मुंबई , नौ जुलाई । राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ दाखिल साइरस मिस्त्री की याचिका को आज खारिज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि मिस्त्री ने खुद को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को एनसीएलटी में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी।
बीएसवी प्रकाश कुमार और वी . नालासेनापति की अध्यक्षता वाली एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने कहा मिस्त्री को इसलिये हटाया गया क्योंकि टाटा संस के निदेशक मंडल और उसके अधिकतर सदस्यों का विश्वास उन पर (मिस्त्री) से उठ गया था।
न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने मिस्त्री की उन दलीलों को स्वीकार नहीं किया , जिसमें कहा गया था कि उनका निष्कासन निदेशक मंडल द्वारा गड़बड़ी करके किया गया है और यह अल्पांश शेयरधारकों का उत्पीड़न है।
पीठ ने कहा कि कंपनी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आयकर विभाग को देने , मीडिया में जानकारियां लीक करने और कंपनी के शेयरधारकों और उसके निदेशक मंडल के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर खुलकर सामने आने के बाद मिस्त्री को हटाया गया था क्योंकि निदेशक मंडल और इसके सदस्यों का उन पर से विश्वास खत्म हो गया था।
अक्तूबर 2016 में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके दो महीने के बाद उनकी कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट ने एनसीएलटी का रुख किया था। याचिका के मुताबिक , पांच महीने बाद उन्हें एनसीएलटी के पास आने के लिए टाटा संस के निदेशक मंडल में निदेशक पद से हटा दिया गया।
एनसीएलटी के इस आदेश के खिलाफ मिस्त्री राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अपील कर सकते हैं
टाटा संस ने कहा:
इधर मुंबई, में टाटा संस ने आज कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का साइरस मिस्त्री की याचिका खारिज करने का आदेश समूह के रुख की पुष्टि करता है और उसकी कंपनियों ने हमेशा निष्पक्ष तरीके से और शेयरधारकों के बेहतर हित में काम किया।
एनएसएलटी, मुंबई ने टाटा संस के चेयरमैन पद से अक्तूबर 2016 में हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई साइरस मिस्त्री की याचिका को आज खारिज कर दिया।
आदेश का स्वागत करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘यह फैसला समूह के रुख की पुष्टि करता है। समूह की कंपनियों ने हमेशा शेयरधारकों के हित में काम किया है।’’
टाटा समूह हमेशा से पारदर्शिता और बेहतर कंपनी संचालन को लेकर प्रतिबद्ध रहा है और यह प्रतिबद्धता बनी रहेगी।
न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने मिस्त्री की उन दलीलों को स्वीकार नहीं किया, जिसमें कहा गया था कि उनका निष्कासन निदेशक मंडल द्वारा गड़बड़ी करके किया गया है और यह अल्पांश शेयरधारकों का उत्पीड़न है।
उल्लेखनीय है कि अक्तूबर 2016 में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था।
इसके दो महीने के बाद उनकी कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट ने एनसीएलटी का रुख किया था
साइरस मिस्त्री अपील करेंगे
नयी दिल्ली ,से खबर है कि टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने कहा कि वह राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
एनसीएलटी ने आज टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने जाने के खिलाफ दाखिल मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया है।
मिस्त्री के कार्यालय की ओर से जारी बयान में एनसीएलटी की मुंबई पीठ के फैसले को ” हैरान करने वाला नहीं बल्कि निराशाजनक ” बताया गया है।
बयान में कहा गया है , ” हम बहुलांश हिस्सेदारी वालों के क्रूर शासन से टाटा संस के सभी हितधारकों और अल्पांश शेयरधारकों के हितों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रखेंगे। ’’
न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि उसने मिस्त्री की उन दलीलों को स्वीकार नहीं किया , जिसमें कहा गया था कि उनका निष्कासन निदेशक मंडल द्वारा गड़बड़ी करके किया गया है और यह अल्पांश शेयरधारकों का उत्पीड़न है।
मिस्त्री के कार्यालय ने कहा , ” यह फैसला न्यायाधिकरण द्वारा व्यक्त की गई पिछली स्थिति के अनुरूप ही है। मामले योग्यता के आधार पर अपील की जाएगी। ”
कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एनसीएलटी के आदेश को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चुनौती दी जा सकती है।
बयान के मुताबिक , टीटीएसएल , एयर एशिया , उद्यमी सी शिवशंकरन से ‘ बकाये की वसूली ‘, घाटे में चल रही नैनो को बंद नहीं करना , टाटा स्टील यूरोप का समाधान और सभी गंभीर मुद्दों को अपील में शामिल किया जाएगा।attacknews.in