चित्रकूट 24 नवम्बर । उत्तर प्रदेश में चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास 12741 वास्कोडिगामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बे आज तड़के पटरी से उतर गये जिससे पिता पुत्र समेत तीन यात्रियों की मृत्यु हो गई और 20 घायल हो गये।
घायलों में पांच की हालत गंभीर बतायी गयी है।मृतकों की पहचान दीपक पटेल और रामस्वरूप पटेल के रूप में की गयी है।
मृतकों के परिजनों को पांच लाख की अनुग्रह राशि
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश में चित्रकूट के पास मानिकपुर स्टेशन पर 12741 डाउन वास्कोडिगामा पटना एक्सप्रेस की आज तड़के हुई दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए हादसे की जांच के आदेश दे दिये हैं और हताहत यात्रियाें के लिये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
नईदिल्ली में रेलवे बोर्ड में जनसंपर्क महानिदेशक अनिल सक्सेना ने बताया कि रेल मंत्री ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है और दुर्घटना के कारणों की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं।वह बचाव एवं राहत अभियान पर पूरी नज़र रखे हैं जबकि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी घटनास्थल पहुंच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मानिकपुर स्टेशन से पटना की ओर रवाना होने के कुछ ही देर बाद 13 डिब्बे पटरी से उतर गये.
हादसा शुक्रवार सुबह करीब सवा चार बजे हुआ. उस वक्त ज्यादातर यात्री गहरी नींद में थे.
गोवा से निकली ट्रेन वास्को डी गामा एक्सप्रेस बिहार की राजधानी पटना जा रही थी. स्थानीय पुलिस अधिकारी प्रताप गोपेंद्र सिंह के मुताबिक, “डिब्बों में फंसे लोगों को हम निकाल चुके हैं और घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है.”
भारतीय रेल के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा, “तीन यात्रियों की मौत हो गयी है और तीन गंभीर रूप से घायल हैं.” मृतकों में छह साल का एक बच्चा और उसके पिता भी हैं.
दुर्घटनास्थल पर घना कोहरा था, जिसकी वजह से राहत और बचाव के काम में दिक्कत आई . पुलिस ने आशंका जताते हुए कहा कि हादसा टूटी पटरी की वजह से हुआ होगा. सरकार ने मृतकों के परिवारजनों को 5,00,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.
हादसे की वजह से पूर्वोत्तर भारत की तरफ जाने वाली मुख्य रेल लाइन बाधित हुई है. इस रूट से गुजरने वाली बाकी ट्रेनें देरी से चल रही हैं.
आए दिन होते हादसों की वजह से भारतीय रेल की हालत खराब हो चुकी है. भारत में अब भी ज्यादातर लोग लंबी दूरी का सफर ट्रेनों से करते हैं. पटरियों की खस्ता हालत, पुराने डिब्बे और इंसानी लापरवाही के चलते देश में हर साल सैकड़ों लोग रेल हादसों का शिकार होते हैं.
2012 में सरकार की एक रिपोर्ट जारी हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 15,000 लोग रेल हादसों में मारे जाते हैं. हादसों को वार्षिक “नरसंहार” भी कहा गया था.attacknews