जम्मू में सात किलो आईईडी बरामद,पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश विफल,द रेसिस्टेंस फ्रंट और लश्कर ए मुस्तफा के दो मुख्य कमांडरों को किया था गिरफ्तार attacknews.in

जम्मू, 14 फरवरी । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की दूसरी बरसी के मौके पर रविवार को जम्मू पुलिस ने यहां जनरल बस स्टैंड से सात किलो शक्तिशाली विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बरामद कर इस प्रकार के दूसरा हमला करने की साजिश को विफल कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर जम्मू पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर बस अड्डे के आस-पास तलाश अभियान चलाया और इस दौरान सात किलो आईईडी जब्त किया गया।

जम्मू पुलिस ने यहां जनरल बस स्टैंड से 6.5 किलोग्राम शक्तिशाली विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बरामद कर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की दूसरी बरसी के मौके पर इसी प्रकार के दूसरे हमले की साजिश विफल कर दी।

पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में यहां द रेसिस्टेंस फ्रंट और लश्कर ए मुस्तफा के दो मुख्य कमांडरों को भी गिरफ्तार किया है।

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस खुफिया सूचना के आधार पर कि पुलवामा हमले की बरसी पर आतंकवादी संगठन जम्मू बस स्टैंड पर बड़े हमले को अंजाम दे सकता है, पुलिस तीन दिन से हाई अलर्ट पर थी। इसी आधार पर जम्मू पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सभी संवेदनशील स्थानों पर नाका स्थापित किये गये और बस अड्डे के आस-पास व्यापक तलाश अभियान चलाया गया।

भारत ने ऐसे किया हमला: तड़के 3.45 से 4.05 बजे तक बालाकोट में आतंकी कैम्प को तबाह करके 350 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 फरवरी । भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था।

सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘‘हमलों को रोकने’’ के उद्देश्य से ‘‘ऐहतियात’’ के तौर पर अंजाम दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था। इसके चलते यह ‘‘आसान निशाना’’ बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में राजस्थान के चुरू में एक जनसभा में कहा, ‘‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है। देश से ऊपर कुछ भी नहीं है।’’

उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया।

ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की योजना बना रहा है।

बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

गोखले ने पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की योजना बना रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था।

गोखले ने कहा, ‘‘खुफिया जानकारी के आधार पर आज तड़के चलाए गए अभियान में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया।’’

उन्होंने कहा कि शिविर बालाकोट में स्थित था, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया।

सूत्रों ने कहा कि संदर्भ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित शहर का था जो नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर और ऐबटाबाद के नजदीक स्थित है जहां अमेरिकी बलों ने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था।

गोखले ने इस बारे में भी ब्योरा नहीं दिया कि हमले किस तरह किए गए, लेकिन सूत्रों ने बताया कि बम गिराने के लिए मिराज 2000 जेट विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया जिनमें अन्य विमान भी शामिल थे।

वर्ष 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी हवाई शक्ति का इस्तेमाल किया है।

सूत्रों ने बताया कि भारत को खुफिया सूचना मिली थी कि जैश ए मोहम्मद ने अनेक प्रशिक्षु आतंकवादियों, उनके प्रशिक्षकों और इससे जुड़े अन्य लोगों को बालाकोट शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित शिविर में भेज दिया है जहां 500 से 700 लोग ठहर सकते हैं। शिविर में एक स्विमिंग पूल भी है।

उन्होंने कहा कि पूरे तालमेल के साथ चलाए गए अभियान में लड़ाकू और अन्य विमानों ने पश्चिमी और मध्य कमानों के तहत आने वाले विभिन्न वायुसेना स्टेशनों से लगभग एक ही समय पर उड़ान भरी जिससे पाकिस्तान रक्षा अधिकारी यह समझने में भ्रम के शिकार हो गए कि ये विमान कहां जा रहे हैं।

विमानों का एक समूह बेड़े से अलग होकर बालाकोट की ओर चला गया जहां ‘‘सोते हुए आतंकवादी भारत की बमबारी का आसान निशाना बन गए।’’

माना जाता है कि समूचे अभियान में 20 मिनट से अधिक का समय लगा जिसकी शुरुआत तड़के 3.45 पर हुई और जो 4.05 बजे तक चला।

गोखले ने कहा, ‘‘इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद के बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए और जिहादियों के समूह नष्ट हो गए जिन्हें फिदायीन हमलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।’’

उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि हमले में किसी आम नागरिक की जान न जाए।

सूत्रों ने बताया कि शिविर में कम से कम 325 आतंकवादी और 25 से 27 प्रशिक्षक थे।

कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हमले के बारे में ट्वीट किया, ‘‘वायुसेना ने आज तड़के नियंत्रण रेखा पार आतंकी शिविरों पर हवाई हमले किए और इन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया।’’

इससे पहले, भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि मिराज-2000 जेट विमानों ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर सुनियोजित हमला कर बम गिराए और उन्हें नष्ट कर दिया।

पाकिस्तान के विदेश सचिव शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर ‘‘हमला’’ किया है और इस्लामाबाद को ‘‘जवाब देने का अधिकार’’ है।

गोखले ने बयान पढ़ते हुए कहा कि आम लोगों की मौजूदगी से काफी दूर बालाकोट में घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित आतंकी शिविर का संचालन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी करता था।

बयान में यह नहीं बताया गया कि हमले में यूसुफ अजहर मारा गया या नहीं।

उन्होंने कहा कि आसन्न खतरे के मद्देनजर एहतियाती हमला ‘‘अत्यावश्यक’’ हो गया था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत सभी कदम उठाने को प्रतिबद्ध है।

गोखले ने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों सहित सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट करे।

उन्होंने रेखांकित किया कि जैश ए मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है और वह दिसंबर 2001 में भारतीय संसद तथा जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमलों सहित अनेक आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है।

हमलों के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद थे।

आतंकी ठिकानों पर भारत के हवाई हमलों की विभिन्न दलों के नेताओं ने सराहना की। भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति से यह संभव हो पाया। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय वायुसेना की सराहना की और इसके पायलटों को सलाम किया।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सशस्त्र बलों को उनकी ‘‘वीरता और शौर्य’’ के लिए बधाई दी।

हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में लोग जश्न मनाते दिखे।

लता मंगेशकर, अक्षय कुमार और सलमान खान सहित अन्य बॉलीवुड हस्तियों ने भी सशस्त्र बलों को बधाई दी।

भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा, ‘‘प्रत्येक भारतीय को, जिसके दिल में हमारे बलों की शहादत पर दर्द और गुस्सा था, आज सुबह उन्हें काफी राहत और खुशी मिली। अभियान के लिए वायुसेना को सलाम। यह हमारे प्रधानमंत्री और उनकी टीम की राजनीतिक इच्छाशक्ति है जिससे यह संभव हो पाया।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों पर भारतीय वायुसेना का हमला ‘‘पूरी तरह से एक नया तरीका’’ है क्योंकि यह पहली बार हुआ है जब पड़ोसी देश में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए शांतिकाल में हवाई शक्ति का इस्तेमाल किया गया है।

इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय के उच्चाधिकारियों के साथ ‘‘आपात बैठक’’ के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को जानकारी दी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले, उन्होंने (भारत) आज पाकिस्तान के खिलाफ हमला किया। यह नियंत्रण रेखा का उल्लंघन है। मैं इसे नियंत्रण रेखा का उल्लंघन मानता हूं और पाकिस्तान को आत्मरक्षा में उपयुक्त जवाब देने का अधिकार है।’’

इससे पहले, पाकिस्तानी सेना ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया।

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा अंतर-सेवा जन संपर्क (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय वायुसेना के विमान मुजफ्फराबाद सेक्टर से घुसे। पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से समय पर और प्रभावी जवाब मिलने के बाद वे जल्दबाजी में अपने बम गिराकर बालाकोट के पास से बाहर निकल गए। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है। पाकिस्तानी वायुसेना ने तुरंत जवाब दिया। भारतीय विमान लौट गए।’’

हमले के बाद भारतीय सेना ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की यह कविता ट्वीट की है।

‘क्षमाशील हो रिपु-समक्ष

तुम हुए विनीत जितना ही,

दुष्ट कौरवों ने तुमको

कायर समझा उतना ही।

सच पूछो, तो शर में ही

बसती है दीप्ति विनय की,

सन्धि-वचन संपूज्य उसी का जिसमें शक्ति विजय की।’

यह ट्वीट अतिरिक्त महानिदेशक, जन सूचना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया ।

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जैश-ए-मोहम्मद के बड़े आतंकी कैम्पों में गिना जाता था बालाकोट, मसूद अजहर का साला यूसुफ अजहर इसे संचालित करता था, पुलवामा जैसा एक ओर आतंकी हमला करने की फिराक में था attacknews.in

नयी दिल्ली 26 फरवरी । वायु सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर बालाकाेट में जैश ए मोहम्मद के जिस आतंकवादी कैंप को आज नेस्तनाबूद किया उसे संगठन के मुखिया मसूद अजहर का साला मौलाना युसूफ अजहर चलाता था जो इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर कंधार ले गया था।

सूत्रों के अनुसार इस आतंकवादी कैंप में आतंकवादियों के साथ-साथ बॉडर एक्शन टीम (बैट) के कमांडो को हथियारों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता था। यह जैश ए मोहम्मद के बड़े कैंपों में गिना जाता था और इसमें हर रोज कम से कम 200 आतंकवादी रहते थे। अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले इस कैंप में अब तक हजारों आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी थी। मसूद अजहर के बेटे अब्दुल्ला ने भी दिसम्बर 2017 में इसी कैंप में हथियारों का गहन प्रशिक्षण लिया था।

पुलवामा जैसे एक और हमले की फिराक में था जैश-ए-मोहम्मद : गोखले

विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा जैसे एक अन्य आत्मघाती हमले की साजिश में था और इसलिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में बमबारी कर उसके शिविर को नेस्तनाबूत कर दिया।

श्री गोखले का पूरा बयान इस प्रकार है – 

“14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किये गए आत्मघाती आतंकी हमले में हमारे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 बहादुर जवान शहीद हुए थे। पिछले दो दशकों से जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर के नेतृत्व में पाकिस्तान में सक्रिय है, और बहावलपुर में इसका मुख्यालय है।

यह संगठन, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, दिसंबर 2001 में भारतीय संसद और जनवरी 2016 में पठानकोट वायु सेना अड्डा सहित कई जघन्य आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।

पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के स्थान के बारे में समय-समय पर पाकिस्तान को जानकारी दी गई है। लेकिन, पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा। सैकड़ों जिहादियों को प्रशिक्षण देने में सक्षम ऐसी अपार प्रशिक्षण सुविधाओं का अस्तित्व पाकिस्तान के अधिकारियों के जानकारी के बिना संभव नहीं हो सकता।

भारत पाकिस्तान से बार-बार जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता रहा है ताकि जिहादियों को पाकिस्तान के अंदर प्रशिक्षित करने और हथियार देने से रोका जा सके, लेकिन पाकिस्तान ने अपनी धरती से आतंकवाद के बुनियादी ढाँचे को समाप्त करने के लिए कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है।

हमें विश्वस्त गोपनिय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में एक और आत्मघाती आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था और फिदायीन जिहादियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। इस संभावित खतरे को रोकने के लिए यह प्रहार अनिवार्य हो गया था।

इसलिए, आज सुबह-सुबह, भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर प्रहार किया। इस ऑपरेशन में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, वरिष्ठ कमांडर, प्रशिक्षक और आतंकी हमलों के प्रशिक्षण के लिए आये हुए जिहादियों के समूहों को समाप्त कर दिया गया। बालाकोट की इस आंतकी प्रशिक्षण संस्था का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहे थे।
भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। इसलिए, मिली हुई जानकारी के अनुसार, संभावित आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए इस असैन्य कार्रवाई को विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर ही केन्द्रित किया गया था। जन हानि न हो इसका ध्यान रखते हुए, हमने अपने हमले के ठिकानों का चयन किया था। यह प्रशिक्षण केंद्र आबादी वाले इलाके से दूर एक घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित है। क्योंकि यह हमला कुछ घंटे पहले ही हुआ है, इसलिए हम और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

जनवरी 2004 में पाकिस्तान सरकार ने अपने नियंत्रण के तहत आने वाले किसी भी क्षेत्र को भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए प्रयोग न होने देने की प्रतिबद्धता प्रकट की थी। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपनी सार्वजनिक प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा और जैश-ए-मोहम्मद सहित सभी आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त करेगा और इसके लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा।”

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