राहुल गांधी ने अरुणाचल से एक लड़के के लापता होने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुज़दिल कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 जनवरी । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के एक किशोर का चीन के सैनिकों द्वारा अपहरण किए जाने संबंधी भाजपा सांसद तापिर गाव के दावे को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से साबित होता है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

उन्होंने यह भी कहा कि वह इस किशोर के परिवार के साथ खड़े हैं।

गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाव ने बुधवार को कहा था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने राज्य में भारतीय क्षेत्र के अपर सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया है।

उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि अपहृत किशोर की पहचान मिराम तरोन के रूप में हुई है। उन्होंने दावा किया कि चीनी सेना ने सियुंगला क्षेत्र के लुंगता जोर इलाके से किशोर का अपहरण किया।

इस मामले पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है। हम मिराम तरोन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री की बुज़दिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता!’’

भारतीय सेना ने अरुणाचल से लापता लड़के का पता लगाने के लिए पीएलए से मदद मांगी

इधर भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से लापता एक लड़के मिराम टैरोन का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी है। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाव ने बुधवार को कहा था कि पीएलए ने मंगलवार को राज्य के अपर सियांग जिले में भारतीय क्षेत्र से 17 वर्षीय एक लड़के का अपहरण कर लिया। 

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भारतीय सेना को टैरोन के लापता होने के बारे में सूचना मिली तो उसने तुरंत हॉटलाइन के स्थापित तंत्र के माध्यम से पीएलए से संपर्क करके सूचित किया कि जड़ी-बूटी इकट्ठा करने निकला एक लड़का रास्ता भटक गया है और उसका पता नहीं चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि पीएलए से उनके क्षेत्र में किशोर का पता लगाने और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे वापस करने के लिए सहायता मांगी गई है।

गाव ने बुधवार को कहा कि घटना उस स्थान के पास घटी जहां से सांगपो नदी अरुणाचल प्रदेश में भारत में प्रवेश करती है। सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। सांसद ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें छोड़ा था। ताजा घटना ऐसे समय में हुई है जब भारतीय सेना का अप्रैल 2020 से पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ गतिरोध जारी है। गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच 14 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। कई दौर की वार्ता के बाद गतिरोध वाले कुछ स्थानों से सैनिकों की वापसी हुई लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया अभी बाकी है।

वाह रे लोकतंत्र! बिहार में मरने वाले उम्मीदवार ने जीता पंचायत चुनाव;अधिकारियों को तब पता चला जब वे जीतने का प्रमाणपत्र सौंपने के लिए आवाज लगाते रहे attacknews.in

जमुई (बिहार), 27 नवंबर । बिहार के जमुई जिले में एक मृत व्यक्ति ने अपनी ही मौत से पैदा हुयी “सहानुभूति” के कारण पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की है। चुनाव बुधवार को हुए थे।

यह हास्यास्पद त्रासदी जिले में तब सामने आई जब अधिकारी 24 नवंबर को हुए चुनाव में विजय हासिल करने वाले उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र सौंप रहे थे।

इस दौरान, खैरा ब्लॉक के अंतर्गत दीपकरहर गांव में वार्ड संख्या दो पर जीत दर्ज करने वाले सोहन मुर्मू कहीं नहीं मिले। खैरा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा, “पूछताछ करने पर पता चला कि मतदान संपन्न होने से एक पखवाड़े पहले छह नवंबर को ही मुर्मू की मौत हो गई थी।”

दीपकरहर झारखंड की सीमा से लगते क्षेत्र में स्थित है जहां मुख्य रूप से आदिवासी लोग रहते हैं। बीडीओ ने कहा, “मुर्मू ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 28 मतों से पराजित किया। मुर्मू के परिजनों ने कहा कि मुर्मू बीमार थे और चुनाव जीतना उनकी अंतिम इच्छा थी, इसलिए वे चुप रहे। गांव के किसी व्यक्ति ने भी हमें इसकी जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि उन सभी ने मुर्मू की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें वोट दिया।”

मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के भोलेपन के कारण अधिकारियों का काम बढ़ गया है। त्रिपाठी ने कहा, “जीत का प्रमाण पत्र किसी को भी नहीं दिया जा सकता। हम राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इसकी जानकारी देंगे और अनुरोध करेंगे कि संबंधित वार्ड के चुनाव रद्द कर फिर से चुनाव कराया जाए।”

समाजवादी पार्टी ने डा अम्बेडकर और संत रविदास का अपमान किया;मायावती ने सपा पर दलित और पिछड़े वर्ग के संतों और महापुरुषों का तिरस्कार करने के लगाए आरोप attacknews.in

लखनऊ, आठ नवंबर । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर शुरू से ही दलित और पिछड़े वर्ग के संतों और महापुरुषों का तिरस्कार करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि ऐसे में सपा से इन विभूतियों के अनुयायियों के प्रति आदर की उम्मीद करना बेमानी है।

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया, ‘सपा शुरू से ही दलितों तथा पिछड़े वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं एवं महापुरुषों का तिरस्कार करती रही है, जिसका खास उदाहरण फैजाबाद जिले में से बनाया गया नया आम्बेडकर नगर जिला है। भदोही को नया जिला संत रविदास नगर बनाने का भी इन्होंने (सपा ने) विरोध किया तथा इसका नाम तक भी सपा सरकार ने बदल दिया।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अनेक संस्थानों व योजनाओं आदि के नाम जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गये। ऐसे में सपा से उनकी व उनके मानने वालों के प्रति आदर-सम्मान एवं सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? चाहे अब यह पार्टी इनके वोट की खातिर कितनी भी नाटकबाजी क्यों ना कर ले।