भारतीय रेल ने अनोखा कारनामा कर दिखाया: इतिहास में पहली बार समय से पहुँची सारी ट्रेनें attacknews.in

नयी दिल्ली 02 जुलाई ।देश के इतिहास में पहली बार सारी यात्री ट्रेनें अपने अंतिम गंतव्य पर समय से पहुँची हैं।

कोरोना काल में यात्री गाड़ियों के बेहद कम दबाव के बीच भारतीय रेल ने बुधवार को यह अनोखा कारनामा कर दिखाया। बुधवार को कुल 201 यात्री गाड़ियाँ अपने गंतव्य पर पहुँची और खास बात यह रही कि सारी की सारी ट्रेनें सही समय पर पहुँचीं।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि रेलवे सेवाओं को अभूतपूर्व स्तर पर ले जा रहा है। उन्होंने लिखा “ट्रेनें फास्ट लेन में चल रही हैं। सेवाएं अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच रही हैं। भारतीय रेल ने 01 जुलाई को शत-प्रतिशत समय की पाबंदी हासिल कर इतिहास रच दिया है।”

इससे पिछला रिकॉर्ड भी कोरोना काल में ही बना था। गत 23 जून को 99.54 प्रतिशत ट्रेनें समय से अपने गंतव्य पर पहुँची थीं। मात्र एक ट्रेन के पहुँचने में देरी होने से उस दिन 100 प्रतिशत का रिकॉर्ड नहीं बन सका था।

अप्रैल 2023 में देशभर में दौड़ने लगेगी निजी ट्रेनें, निजी ट्रेनों का किराया कंपनी स्वयं तय करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली ,02 जुलाई ।निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 में शुरू होने की उम्मीद है और उसके बाद सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने लगेगा।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने आज यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने बताया कि निजी ट्रेनों के परिचालन के लिए इस साल नवंबर तक वित्तीय बोली आमंत्रित किये जाने की उम्मीद है। अगले साल फरवरी मार्च तक वित्तीय बोली के आधार पर क्लस्टरों का आवंटन कर दिया जायेगा और उम्मीद है कि अप्रैल 2023 तक देश में निजी ट्रेन चलनी शुरू हो जाएंगी।

निजी ट्रेनों का किराया कंपनी स्वयं तय करेगी

रेलवे ने 109 मार्गों पर जिन 151 आधुनिक ट्रेनों के परिचालन के लिए निविदा जारी की है उनका किराया तय करने का अधिकार ट्रेन चलाने वाली कंपनी को होगा।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निजी कंपनी को किराया और ट्रेन के अंदर दी जाने वाली सेवाओं जैसे खानपान, बिस्तर-कंबल, वाईफाई आदि का शुल्क तय की पूरी स्वतंत्रता होगी। वह चाहे तो बैगेज के लिए अलग से भी शुल्क लगा सकती है। हालाँकि इन ट्रेनों के टिकट की बिक्री भी भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के माध्यम से ही होगी।

अप्रैल 2023 से शुरू हो सकता है निजी रेल परिचालन, प्रतिस्पर्धी होगा किराया: रेलवे बोर्ड चेयरमैन

देश में निजी रेलगाड़ियों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू हो सकता है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुये कहा कि इन रेलमार्गों पर यात्रा किराया इन मार्गों के हवाई यात्रा किराये के अनुरूप प्रतिस्पर्धी होगा।

यादव ने आनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यात्री रेलगाड़ी परिचालन में निजी कंपनियों के उतरने से रेलगाड़ियों को तेज गति से चलाने और रेल डिब्बों की प्रौद्योगिकी में नया बदलाव आएगा।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के बेहतर होने से रेलगाड़ी के जिन कोचों को अभी हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी। इससे उनका महीने में एक या दो बार ही रखरखाव करना होगा।

यादव की ओर से यह टिप्पणियां रेलवे के यात्री परिचालन में निजी कंपनियों को प्रवेश देने की आधिकारिक घोषणा के एक दिन बाद आयी हैं। सरकार ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों के माध्यम से 109 युगल रेलमार्गों पर निजी कंपनियों द्वारा यात्री रेलगाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए पात्रता आवेदन मांगे हैं।

भारतीय रेलवे नेटवर्क को निजी हाथों में सौंपने को लेकर आशंका से जुड़े एक सवाल के जवाब में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा किया जाने वाला यात्री रेलगाड़ी परिचालन भारतीय रेलवे के कुल यात्री रेलगाड़ी परिचालन का मात्र पांच प्रतिशत होगा। भारतीय रेल अभी करीब 2,800 मेल या एक्सप्रेस रेलगाड़ियों का परिचालन करती है।

यादव ने कहा, ‘‘ट्रेनों की खरीद निजी कंपनियां करेंगी। उनके रखरखाव का जिम्मा भी उन्हीं का होगा। देश में निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है। रेलगाड़ी के सभी डिब्बों की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत की जाएगी। निजी क्षेत्र की रेलगाड़ियों के यात्रा किराये की प्रतिस्पर्धा उन्हीं मार्गों पर चलने वाली बस सेवा और हवाई सेवा से होगी।’’

उन्होंने कहा कि यात्री रेलगाड़ी परिचालन मे निजी कंपनियों को लाने का एक मकसद यह भी है कि इन्हें मांग के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे रेलगाड़ियों में ‘प्रतीक्षा सूची’ में कमी होगी।

यादव ने कहा कि कंपनियों को रेलवे की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्टेशन और रेलमार्ग इत्यादि के उपयोग का शुल्क भी देना होगा। इतना ही नहीं कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बोलियां लगाकर भारतीय रेलवे के साथ राजस्व भी साझा करना होगा।

निजी कंपनियों को समयसारिणी के हिसाब से रेलगाड़ी परिचालन में 95 प्रतिशत समयबद्धता का पालन सुनिश्चित करना होगा। उन्हें प्रति एक लाख किलोमीटर की यात्रा में एक बार से अधिक बार असफल नहीं होने के रिकार्ड के साथ चलना होगा।

यादव ने कहा, ‘‘यदि निजी कंपनियां यात्री रेलगाड़ी परिचालन से जुड़े किसी भी प्रदर्शन मानक को पूरा करने में असफल रहती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। हर रेलगाड़ी इंजन में एक बिजली मीटर भी होगा और कंपनियों को उनके द्वारा उपभोग बिजली का वास्तविक भुगतान करना होगा। यह उन्हें अपना बिजली खर्च कम रखने को प्रोत्साहित करेगा।’’

उन्होंने कहा कि इससे यात्रियों को कम लागत पर बेहतर रेलगाड़ियां और प्रौद्योगिकी मिल सकेगी। भारतीय रेल बसकी 95 प्रतिशत रेलगाड़ियों का परिचालन जारी रखेगी।

देश में 109 मार्गों पर निजी कंपनियाँ चलायेंगी ट्रेन और सभी रेलवे स्टेशनों पर दो साल में लग जायेंगे CCTV कैमरे attacknews.in

नयी दिल्ली, 01 जुलाई ।सरकार ने 109 मार्गों पर ट्रेनों के परिचालन की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई है और इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इसमें ट्रेनों की खरीद, उसके लिए पैसा जुटाने, ट्रेनों के परिचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी जबकि ड्राइवर और गार्ड रेलवे के होंगे।

कंपनी अपने राजस्व में रेलवे को हिस्सेदारी देगी। साथ ही पटरी के इस्तेमाल के लिए भाड़ा और उपभोग के आधार बिजली का शुल्क भी वह रेलवे को देगी।

रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन आमंत्रित करने के साथ ही इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सूत्रों ने बताया कि 12 क्लस्टरों में 109 मार्गों पर ‘अप’ और ‘डाउन’ मिलाकर 218 ट्रेनों का परिचालन निजी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 16 कोच वाली 151 आधुनिक ट्रेनें खरीदनी होंगी। इसमें मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की शर्त भी होगी। इस पहल से निजी कंपनियों द्वारा 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।

दो साल में सभी रेलवे स्टेशन पर लग जायेंगे सीसीटीवी कैमरे:

इधर देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम अगले दो साल में पूरा कर लिया जायेगा।

रेलवे बोर्ड के सदस्य (सिग्नलिंग और दूरसंचार) प्रदीप कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के उद्देश्य से सभी रेलवे स्टेशनों और कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव है। इनमें से 598 स्टेशनों और 2,019 कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं। अगले दो साल में सभी रेलवे स्टेशनों और 7,020 कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जायेगा। देश में छह हजार से अधिक रेलवे स्टेशन हैं।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए 1,927 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर लिया गया है तथा 1,089 स्टेशनों पर इस दिशा में काम चल रहा है।

पिछले साल ही 350 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली के साथ अपग्रेड किया गया है।
हर जोन में कम से कम एक केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली (सीटीसी) बनाने की भी योजना है। इसमें एक ही जगह से दो सौ किलोमीटर से अधिक का रेल यातायात नियंत्रित किया जा सकता है। कुल 6,966 किलोमीटर रेल मार्ग को सीटीसी प्रणाली के तहत लाने की मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना की लागत 6,328 करोड़ रुपये होगी।