एवं विभिन्न विद्यालयों के 70-80 कुलपतिगण भी यहां मौजूद रहेंगे।
श्री मुकुन्द कानिटकर ने बताया कि गुरूकुल सम्मेलन के अन्तर्गत 24 से 28 अप्रैल तक सोमयाग-षोड़शीयाग का संचालन कर्नाटक के मुत्तुर से आमंत्रित वैदिक ऋत्विक करेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति उद्घाटन सत्र से पहले 28 अप्रैल को होगी।
विराट गुरूकुल सम्मेलन का उद्घाटन डॉ.मोहनराव भागवत करेंगे
विराट गुरूकुल सम्मेलन का उद्घाटन डॉ.मोहनराव भागवत करेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ.प्रकाश जावड़ेकर, राज्यमंत्री डॉ.सत्यपाल सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम में स्वामी संवित सोमगिरी, आचार्य गोविन्ददेव गिरी, स्वामी राजकुमार दास भी मौजूद रहेंगे। सम्मेलन में भव्य गुरूकुल प्रदर्शनी लगाई जायेगी।
विविध गुरूकुलों द्वारा मंचीय प्रस्तुति होंगी, जिनमें गुरूकुल में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं ने जो सीखा है, उन कलाओं का प्रदर्शन होगा। इनमें प्रमुख रूप से वेद पठन, संस्कृत पठन, संस्कृत नाटिका आदि प्रस्तुत किये जायेंगे।
गुरूकुल सम्मेलन में 3 समानान्तर आहूति सत्र तथा 3 एकत्रित ज्ञान यज्ञ, ऐसे 2 प्रकार के सत्र होंगे। ज्ञान यज्ञ में विद्वान वक्ता एकत्रित सत्रों का मार्गदर्शन करेंगे।
प्रथम ज्ञान यज्ञ में गुरूकुल का गौरवशाली इतिहास और उसका वर्तमान स्वरूप, द्वितीय में गुरूकुल की शिक्षा पद्धति एवं उसमें पढ़ाये जाने वाले विषयों पर चर्चा होगी। तृतीय ज्ञान यज्ञ में गुरूकुल की शिक्षा को मुख्य धारा की शिक्षा बनाने पर चर्चा की जायेगी।
समानान्तर सत्रों को आहूति सत्र का नाम दिया गया है। इसके अन्तर्गत 3 आहूति सत्र होंगे। दूसरे आहूति सत्र में गुरूकुल के आधारस्तंभ के आधार पर 5 समानान्तर सत्र होंगे।
समापन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री सुरेश सोहनी एवं महर्षि वेदविद्या प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष आचार्य श्री रविन्द्र मूले अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मुख्य चर्चा के सत्र में सबकी सहमति से गुरूकुल का घोषणा-पत्र तैयार किया जायेगा।attacknews.in