नयी दिल्ली, 13 फरवरी । टाटा ट्रस्ट ने बुधवार को कहा कि उसके प्रबंध न्यासी आर वेंकटरमणन ने इस्तीफा दे दिया है। बताया गया है कि उन्होंने दूसरी संभावनाओं पर काम करने के इरादे से इस्तीफा दिया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार न्यासियों ने ट्रेंट लि. के चेयरमैन तथा टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक नोएल एन टाटा तथा परमार्थ कार्यों में लंबे समय से लगे जहांगीर एच सी जहांगीर सर रतन टाटा ट्रस्ट के न्यासी नियुक्त किये गये हैं।
टाटा ट्रस्ट ने एक बयान में कहा है कि वेंकटरमणन प्रबंध न्यासी/ टाटा ट्रस्ट के न्यासी के पद की जिम्मेदारी 31 मार्च 2019 को छोड़ देंगे।
फिलहाल न्यासियों की एक समिति तत्काल प्रभाव से बनायी गयी है। वह न्यास का काम देखेगी और नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी का चयन करेगी। इस समिति में ट्रस्ट के चेयरमैन रतन एन टाटा, उपाध्यक्ष विजय सिंह तथा वेणु श्रीनिवासन शामिल हैं।
टाटा ट्रस्ट के न्यासियों की बुधवार को बैठक हुई जिसमें वेंकटरमणन के पद छोड़ने के आग्रह को स्वीकार कर लिया। उन्होंने ट्रस्ट के कार्यकारी न्यासी / प्रबंध न्यासी का पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया।
उन्होंने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब टाटा परिवार के सदस्यों वाले परमार्थ ट्रस्ट को कर छूट का दर्जा कथित रूप से वापस लेने की रिपोर्ट है। इसका कारण वेंकटरमणन को ट्रस्ट की ओर से पारितोषिक का भुगतान किया जाना है।
उनके खिलाफ एयर एशिया इंडिया के लिये अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का लाइसेंस हासिल करने को लेकर कथित रूप से भ्रष्ट तरीके अपनाने के आरोप में सरकारी नीतियों के साथ कथित हेराफेरी करने की कोशिश के आरोप में सीबीआई ने पिछले साल जांच की थी। हालांकि उस समय टाटा ट्रस्ट ने उनका बचाव किया था।
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