उज्जैन 17 सितम्बर। उज्जैन न्यायालय श्री एल.डी. सोलंकी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी अब्दुल हफीज अंसारी पिता श्री अब्दुल रउक अंसारी पटवारी हल्का नम्बर 35 नानाखेडा उज्जैन निवासी मकान नम्बर 22 महाकाल हरी फाटक रेल्वे ब्रिज के पास बेगमबाग उज्जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) ई, 13(2) में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 40 लाख रूपये के अर्थदण्ड से आरोपी को दण्डित किया गया।
उप संचालक (प्रशासन) डॉ0 साकेत व्यास ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 21.09.2010 को लोकायुक्त पुलिस द्वारा अब्दुल हफीज अंसारी पिता श्री अब्दुल रउक अंसारी पटवारी हल्का नम्बर 35 नानाखेडा उज्जैन निवासी मकान नम्बर 22 महाकाल हरी फाटक रेल्वे ब्रिज के पास बेगमबाग उज्जैन के छापे की कार्यवाही की थी छापे के दौरान आरोपी तथा उसकी पत्नि व पुत्र के नाम पर काफी चल व अचंल सम्पत्ति पाई गई थी। आरोपी की आय व्यय की गणना करने पर उसकी कुल आय 15,62,641/- रूपये तथा आरेापी का व्यव 61,37,600/- पाया जो आय की तुलना में 45,74,959/- अधिक होकर अनुपातहीन था।
दण्ड के प्रश्न पर लोकायुक्त अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे उपसंचालक डॉ0 साकेत व्यास द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि आरोपी का कृत्य अनुपातहीन सम्पत्ति का मामला हैं इसलिये आरोपी को कारावास के अतिरिक्त अधिक से अधिर्क आिर्थक दण्ड से दण्डित किया जाये। ताकि समाज में यह संदेश जाये कि कोई भी व्यक्ति अबैध कारोवार कर अतिरिक्त धन विधिक स्त्रोत से अधिक का सग्रंह करने का साहस नहीं कर सकें।
न्यायालय द्वारा अपने न्याय निर्णय में यह उल्लेखित किया है कि वर्तमान में भ्रष्टाचार तेज गति से बढ़ रहा है भ्रष्ट नेता, और भ्रष्ट व्यापारियों के मन में यह भय समाप्त हो चुका है उन्हें पकडा जा सकता है या उन्हें दण्डित भी किया जा सकता है।
अंत में अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं उज्जैन मुख्यालय पर सर्वाेधिक व 40 लाख रूपये के अर्थदण्ड से आरोपी को दण्डित किया गया। आरोपी द्वारा 40 लाख रूपये का जुर्माना अदा न करने पर उसका जेल वारंट बनाकर उसे न्यायालय द्वारा जेल भेजा गया।attacknews.in