नयी दिल्ली, 12 फरवरी । ताजिकिस्तान में शुक्रवार रात शक्तिशाली भूकंप आया जिसके झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत उत्तर भारत के अनेक हिस्सों में महसूस किए गए।
भूकंप विज्ञान विभाग ने पहले भूलवश बताया था कि भूकंप का केंद्र पंजाब के अमृतसर में 19 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। हालांकि उसने बाद में संशोधित बयान जारी कर पुष्टि की कि भूकंप दरअसल ताजिकिस्तान में आया।
विभाग ने कहा कि यह गलती सॉफ्टवेयर के कारण हुई।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई।
भूकंप रात 10 बजकर 34 मिनट पर आया।
इसमें तत्काल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
भूकंप से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत अनेक स्थानों पर लोगों में दहशत फैल गई। गाजियाबाद के वैशाली और वसुंधरा तथा अन्य इलाकों में भूकंप के डर से लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
जब भूकंप आया तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी शिकागो विश्वविद्यालय के छात्रों से डिजिटल तरीके से संवाद कर रहे थे, तभी उन्होंने कहा कि पूरा कमरा हिल रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘2005 में आए भूकंप के बाद से श्रीनगर में आया कोई झटका इतना शक्तिशाली नहीं था कि मुझे घर से बाहर जाने को मजबूर कर सकता। मैंने कंबल लिया और भागा। मुझे अपने साथ फोन ले जाना भी याद नहीं रहा, इसलिए जब जमीन हिल रही थी तब ‘भूकंप’ ट्वीट नहीं कर पाया।’’
एनसीएस के संचालन प्रमुख जेएल गौतम ने कहा, ‘‘भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था। शुरुआती जांच में पता चला था कि केंद्र अमृतसर था। हमने उस जानकारी को संशोधित किया है।’’
एनसीएस ने कहा था कि भूकंप के दो झटके आए, ताजिकिस्तान में रात 10.31 पर और अमृतसर में रात 10.34 पर।
बाद में गौतम ने कहा, ‘‘एक ही झटका आया।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।