चेन्नई 23 मई। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर यूनिट के निर्माण पर रोक लगा दी है।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले एक महीने से वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है। मंगलवार को स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं और अपने बचाव में फायरिंग भी की। पुलिस से हुई हिंसक झड़प में 30 से ज्यादा लोगों के घायल हो गये हैं।
धारा 144 पूरे इलाके में लागू
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने 9 लोगों के मरने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा कि मरने वालों के परिवारों को 9 लाख रुपये और घायलों को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संयंत्र की तरफ बढ़ने से रोके जाने कारण प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिस के वाहनों को पलट दिया। उन्होंने बताया कि मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इकाई को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।
रैली निकालने की अनुमति न मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों को खदेड़ने की कोशिश की और नारेबाजी करने लगे।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी पथराव करने लगे और पुलिस वाहन को पलट दिया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े
उन्होंने बताया कि पथराव की घटना में बीस से अधिक लोगों को मामूली चोट आई हैं और कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि संबंधित इकाई की वजह से क्षेत्र में भूजल प्रदूषित हो रहा है। गौरतलब है कि वहां 20 हजार से अधिक प्रदर्शनकारी जमा हुए थे।
100 दिनों से यूनिट बंद करने की मांग कर रहे थे लोग
मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, तूतिकोरिन की जनता करीब 100 दिनों से प्लांट बंद करने की मांग कर रही है। इसे देखते हुए प्रशासन ने यहां एहितयातन धारा-144 लगा रखी है।
मंगलवार को लोग कॉपर प्लांट तक मार्च करना चाहते थे। प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट तक रैली निकालने की मांग करने लगे। जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस बीच लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। वहीं, राज्य के विपक्षी दलों ने इसे सरकार की दमनकारी नीति बताया है। तूतिकोरिन में विरोध को देखते हुए 2,000 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा
प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए लोगों के परिजनों के लिए राज्य सरकार ने 10-10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। इसके अलावा मृतक के परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है। सरकार के मुताबिक, घटना में घायल हुए लोगों को 3-3 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। मामले की जांच के लिए सरकार एक आयोग का भी गठन करेगी।
20 साल से चल रही है कॉपर यूनिट
तूतिकोरिन के मीलवितान में वेदांता ग्रुप की स्टेरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लि. की कॉपर यूनिट 20 साल से ज्यादा समय से है। मार्च 2013 में प्लांट से गैस लीक हुई थी, इसके बाद तत्कालीन सीएम जयललिता ने इसे बंद करने का आदेश दिया था। कंपनी के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
कंपनी पर ये आरोप हैं
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने कंपनी के संचालन के लिए दाखिल रिन्युअल आवेदन को खारिज कर दिया है। बोर्ड का आरोप है कि कंपनी पर्यावरण नियमों का पालन नहीं कर रही है। बोर्ड के अनुसार कंपनी ने भूजल की स्थिति रिपोर्ट नहीं दी। कचरा निष्पादन पर कोई काम नहीं किया। प्रदूषित जल को सीधे नदी में जाने से राेकने के लिए कंपाउंड वाल नहीं बनाया।
जयललिता ने प्लांट बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन NGT ने फैसला पलट दिया
वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड का प्लांट तूतीकोरिन में पिछले 20 साल से चल रहा है। मार्च 2013 में प्लांट में गैस रिसाव के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने इसे बंद करने का आदेश दिया था। इसके बाद कंपनी एनजीटी में चली गई। एनजीटी ने राज्य सरकार का फैसला उलट दिया। राज्य सरकार इस पर सुप्रीम कोर्ट में चली गई और अब याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है।attacknews.in