मुंबई, 14 अगस्त । तुर्की की मुद्रा लीरा के डूबने का असर दुनियाभर में पड़ा है और घरेलू मुद्रा रुपया भी इससे अछूती नहीं है। शुरुआती कारोबार में मामूली बढ़त बनाने के बाद रुपया आज डॉलर के मुकाबले घटकर 70.09 पर पहुंच गया। यह इसका ऐतिहासिक रिकॉर्ड निम्नस्तर है।
तुर्की के आर्थिक संकट से फिर एक बार वैश्विक मंदी आने का डर है जिसका असर दुनियाभर के बाजारों पर देखा जा सकता है। इसने विश्व स्तर पर निवेशकों के रुख को प्रभावित किया है और वह डॉलर को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर देख रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि तुर्की लीरा का संकट पिछले हफ्ते से लगातार बना हुआ है।
कल रुपया डॉलर के मुकाबले 69.93 के स्तर पर पहुंच गया था जो कल तक का उसका निम्नस्तर था।
उधर हांगकांग से खबर है कि, एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान तुर्की के लीरा पर दबाव बना रहा। बावजूद इसके क्षेत्रीय बाजारों में हल्की स्थिरता देखी गई जबकि कल बाजारों में भारी उठा-पटक हुई थी।
इसकी वजह से निवेशकों का रुख काफी सावधानी भरा बना हुआ है। कल लीरा के डॉलर और यूरो के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशक अंकारा की प्रत्येक गतिविधि पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। लीरा संकट से जुड़ी चिंताओं के चलते शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिली है और निवेशकों को इसके दुनियाभर में फैलने का डर है।
शुरुआती एशियाई कारोबार में लीरा डॉलर के मुकाबले 6.91 पर और यूरो के मुकाबले 7.89 पर खुला। कल यह डॉलर और यूरो के मुकाबले क्रमश: 7.24 और 8.12 पर बंद हई थी।
लीरा संकट के पीछे कई कारण हैं जिनमें बाजार की ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की मांग को में केंद्रीय बैंक द्वारा अस्वीकार किया जाना है।
साथ ही अमेरिकी पादरी की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका द्वारा तुर्की पर प्रतिबंध लगाए जाने से पैदा हुआ तनाव अहम कारण है। हालांकि इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप के रक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन की तुर्की के राजदूत सरदार किलिक से मुलाकात के बाद कुछ सकारात्मक उम्मीद बनी है।
निवेशकों के सावधानी भरे रुख के बीच नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक के मुख्य विदेशी मुद्रा विनिमय रणनीतिकार रे एट्रिल ने उम्मीद जतायी है कि यह संकट दुनियाभर में नहीं फैलेगा।attacknews.in