नंदीग्राम,01 अप्रैल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में आज हुई घटनाओं के मद्देनजर राज्यपाल जगदीप धनकड़ से टेलीफोन पर बातचीत कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आग्रह किया।
सुश्री बनर्जी दिन में यहीं रहीं और उनकी मौजूदगी से भारतीय जनता पार्टी तथा तृणमूल के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। नंदीग्राम के गोकुल नगर में एक बूथ के बाहर दोनों पार्टियों के सैंकड़ों कार्यकर्ता देखे गए।
सुश्री बनर्जी अभी भी यहीं हैं और उनकी मौजूदगी का स्थानीय भाजपा नेता विरोध कर रहे हैं।
उनके यहां पहुंचने के बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जोरदार झड़पें देखने को मिली थी और जैसे ही वह यहां पहुंची तो लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। सुश्री बनर्जी ने कहा कि दूसरे राज्यों से गुंडे यहां आकर हंगामा कर रहे हैं और जो लोग नारे लगा रहे हैं, वे बाहरी लोग हैं। ये लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं और केन्द्रीय सुरक्षा बल इनकी हिफाजत कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल मतदाताओं को मतदान नहीं करने दे रहा है तथा सीआरपीएफ वास्तविक मतदाताओं को नंदीग्राम के बूथ नंबर सात में नहीं जाने दे रही है।
भाजपा कार्यकर्ता सुश्री बनर्जी के यहां से जाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री बाहर से अपने साथ लोगों को लाई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल स्थिति को सामान्य करने की कोशिश करने में लगी रही । इस बीच एक महिला समर्थक ने कहा कि एक खास समुदाय के लोग उनसे नफरत करते हैं और वह तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने यहां आई हैं।
नंदीग्राम चुनाव: ममता बनर्जी दिनभर रही ‘वार रूम’ में, तृणमूल ने अभिकर्ताओं को रोकने का आरोप लगाया
ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में नंदीग्राम सीट के लिए हो रहे मतदान के दौरान रेयापाड़ा इलाके में अपने ‘वार रूम’ में रहने का फैसला किया था। नंदीग्राम सीट पर ममता और भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के बीच कड़ा मुकाबला है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बनर्जी इस हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीट में मतदान पर नजर रख रही थी। मतदान सुबह सात बजे मतदान आरंभ हुआ था । इस बीच, स्थानीय तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्रों में उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि नंदीग्राम के भीमकाता इलाके में तृणमूल कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र में हिंसा या किसी प्रकार की अप्रिय घटना की कोई जानकारी नहीं मिली।
तृणमूल के सूत्रों ने बताया कि बनर्जी ने पहले बृहस्पतिवार शाम साढ़े छह बजे मतदान समाप्त होने के बाद उत्तर बंगाल में प्रचार करने के लिए इलाके से जाने का फैसला किया था, लेकिन उन्होंने सुबह अपना कार्यक्रम बदल दिया।
बनर्जी के साथ मौजूद तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने रुकने और कल जाने का फैसला किया है। बनर्जी इलाके में हालात पर नजर रखेंगी और यदि आवश्यकता हुई, तो पर मतदान स्थलों पर भी जाएंगी।’’
बनर्जी 27 मार्च से नंदीग्राम में हैं। उन्होंने बुधवार को आरोप लगाया था कि नंदीग्राम में समस्या पैदा करने और मतदाताओं को डराने के लिए अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश और बिहार से ‘गुंडे’ लाए गए हैं।
इस बीच, तृणमूल ने आरोप लगाया कि नंदीग्राम ब्लॉक दो के विभिन्न मतदान केंद्रों में भाजपा ने उसके निर्वाचन अभिकर्ताओं को धमकाया।
तृणमूल के एक नेता ने कहा, ‘‘हमारे अभिकर्ताओं को नंदीग्राम ब्लॉक-दो में कई मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया। कुछ क्षेत्रों में मतदाताओं को मताधिकार का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया। हमने ईसी (निर्वाचन आयोग) में शिकायत दर्ज कराई है।’’
भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है।
वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार सुबह मतदान शुरू होने के तुरंत बाद अपना वोट डाला और रिकॉर्ड अंतर से सीट जीतने का भरोसा जताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपनी जीत का भरोसा है और मैं अपने प्रतिद्वंद्वी की तरह किसी पर व्यक्तिगत हमले करने नहीं आया हूं। आपने देखा है कि मैं मतदान करने आया, इसलिए इलाके में लोग कितनी अधिक संख्या में बाहर आ रहे हैं।’’
इस बीच, भाजपा कार्यकर्ता उदय दुबे का शव नंदीग्राम ब्लॉक-एक के रेयापाड़ा इलाके के निकट लटका मिला।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि दुबे ने संभवत: इसलिए कथित रूप से आत्महत्या कर ली क्योंकि तृणमूल के ‘‘गुंडे’’ उन्हें लगातार डरा-धमका रहे थे।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने इन आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताया है।
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में पुलिसकर्मियों का एक दल तैनात किया गया ।