उज्जैन 1 मई । उज्जैन में न्यायालय द्वारा नकली नोट से देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले आरोपीगणों को 05 एवं 07 वर्ष तक की कठोर सजा सुनाई गई ।
विशेष न्यायालय न्यायालय श्रीमान अरविन्द रघुवंशी, अष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 1. सूरज पिता हरिशंकर नामदेव उम्र 22 वर्ष निवासी पीपलीनाका उज्जैन 2. उदय पिता दीपचन्द्र उम्र 26 वर्ष निवासी इन्द्रानगर उज्जैन 3. ललित पिता गोविन्द तिवारी निवासी मेट्रो टॉकिज उज्जैन 4. मयंक पिता त्रिलोक मोड उम्र 20 वर्ष निवासी पटेल नगर उज्जैन, जिला उज्जैन को धारा 489-सी भादवि में 5-5 वर्ष का कारावास एवं 2000-2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं आरोपी सूरज को धारा 489-ए भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपी सूरज की दोनों सजाये साथ-साथ चलेगी।
उप-संचालक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि घटना दिनंाक 02.01.2017 को दोपहर 2ः00 बजे भ्रमण के दौरान थाना महाकाल के निरीक्षक अखिलेश तिवारी को मुखबीर द्वारा सूचना मिली कि धरमबडला के थोडा आगे एक मोटर सायकल से दो लोगों के पास 2000 रूपये के नकली नोट रखे हुये है।
उक्त सूचना पर निरीक्षक अजित तिवारी एवं उनि शंकुतला डोडवे ने मौके पर पहुंचकर देखा तो दो लडके दिखे उनसे पूछताछ की तो उन्होंने अपने नाम लक्की पिता रमेश राठौर निवासी पीपलीनाका होना बताया तथा दूसरा लडके ने उसका नाम शुभम पिता कचरूलाल राठौर निवासी पीपलीनाका होना बताया तब उन्हे यह बताया कि सूचना है कि आपके पास नकली नोट है तो वह घबरा गये और इधर उधर की बाते करने लगा, तब पंचानो के समक्ष उनसे जेब में रखा सामान बताने को कहा तो शुभम के पास कोई आपत्तिजनक वस्तु नही मिली। जबकि लक्की के द्वारा जेब निकालकर देखा गया तो जेब में दो नोट रूपये दो हजार के मिले, उक्त नोटों को देखा गया तो उक्त दोनो नोट पर एक ही नम्बर के थे जिससे स्पष्ट रूप से नकली होना पाया गया।
इसके बाद उक्त दोनो लडकों को गिरफ्तार किया गया। थाना पर आकर आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। दोनेा आरोपीगण से पूछताछ करने पर अन्य आरोपीगण सुरज पिता हरिशंकर नामदेव, उदय पिता दीपचन्द्र नामदेव एवं मयंक पिता त्रिलोक मोड का अपराध में शामिल होना पाया गया।
आरोपी सूरज के घर से 50 नोट 2000-2000 रूपये के तथा मेट्रो टॉकिज के सामने किराये के कमरे से एक प्रिंटर लेजर, स्केनर, सी.पी.यू की-बोई, कम्प्यूटर जप्त किया गया। आरोपी उदय से 25 नोट 2000-2000 रूपये व एक कटर, एक काले रंग का पैकेट जप्त किया गया आरोपी ललित से उसके किराये के कमरे से 100 नोट 2000-2000 रूपये के एवं प्रिंटर लेजर, स्केनर, सी.पी.यू की-बोई, कम्प्यूटर जप्त किया गया। आरोपी मंयक से 124 नोट 2000-2000 रूपये के नोट उसके घर से जप्त किये गये।
आरोपीगण से जप्तशुदा नोटों की बैंक नोट प्रेस देवास को भेजा गया, बैंक नोट प्रेस देवास द्वारा उक्त नोटों को नकली होना बताया। आवश्यक अनुसंधान पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
दण्ड के प्रशन पर अभियुक्तगण द्वारा निवेदन किया गया कि वह एक नवयुवक है इसलिए उन्हें न्यूनतम दण्ड से दण्डित किया जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियुक्त को अधिकतम दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।
न्यायालय की टिप्पणीः-आरोपीगण द्वारा कूटरचित करेन्सी नोट यह जानते हुये कि उक्त नोट कूटरचित है अपने अधिपत्य में रखा। अभियुक्तगण का कृत्य देश की आर्थिक व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। अभियुक्तगण को न्यायोचित दण्ड से दण्डित किया जाना उचित प्रतीत होता है। जिससे वह अपराध की पुर्नावृत्ति न करे एंव अन्य व्यक्त्यिों के लिये भी एक सबक बनें।
अभियुक्त शुभम को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर अभियुक्तगण को दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री के.के. शर्मा अति. लोक अभियोजक, जिला उज्जैन द्वारा की गई।
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