नयी दिल्ली , 26 अप्रैल । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) कोरोना महामारी के कारण एक माह से लॉकडाउन में कॉलेज और विश्वविद्यालय के बन्द हो जाने को देखते हुए परीक्षाएं आयोजित करने दाखिले और नया सत्र शुरू करने के बारे में जल्द ही फैसला करेगा।
यूजीसी ने इस बारे में रूपरेखा तैयार करने और विचार विमर्श के लिए दो समितियों का गठन किया था, जिसने 24 तारीख को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है ।
पहली समिति सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा के कुलपति आर सी कोहाड़ की अध्यक्षता में गठित की गई थी और दूसरी समिति इग्नू के कुलपति नागेश्वर राव की अध्यक्षता में गठित की गई थी ।
पहली समिति का काम लॉकडाउन को देखते हुए छात्रों की परीक्षा लेने, दाखिले तथा नए सत्र शुरू के बारे में सिफारिश देना था। कॉलेज और विश्वविद्यालय के बंद होने से की स्थिति में छात्रों से किसी तरह परीक्षाएं ली जाये ताकि अकादमिक सत्र में विलंब ना हो और समय पर नए सत्र की शुरुआत हो सके ।
दूसरी समिति का काम इस बारे में रिपोर्ट करना था कि लॉकडाउन को देखते हुए देशभर में किस तरह छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा दी जा सकती है।
यूजीसी ने कल देर रात जारी अपने बयान में कहा है कि इन दोनों समितियों ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। अब यूजीसी की बैठक में इन रिपोर्टों पर विचार किया जाएगा और अगले सप्ताह कोई फैसला किया जाएगा तथा नए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ।
यूजीसी ने मीडिया में छपी उन रिपोर्टों का भी खंडन किया है कि उसने कॉलेज और विश्विद्यालय की परीक्षाओं के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी किया है। मीडिया की रिपोर्टों को देखते हुए यूजीसी ने कल रात यह खंडन किया।