नयी दिल्ली, दो दिसंबर । महिला अधिकारों की पैरोकारी करने वाले संगठन भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक को लेकर विधेयक का मसौदा तैयार किए जाने का स्वागत किया और कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक में बहुविवाह और निकाह हलाला जैसी प्रथाओं को शामिल किया जाना चाहिए।
बीएमएमए की सह-संस्थापक जकिया सोमन ने एक बयान में कहा, ‘‘हम विधेयक के मसौदे के प्रावधानों का स्वागत करते हैं, लेकिन इस विधेयक में बहुविवाह और निकाह हलाला जैसी प्रथााओं को शामिल किया जाना चाहिए। ये मुद्दे भी तीन तलाक से जुड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कानूनी प्रावधानों के बावजूद हलाला की प्रथा जारी है। प्रस्तावित कानून में हलाला को भी दंडात्मक अपराध बनाया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि शादी टूटने के बाद अगर पुरूष और महिला फिर से साथ आना चाहते हैं तो वे साथ आ सकें। इसी तरह बहुविवाह की प्रथा पर भी अंकुश लगाने की जरूरत है।’’
केंद्र सरकार की ओर से तैयार विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल जेल की सजा हो सकती है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि मसौदा ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ शुक्रवार को राज्य सरकारों के पास उनकी राय जानने के लिए भेजा गया।attacknews.in