मैं चौकीदार हूँ, मैं हिसाब दूंगा भी और हिसाब लूंगा भी; जो बैंको में खाते खुलवाने का मजाक उड़ाते थे, वे आज पैसा डालने की बात करते हैं attacknews.in

रुद्रपुर/ मेरठ , 28 मार्च । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक रैली में गुरुवार को कहा कि वह चौकीदार हैं, वह हिसाब देंगे और दूसरों से हिसाब लेंगे भी।

श्री मोदी ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी अजय भट्ट के समर्थन में आयोजित जनसभा में गढ़वाली भाषा में अपना सम्बोधन शुरू करते हुये कहा कि देवभूमि के करोड़ों लोगों का आशीर्वाद उनके साथ है।

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि हमारे देश के सैनिकों को जिस प्रकार से अपमानित किया जा रहा है और नीचा दिखाने का प्रयास हो रहा है तथा उनके खिलाफ अपशब्द बोलने की हिम्मत की जा रही है, वह क्षमा किये जाने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की, बलिदानियों की भूमि है। ऐसी भूमि पर देश के चौकीदार को आशीर्वाद देने के लिए इतने सारे चौकीदार एक साथ निकल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में वह विकास के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा,“मैं पूछूंगा उनसे, कांग्रेस और अन्य से कि वे अपने कार्यकाल में नाकाम क्यों रहे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी ओर फैसले टालने वालाें का इतिहास है। उस ओर वंशवाद की बहार है। एक ओर दमदार चौकीदार है तो उस ओर दागदारों की भरमार है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं नया भारत जो अपने गौरवशाली अतीत के साथ ही वैभवशाली होगा।”

श्री मोदी ने कहा कि जब आपके इस चौकीदार की सरकार के पहले महामिलावटी लोगों की सरकार थी तो देश भर में बम धमाके होते थे। आतंकवादियों की भी जाति देखी जाती थी। उनका धर्म जाना जाता था, तब कार्रवाई होती थी। उन्होंने कहा कि आज देश में तो संकल्प सिद्ध करने वाली सरकार, सर्जिकल स्ट्राइक वाली सरकार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग पूरी करने वाली सरकार यही है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह बैंक खाते खुलवाते थे तो लोग कमेंट करते थे कि बैंक कहां हैं। उनकी सरकार ने यह काम कर दिखाया। उन्होंने कहा, “बताइये इस देश में जो लोग 70 वर्ष में आपका बैंक खाता नहीं खुलवा सके। वे आपके खाते में पैसा पहुंचने देंगे क्या।”

जनसभा को क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने भी सम्बोधित किया।

मेरठ में कहा:बैंक खाते खुलवाये नहीं और पैसा डालने की बात करते हैं :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि जब उनकी सरकार ने बैंक खाते खुलवाये तो कुछ ‘बुद्धिमान’ लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं हैं खाते खुलवाने से क्या होगा और आज वही खातों में पैसे डालने की बात करते हैं।

मेरठ से लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोग 2019 में एक बार फिर मोदी सरकार बनाने का मन बना चुके हैं। रैली में मौजूद भारी भीड़ से गदगद प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि दुनिया का मीडिया, जिसे भी 2019 के जनादेश का आकलन करना है वह इस जन सैलाब को देख सकता है।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस को तो आड़े हाथों लिया ही, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा। केंद्र में सरकार बनने पर गरीबों के लिए न्याय योजना लाने के कांग्रेस के वादे पर श्री मोदी ने कहा, “जब मैं बैंक खाते खुलवाता था तो कुछ बुद्धिमान लोग कहते थे कि देश में बैंक ही नहीं है, खातों से क्या होगा। जो 70 साल में गरीब का खाता नहीं खुलवा सके वे आज कहते हैं कि खातों में पैसे डालेंगे।”

बसपा और सपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी के नेताओं को जेल भेजने के लिए ‘बहन जी’ ने जीवन के दो दशक लगा दिये, उसी से उन्होंने हाथ मिला लिया है। जिस दल के नेता बहन जी को गेस्ट हाउस में ही खत्म कर देना चाहते थे वह अब उनके साथी बन गये हैं।”

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर श्री मोदी ने कहा, “अभी पिछले चुनाव में यूपी ने दो लड़कों का खेल देखा और दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक पहुंचने में जो तेजी दिखाई गई है, वह बहुत गजब है।” मेरठ से 2019 के आम चुनाव अभियान की शुरुआत करने की वजह बताते हुए श्री मोदी ने कहा 1867 में वहीं सपना, वही आकांक्षा दिल में लिये इसी मेरठ से स्वतंत्रता के आंदोलन का पहला बिगुल फूंका गया था।

उन्होंने कहा, “पांच साल पहले जब मैंने आप सभी से आशीर्वाद मांगा था तो आपने भरपूर प्यार दिया था, मैंने कहा था आपके प्यार को मैं ब्याज सहित लौटाऊंगा और जो काम किया है, उसका हिसाब दूंगा तथा साथ में दूसरों का हिसाब भी लूंगा। ये दोनों काम साथ-साथ चलेंगे। तभी तो होगा हिसाब बराबर। चौकीदार हूं भाई और चौकीदार कोई नाइंसाफी नहीं करता। हिसाब होगा, सबका होगा, बारी-बारी से होगा।”

उन्होंने कहा आज एक तरफ नये भारत के संस्कार हैं, तो दूसरी तरफ वंशवाद और भ्रष्टाचार का विस्तार। एक तरफ दमदार चौकीदार है, तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।

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राहुल गांधी से विशेष साक्षात्कार: कांग्रेस पार्टी न्यूनतम आय योजना को लागू कर गरीबी पर आखिरी प्रहार करके गरीबों को इससे बाहर निकालेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के अपने वादे से भाजपा के पस्त होने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अर्थव्यवस्था में फिर से नयी जान फूंकी (रिमोनटाइज) जाएगी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।

गांधी ने 11 अप्रैल से शुरू होने जा रहे 17वें लोकसभा चुनाव से पहले  दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि ‘न्याय’ योजना का एक मकसद देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को साल में 72 हजार रुपये देना है और दूसरा मकसद बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में नोटबंदी जैसी विफल नीतियों और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) के खराब क्रियान्वयन से अर्थव्यवस्था को बदहाल कर दिया। असंगठित क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।’’

गांधी ने  कहा, ‘‘न्याय के दो मकसद हैं। पहला, समाज में सबसे निचले स्तर के 20 प्रतिशत परिवारों को न्यूनतम आय की गारंटी देना है। दूसरा, अर्थव्यवस्था को दुरूस्त (रिमोनटाइज) करना है जिसे मोदी जी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना का नाम ‘न्याय’ रखे जाने का एक कारण है। हमने इसका नाम ‘न्याय’ क्यों चुना? क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पांच वर्षों में गरीबों से सिर्फ और सिर्फ छीना, उन्हें कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने किसानों से छीन लिया, छोटे और मंझोले कारोबारियों से छीन लिया, बेरोजगार युवकों से भी छीना है, माताओं और बहनों की बचत तक छीन ली। हम देश के वंचित तबके को वह लौटाना चाहते हैं जो मोदी जी ने उनसे छीना है।’’

‘न्याय’ को परिवर्तनकारी और गरीबी पर आखिरी प्रहार करार देते हुए गांधी ने कहा कि यह योजना वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन करने योग्य है और इसका नोटबंदी तथा जीएसटी की तरह जल्दबाजी में क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा।

इस योजना से राजकोषीय घाटे की स्थिति खराब होने से जुड़ी कुछ अर्थशास्त्रियों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘नहीं, यह सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी संख्या में अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया, कई कागजातों तथा इस विषय से जुड़ी शोध सामाग्रियों का अध्ययन किया गया तथा इसके क्रियान्वयन की संभावना पर पूरा मंथन करने के बाद इसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का फैसला हुआ।

यह पूछे जाने पर कि ‘न्याय’ का वादा भी लोकलुभावन है तो गांधी ने कहा, ‘‘यह लोकलुभावन कदम नहीं है जैसा कि कुछ आलोचक बताने की कोाशिश कर रहे हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ अगर नरेंद्र मोदी 15 लोगों को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये देते हैं तो उसे लोकलुभावन नहीं माना जाता। तो फिर गरीबों को फायदा पहुंचाने के मकसद से तैयार न्याय योजना को इस नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए।’’

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए बिना, नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम नहीं उठा सकते। हमने विचार-विमर्श किया और परखा भी है। ‘न्याय’ वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन योग्य है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम ‘न्याय’ को जीएसटी की तरह लागू नहीं करेंगे। हम सबसे पहले पायलट परियोजना के तौर पर इसे लागू करेंगे ताकि क्रियान्वयन की प्रक्रिया में अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सके। फिर हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेंगे। हम लाभार्थियों की पहचान करने के लिए ठोस तरीका अपनाएंगे ताकि कोई पात्र परिवार छूट न जाए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट परियोजना कांग्रेस शासित राज्यों में शुरू होगी, गांधी ने कहा कि इस बारे में फैसला विशेषज्ञ करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। हमारा लक्ष्य अब गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

गांधी ने कहा कि आज भी 20 से 22 प्रतिशत परिवार गरीबी में जीवन जी रहे हैं। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री की नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) की वजह से गरीबी के दलदल में गिरे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मकसद भारत से गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि न्याय से कोई वित्तीय मुद्दा नहीं पैदा होने वाला है।

गांधी ने कहा कि सबसे गरीब लोगों के हाथ में पैसा जाने के बाद देश की विकास दर बढ़ेगी।

कांग्रेस पर दशकों से ‘गरीबी हटाओ’ का नारे लगाने के भाजपा के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी गरीब थी और कांग्रेस सरकारों ने इस परिदृश्य को बदलने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीबी उन्मूलन ही एक बड़ी परियोजना है और इसके लिए दशकों तक सतत कार्य हुआ। आजादी के बाद से कांग्रेस गरीबी उन्मूलन के कदम उठाने में अग्रणी रही है।’’ गांधी ने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, उदारीकरण और मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा का अधिकार जैसे कदमों की वजह से करोड़ों भारतीय गरीबी के दायरे से बाहर निकले और अब गरीबी पर ‘आखिरी प्रहार’ करके 20-25 करोड़ गरीबों को इस दलदल से बाहर निकालना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी जी ने अपना काम सही तरीके से किया होता तो गरीबी को खत्म करने की प्रक्रिया अब तक पूरी हो चुकी होती। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ हालात और बिगाड़ दिये।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साझेदार इस योजना को लागू करने पर सहमत होंगे, गांधी ने कहा कि उन्होंने ‘न्याय’ के बारे में किसी सहयोगी दल से कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं सुनी है। ‘‘हमें अधिकतर विपक्ष की तरफ से भी समर्थन मिला है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनरेगा को संसद में ‘संप्रग सरकार की विफलता का जीता जागता स्मारक’ बताया था, जबकि इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत दी है।

गांधी ने कहा, ‘‘न्याय से देश में उपभोग और उत्पादन का मजबूत दौर शुरू होगा जो अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाएगा।’’

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दिग्विजय सिंह ने कहा: मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी 29 में से 20 सीटें जीतने जा रही है, पुलवामा में आतंकवादी हमला इंटेलिजेंस फेलियर का प्रमाण है attacknews.in

दिग्विजय

भोपाल, 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी राज्य में 29 में से कम से कम 20 सीटों पर चुनाव जीतेगी।

भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि पार्टी पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रही है और सभी नेता एकजुट हैं। उन्होंने भोपाल से उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार बनाने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उस सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है, जहां से पूर्व राष्ट्रपति डा शंकरदयाल शर्मा भी चुनाव लड़े हैं।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं को सांस्कृतिक संगठन मानता है तो फिर उन्हें राजनीति नहीं करना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके परिवार का कोई सदस्य एवं पूर्वज कभी भी हिंदू महासभा या संघ से जुड़ा हुआ नहीं है।

श्री सिंह को कांग्रेस ने भोपाल संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित किया है, जहां से पार्टी लगभग 35 सालों से विजयी नहीं हुयी। वे बाकायदा चुनाव प्रचार में सक्रिय भी हो गए हैं। हालाकि भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आज केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आतंकी हमले की खुफिया सूचना के बाद भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को हवाई जहाज से ले जाने की अनुमति क्यों नहीं दी।

आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पुलवामा की घटना ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ का सबसे बड़ा प्रमाण है।

पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक श्री सिंह ने दावा किया कि आठ फरवरी को आईजी कश्मीर का सिग्नल था, उन्होंने मैसेज किया था कि काफिले की सुरक्षा रखें, लेकिन लापरवाही बरती गई और 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमला हो गया।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जवाब मांगा जा रहा हे, लेकिन भाजपा के पास अब कहने को कुछ नहीं बचा।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की रणनीति अब सिर्फ समुदायों मेंं आपस में झगड़ा कराने की है, यह कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह एक रहकर भाजपा को किसी तरह का मौका न दें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सिर्फ कांग्रेस लड़ी है।

दिग्विजय सिंह ने  कहा कि भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव वे नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी और सभी कार्यकर्ता लड़ रहे हैं।

श्री सिंह आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ‘‘शक्ति’’ एप से जुड़े भोपाल लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि उनके जैसे कार्यकर्ता को जहां से चुनाव लड़ने का अवसर मिला, उस संसदीय सीट का नेतृत्व डाॅ. शंकर दयाल शर्मा जैसे महान व्यक्ति ने किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर भोपाल से कमजोर प्रत्याशी उतारने का आरोप लगाने वाली भाजपा अभी तक यहां से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पायी है।

उन्होंने शक्ति एप कार्यकर्ताओं से कहा कि वे व्हाट्सऐप ग्रुप बनायें और भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करें। शक्ति’ के माध्यम से सच्चाई जन-जन तक पहुंचायें।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने-अपने घरों पर कांग्रेस का झंडा लगाकर झंडा अभियान चलायें।

इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को नारेबाजी नहीं करने और जिंदाबाद नहीं बोलने की हिदायत भी दी।

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अमित शाह ने बताया: गिरिराज सिंह बिहार की वेगूसराय सीट से ही चुनाव लडेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । लोकसभा चुनाव में सीट बदले जाने के तरीके को लेकर असंतुष्ट केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अब पार्टी की ओर से बेगूसराय सीट से ही चुनाव लड़ेंगे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह जानकारी दी ।

भाजपा की ओर से घोषित सूची में गिरिराज सिंह को उनकी वर्तमान सीट नवादा की बजाए बेगूसराय सीट से टिकट दिया गया था । इसके कारण वह असंतुष्ट थे ।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘ मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूँ।’’

मंगलवार को गिरिराज सिंह ने कहा था कि प्रदेश नेतृत्व अगर मुझे विश्वास में ले लेता तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती, इसने मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है ।

गौरतलब है कि नवादा सीट राजग में सीटों के बंटवारे के तहत लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में चली गई है । वहीं बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह का मुकाबला भाकपा के कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन से है ।

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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस सरकार आने पर सरकारी खजाने से अरबों- खरबों रुपया जनता में बांटकर कैसे लागू की जाएगी न्यूनतम आय योजना ( न्याय) के बारे में बताया attacknews.in

चेन्नई 27 मार्च । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और पांच करोड़ परिवारों को धीरे – धीरे इसके दायरे में लाया जाएगा।

चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आय योजना को लेकर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ पर्याप्त विचार – विमर्श किया है। उन्होंने सहमति जताई है कि भारत के पास इस योजना को लागू करने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 प्रतिशत के बराबर रहने की उम्मीद है।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि इस योजना को लागू करना संभव है।

चिदंबरम ने कहा कि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और हम कई चरणों में पांच करोड़ परिवारों को इससे जोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से पहले जमीनी स्तर पर इसका परीक्षण किया जाना है।

चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी और ” हम अगले चरण में जाने से पहले समिति के साथ विचार – विमर्श करेंगे। ”

उन्होंने कहा कि पांच करोड़ परिवारों की पहचान करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं।

चिदंबरम ने कहा कि 2009 में जब मनरेगा योजना लागू की गई थी तो भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा था कि इस योजना को लागू करना मुमकिन नहीं है।

न्यूनतम आय योजना की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जवाब नहीं देना चाहता हूं जो गरीबी को खत्म करने के उद्देश्य से लाए जा रहे कार्यक्रम की आलोचना करता हो।

उन्होंने कहा कि गरीबी को नहीं मिटा पाने के लिए अकेले कांग्रेस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस ने गरीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कई कदम उठाए हैं और उनमें से कई में सफल भी हुई है।

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय जरूरी है अन्यथा गरीबी समाप्त नहीं होगी।

जिस तरह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करता है उसी तरह हर परिवार की न्यूनतम आय होनी चाहिए। सरकार पूरी आय प्रदान नहीं कर सकती है इसी वजह से इस योजना को ” न्यूनतम आय सहायता योजना ” कहा गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को घोषणा की थी अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है तो गरीबों परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72,000 रुपये दिए जाएंगे।

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस योजना के क्रियान्वयन में शामिल चुनौतियों से वाकिफ है और हम उन चुनौतियों से बाहर भी आ जाएंगे।

उन्होंने कहा , ” हम आग्रह करेंगे कि हर परिवार अपने घर की महिला के नाम से खाता खोले और धन उनके खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ‘

चिदंबरम ने कहा कि गरीबी उन्मूलन को ” अरम (तमिल में इसका अर्थ – धर्म) के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए , यह धर्म है , 21 वीं सदी में गरीबी दूर करना हर सरकार का नैतिक कर्तव्य है। ”

उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र 2 अप्रैल को जारी हो सकता है।

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मायावती ने गुजरात की सभी सीटों पर बसपा के लोकसभा प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस पार्टी के सामने संकट खड़ा किया attacknews.in

अहमदाबाद, 27 मार्च । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। हालांकि पार्टी को राज्य में कुछ खास चुनावी सफलता कभी नहीं मिली है लेकिन हमेशा कांग्रेस पार्टी के लिए संकट खड़ा किया है ।

पार्टी प्रमुख मायावती 17 अप्रैल को यहां रैली को संबोधित करेंगी और राज्य में पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलेगी।

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होगा। फिलहाल राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

साल 2014 में बसपा ने 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे, लेकिन सभी को हार का मुंह देखना पड़ा था।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 182 में से 138 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन मायावती द्वारा रैलियों को संबोधित करने के बाद भी उन्हें एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी।

पार्टी को 2017 के चुनाव में 2.02 लाख वोट मिले थे और उसका मत प्रतिशत 0.6 फीसदी था।

गुजरात के बसपा अध्यक्ष अशोक चावड़ा ने कहा, ‘‘ बसपा अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ेगी। मायावतीजी 17 अप्रैल को एक रैली को संबोधित करेंगी। हमारे पास गुजरात में काफी समर्थन है और हमने हाल में छोटानागपुर में स्थानीय निकाय का चुनाव जीता है।

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हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्यों से मोदी लहर में 28 में से 14 सीटें जीतने वाली भाजपा के लिए 2019 का लोकसभा चुनाव आसान नहीं रहेगा attacknews.in

चंडीगढ़, 27 मार्च । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर पिछले चुनाव में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित चंडीगढ़ की 28 सीटों में से 14 सीटें जीती थीं लेकिन पांच वर्ष में बदले राजनीतिक परिदृश्य इन सीटों को बचाये रखना उसके लिये बड़ी चुनौती होगी।

मोदी लहर में भाजपा  को हरियाणा की सात, हिमाचल प्रदेश की चार, पंजाब की भाजपा-शिअद को मिलाकर छह है और चंडीगढ़ की एक सीट मिली थी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी अपनी पार्टी बना चुके हैं। अकाली दल के दो सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं और गुरदासपुर सीट उपचुनाव में भाजपा गंवा चुकी है।

पंजाब में 2017 में विधानसभा चुनाव जीत कर कांग्रेस ने अकाली दल-भाजपा गठबंधन की 10 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। भाजपा सांसद और फिल्म स्टार विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली तथा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ चुनाव जीते। झटके भाजपा के सहयोगी अकाली दल को भी लगे और उसके दो सांसदों रंजीत सिंह ब्रहमपुरा (खडूर साहिब) तथा शेर सिंह घुबाया (फिरोजपुर) ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है। खडूर साहिब से अकाली दल बीबी जागीर कौर को प्रत्याशी घोषित कर चुका है और श्री घुबाया कांग्रेस में जा चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यशैली के कारण पार्टी छोड़ी है और अकाली दल (टकसाली) बनाया है जिसमें पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला, सेवा सिंह सेखों शामिल हैं।

पंजाब में पिछले कुछ सालों में तीसरी ताकत बनकर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) की भी हालत खराब है। इसके पटियाला से सांसद धर्मवीर गांधी पार्टी छोड़ चुके हैं। फतेहगढ़ साहिब से सांसद हरिंदर खालसा को भी पार्टी निलंबित कर चुकी है। बागी विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे सुखपाल सिंह खेहरा का गुट भी पार्टी से बाहर हो चुका है। श्री खेहरा ने अपनी पार्टी पंजाब एकता पार्टी बनाई है तथा कुछ और स्थानीय दलों के साथ मिलकर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस बना लिया है। पीडीए ने ही सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा भी की है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आप के लिए भी अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना मुश्किल होगा। पंजाब में यह परिपाटी भी रही है कि जो पार्टी प्रदेश की सत्ता में हाेती है लोकसभा चुनावों में उसे फायदा मिलता है, इसलिये कांग्रेस आश्वस्त लग रही है और उसने आप से गठबंधन की संभावनाओं को बार-बार नकारा है।

विश्लेषकों के अनुसार हरियाणा में स्थिति थोड़ी भाजपा के पक्ष में दिख रही है क्योंकि यहां विपक्ष बिखरा हुआ है। विरोधी पार्टियां न सिर्फ-दूसरे से लड़ रही हैं बल्कि ‘गुटबाजी‘ की भी शिकार हैं। जींद विधानसभा सीट पर हाल में हुए उपचुनाव के नतीजों ने दिखा दिया है कि विपक्ष की खिचड़ी का स्वाद बिगड़ने का कारण ‘कई रसोइयों‘ का होना है। कांग्रेस जो मनोहर लाल खट्टर सरकार बनने से पहले प्रदेश में दस साल शासन कर चुकी है, गुटबाजी की शिकार है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में फूट पड़ चुकी है और हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला नई पार्टी जननायक जनता पार्टी बना चुके हैं। आम आदमी पार्टी (आप) यहां कांग्रेस से गठबंधन के लिए इच्छुक है पर अभी तक तस्वीर स्पष्ट नहीं है। भाजपा सांसद राजकुमार सैनी अपनी अलग पार्टी लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी बना चुके हैं और बहुजन समाज पार्टी से गठजोड़ कर चुके हैं। बसपा कुछ समय पहले तक इनेलो के साथ थी लेकिन चौटाला परिवार और पार्टी में फूट के बाद उसने इनेलो का दामन छोड़कर लोसुपा का दामन थाम लिया। गुटबाजी भाजपा में भी है जो उसे अपनी सीटें बढ़ाने से तो कम से कम रोक ही सकती है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से लेकर प्रदेश के मंत्रियों के एक गुट और मुख्यमंत्री के गुट के बीच भी अनबन की खबरें उड़ती रही हैं।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी कर चुकी है और यहां पार्टी की स्थानीय इकाई ने वर्तमान चारों सांसदों काे ही लोकसभा प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की है। यहां पिछले करीब सवा साल में भाजपा सरकार के प्रदर्शन का असर लोकसभा चुनावों पर पड़ सकता है और भाजपा को अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं है।

चंडीगढ़ में भाजपा ने पिछले चुनाव में यह सीट कांग्रेस से छीनी थी और किरण खेर सांसद बनी थीं। यहां से भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हरमोहन धवन पार्टी छोड़कर आप के प्रत्याशी घोषित किये जा चुके हैं। कांग्रेस का अभी तय नहीं है कि यहां से वह पूर्व सांसद पवन बंसल पर ही दांव लगायेगी या कोई और प्रत्याशी लायेगी। पिछली बार हालांकि गुल पनाग (आप) ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था।

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मध्यप्रदेश की सागर संसदीय सीट सन् 1989 के चुनाव के बाद से भाजपा के खाते में रही हैं, अब कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लाने की तैयारी में है attacknews.in

सागर, 27 मार्च। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर संसदीय क्षेत्र में लगातार छह बार से अपना परचम फहरा रही भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में भी जीत के लिए पूरी तैयारी की साथ उतरने जा रही है वहीं कांग्रेस अपनी खोई हुई सीट को वापस लेने की फिराक में है।

महिला आरक्षण पर राजनीति करने वाले तमाम राजनैतिक दलों में से केवल कांग्रेस ने अब तक यहां महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर भाजपा 1989 से लगातार जीत दर्ज रही है। उसके नेता वीरेंद्र कुमार यहां से चार बार सांसद बने हैं।

पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सहोद्रा राय ने कंछेदी को पराजित कर लोकसभा पहुंची थी। वर्ष 1957 में हुये अगले चुनाव में कांग्रेस के ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी अपने प्रतिदंदी धनीराम को पराजित कर सांसद बने। वह 1962 दूसरी बार सागर से सांसद चुने गए। वर्ष 1967 के चुनाव में इस क्षेत्र के फिर से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हाेने पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद सहोद्रा राय को प्रत्याशी बनाया लेकिन वह बीजेएस के राम सिंह से चुनाव हार गयीं। वर्ष 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने सहोद्रा बाई राय को फिर उतारा। इस बार वह बीजेएस के अमर सिंह को हरा कर दूसरी बार सांसद चुनी गई। कांग्रेस ने 1977 के आम चुनाव में उन पर चौथी बार दांव लगाया लेकिन वह भारतीय लोकदल के नर्मदा प्रसाद राय के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 1984 के चुनाव में पूर्व सांसद राम प्रसाद अहिरवार को कांग्रेस के नंदलाल चौधरी से पराजय का सामना करना पड़ा तो 1989 के चुनाव में कांग्रेस के पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी को भाजपा के शंकर लाल खटीक से पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने 1991 के चुनाव में आनंद अहिरवार को चुनाव मैदान में लेकिन उन्हें भी भाजपा के राम प्रसाद अहिरवार ने पराजित कर दिया।

भाजपा की ओर से वीरेंद्र कुमार 1996 में यहां से पहली बार सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस ने पूर्व सांसद आनंद अहिरवार को शिकस्त दी। इसके बाद वीरेंद्र कुमार ने 1998 में पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी, 1999 में नंदलाल चौधरी की बहू माधवी चौधरी को तथा 2004 में कांग्रेस के पूर्व विधायक उत्तम चंद खटीक को पराजित किया।

परिसीमन के बाद 2008 में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए घोषित की गयी और 2009 के चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक भूपेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेर खान को चुनाव मैदान मे उतारा जिसमें खान को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा का यह सिलसिला 2014 के चुनाव में भी नहीं रुका। उसके उम्मीदवार पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव ने कांग्रेस के पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत को पराजित किया।

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सन् 1980 के सातवें लोकसभा चुनाव में आयरन लेडी के रुप मे उभरी इंदिरा गांधी के अभियान से विपक्ष बिखर गया और कांग्रेस पार्टी ने जीती थी 353 सीटें attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मार्च । आपातकाल के बाद एकजुट हुये दलों में टूट तथा सत्ता से बेदखल होने के बाद तरह तरह की राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी के जनता से सीधे जुड़ने के अभियान का 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (आई) को फायदा मिला और वह भारी बहुमत से फिर से सत्ता में आ गयी।

सातवें आम चुनाव के पहले राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस (आई) और कांग्रेस (यू) , जनता पार्टी और जनता पार्टी (एस) का गठन हो चुका था । वर्ष 1977 में पहली बार सत्ता का सुख भोगने वाले समाजवादियों में बिखराव हो गया था इनके कुछ नेता जनता पार्टी और जनता पार्टी (एस) में बंट गये थे । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपना अस्तित्व बनाये हुये थी जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने सांगठनिक स्थिति को मजबूत बनाया था जिसका फायदा उसे चुनाव में मिला था ।

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर इंदिरा गांधी का मुकाबला करने के जनता पार्टी की ओर से विजयराजे सिंधिया चुनाव मैदान में उतरी थी लेकिन मुकाबले में कही टिक नहीं सकी । कांग्रेस (आई) के टिकट पर चर्चित युवा नेता संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर चुनाव जीता। राजनीति पर अद्भुत पकड़ रखने वाले जगजीवन राम ने जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुयें थे ।

राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा इस चुनाव में राज्य स्तरीय पार्टियों में द्रमुक , अन्नाद्रमुक , फारवर्ड ब्लाक , आल इंडिया मुस्लिम लीग , मुस्लिम लीग , महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी , पीपुल्स कांफ्रेंस , पीजेंट एंड वर्क्स पार्टी , अकाली दल आरएसपी समेत कुल 19 पार्टियों ने चुनाव लड़ा था । उस समय कुल 11 निबंधित पार्टियां थी जिनमें भारतीय सोसलिस्ट पार्टी , झारखंड पार्टी तथा शिवसेना प्रमुख थी ।

लोकसभा की 542 सीटों में से 422 सामान्य श्रेणी की थी जबकि अनुसूचित जाति के लिए 79 और अनुसूचित जनजाति के लिए 41 सीट सुरक्षित थीं । इस चुनाव में 542 में से 529 सीटों के लिए ही चुनाव हुआ था जिसमें 4629 उम्मीदवारों ने अपनी चुनावी किस्मत आजमायी। इस चुनाव में 35 करोड़ 62 लाख से अधिक मतदाताओं में से 56.92 प्रतिशत ने मतदान किया था । अधिकतम 39 उम्मीदवारों ने चंडीगढ से चुनाव लड़ा था ।

कांग्रेस (आई) ने सबसे अधिक 492 ,जनता पार्टी ने 433 , जनता पार्टी (एस) ने 293 , कांग्रेस (यू) ने 212 , भाकपा ने 47 तथा माकपा ने 64 उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया था । कांग्रेस (आई) को 42.69 प्रतिशत वोट मिले और उसके 353 प्रत्याशी चुनाव जीते थे । जनता पार्टी (एस) के 41 तथा जनता पार्टी के 31 प्रत्याशी निर्वाचित हुये थे । भाकपा के 10 , माकपा के 37 तथा कांग्रेस (यू) को 13 लोकसभा क्षेत्रों में सफलता मिली थी ।

कांग्रेस (आई) को उत्तर प्रदेश में 51 , बिहार में 30 , आन्ध्र प्रदेश में 41 , असम में दो , गुजरात में 25 , हरियाणा में पांच , हिमाचल प्रदेश में चार , कर्नाटक में 27 , जम्मू कश्मीर में एक , केरल में पांच , मध्य प्रदेश में 35 , महाराष्ट्र में 39 , उड़िसा में 20 , पंजाब में 12 , राजस्थान में 18 , तमिलनाडु में 20 , पश्चिम बंगाल में चार , दिल्ली में छह , अरुणाचल में दो , मणिपुर , अंडमान निकोबार , चंडीगढ़ , दादर नागर हवेली , और पुड्डुचेरी में एक – एक सीट मिली थी ।

जनता पार्टी (एस) को उत्तर प्रदेश में 29 , बिहार में पांच , हरियाणा में चार , उड़िसा में एक और राजस्थान में दो सीटें मिली थी । जनता पार्टी को बिहार में आठ , महाराष्ट्र में आठ , मध्य प्रदेश में चार , उत्तर प्रदेश में तीन तथा कर्नाटक , दिल्ली , गुजरात , और हरियाणा में एक – एक सीट मिली थी । भाकपा को बिहार में चार , पश्चिम बंगाल में तीन , केरल , मणिपुर और उत्तर प्रदेश में एक – एक सीट मिली थी । कांग्रेस (यू) को बिहार में चार , आन्ध्र प्रदेश में एक , गोवा दामन दीव में एक , जम्मू कश्मीर में एक , केरल में तीन , महाराष्ट्र , राजस्थान और लक्ष्यदीप में एक – एक सीट मिली थी ।

तमिलनाडु में द्रमुक को 16 तथा अन्नाद्रमुक को दो , फारवर्ड ब्लाक को पश्चिम बंगाल में तीन , आरएसपी को पश्चिम बंगाल में चार तथा अकाली दल को पंजाब में एक सीट पर सफलता मिली थी । निर्दलीय उम्मीदवारों को बिहार में दो , जम्मू कश्मीर , केरल , मध्य प्रदेश , मिजोरम , नागालैंड , तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में एक – एक सीट पर कामयाबी मिली थी ।

रायबरेली में इंदिरा गांधी ने 223903 वोट लाकर जनता पार्टी की उम्मीदवार विजयराजे सिंधिया को पराजित किया था । श्रीमती सिंधिया 50 हजार से कुछ अधिक मत प्राप्त कर सकी थी । अमेठी में संजय गांधी ने जनता पार्टी के ही रविन्द्र प्रताप सिंह को हराया था । श्री गांधी को 186990 और श्री सिंह को 58445 वोट मिले थे । बिहार में जनता पार्टी के टिकट पर जगजीवन राम ने कांग्रेस (आई) के महावीर पासवान को हराया था ।

इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस (आई) के विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 153062 मत लाकर जनता पार्टी (एस) के लक्ष्मी भूषण वाष्णेय को परास्त किया था । बलिया में चन्द्रशेखर जनता पार्टी के टिकट पर और बागपत में चरण सिंह जनता पार्टी (एस) के टिकट पर जीते थे । बिहार के बांका लोकसभा क्षेत्र में जनता पार्टी (एस) के उम्मीदवार रहे मधु लिमिये कांग्रेस (आई) केे चन्द्र शेखर सिंह से चुनाव हार गये थे । मधु लिमिये को 95358 और श्री सिंह को 171781 वोट मिले थे । छपरा सीट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार सत्यदेव सिंह ने जनता पार्टी (एस) के प्रत्याशी लालू प्रसाद यादव को पराजित किया था । श्री सिंह को 160054 तथा श्री यादव को 151273 मत मिले थे । कटिहार में कांग्रेस (आई) के तारिक अनवर , मुजफ्फरपुर में जनता पार्टी (एस) के जार्ज फर्नाडीस और हाजीपुर में जनता पार्टी (एस) के ही रामविलास पासवान जीत गये थे ।

उत्तर प्रदेश के गढवाल सीट पर कांग्रेस (आई) के हेमवती नन्दन बहुगुणा ने जनता पार्टी के प्रताप सिंह पुष्पन और नैनीताल में कांग्रेस (आई) के ही नारायणदत्त तिवारी ने जनता पार्टी के भारत भूषण को पराजित किया था । पश्चिम बंगाल में जादवपुर सीट पर माकपा के सोमनाथ चटर्जी और बसीरहाट में माकपा के दिग्गज इन्द्रजीत गुप्त निर्वाचित हुये थे।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जनता पार्टी (एस) के मनोहर लाल , सोनीपत में जनता पार्टी (एस) के ही देवीलाल और भिवानी में कांग्रेस (आई) के बंशीलाल ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया था । मध्य प्रदेश में गुना से कांग्रेस (आई) के माधवराव सिंधिया और छिंदवाड़ा में इसी पार्टी के कमलनाथ निर्वाचित घोषित किये गये थे । महाराष्ट्र के राजपुर सीट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार मधु दंडवते ने कांग्रेस (आई )के प्रत्याशी एस एन देसाई को पराजित किया था।

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PNB बैंक घोटालेबाज मेहुल चौकसी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी के खाते में रिश्वत का पैसा जमा करवाया attacknews.in

जयपुर, 26 मार्च । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां आरोप लगाया कि बैंकों का पैसा लेकर भागे मेहुल चौकसी ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की पुत्री के खाते में रिश्वत का पैसा जमा कराया है।

श्री गांधी ने शक्तिकेंद्र के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का पैसा वित्तमंत्री जेटली के पास भी गया है। बैंकाें का पैसा लेकर भागे मेहुल चौकसी ने उनकी बेटी के खाते में पैसे डलवाये हैं। श्री गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीरव मोदी और ललित मोदी की चौकीदारी करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर इनके नाम के साथ मोदी शब्द क्यों जुड़ा हुआ है।

उन्होंने श्री मोदी पर आरोप लगाया कि नोटबंदी के जरिए आम आदमी की जेब से पैसा निकालकर बैंकों में डलवाया गया जिसे बाद में अनिल अम्बानी जैसे उद्योगपतियों को बांट दिया। अनिल अम्बानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाले गये। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो उद्योगपतियों से बैंक की चाभी लेकर आम आदमी को सौंपी जायेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो युवा उद्यमियों को नया उद्योग खड़ा करने पर तीन वर्ष तक कोई सरकारी इजाजत की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद वे औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के स्टार्टअप मेक इन इंडिया को ढकोसला बताते हुए कहा कि हकीकत में सरकार ने कोई काम नहीं किया।

श्री गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते हुए कहा कि कांगेस का शासन आया तो इसे हटाकर एक सरल और साधारण टैक्स लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को अभी पांच करों का सामना करना पड़ता है। तथा आयकर विभाग वाले उनका खून चूसते हैं।

15 लाख रुपये हर बैंक खाते में डालने के श्री मोदी के वायदे को याद करते हुए श्री गांधी ने कहा कि उनका यह विचार बहुत अच्छा था, लेकिन उन्होंने 15 लाख की बात गलत बोली। हमने बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों से सम्पर्क करके न्यूनतम आय योजना बनाई जिसमें 20 प्रतिशत गरीब परिवारों के बैंक खाते में हर वर्ष तीन लाख साठ हजार रुपये जमा होंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि 21वीं सदी में एक भी गरीब नहीं रहे तथा 12 हजार रुपये न्यूनतम आय की लाइन निर्धारित की गई है जिससे कम कमाई करने वालों के खाते में सरकार उसकी भरपाई करेगी।

शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में उनका उपयोग पार्टी संगठन में किया जायेगा, यह लम्बा रास्ता हो सकता है, लेकिन उन्हें संगठन में जगह मिलेगी। इस अवसर पर शक्ति केंद्र के 10 कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया।

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राहुल गांधी समेत विपक्ष ने नोटबंदी को देशद्रोह और भाजपा नेताओ द्वारा सरकारी खजाना लूटने वाला बताया attacknews.in

नयी दिल्ली 26 मार्च । कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर पुराने नोट बदलने का आरोप लगाया और कहा कि नोटबंदी एक ‘देशद्रोह’ थी जिसमें सरकारी खजाना लूटा गया था।

विपक्षी दलों ने यहां एक संयुक्त संवादददाता सम्मेलन में एक वीडियो टेप जारी किया और कहा कि नोटबंदी के जरिए जनता का पैसा लूटा गया था। भाजपा नेताओं ने निर्धारित समय सीमा के बाद भी पुराने नोटों को नये नोटों में बदला है अौर इसके लिए 40 प्रतिशत तक ‘कमीशन’ लिया गया है। टेप में भाजपा के अहमदाबाद कार्यालय में कुछ लोगों को पांच लाख रुपए के पुराने नोटों को 40 प्रतिशत कमीशन के साथ बदलते दिखाया गया है।

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सिंह सुरजेवाला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा तथा अन्य दलों के नेता माैजूद थे।

उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को पांच सौ रुपए और एक हजार रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी और पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का समय 31 दिसंबर 2018 तय कर दिया।

राहुल गांधी ने कहा:नोटबंदी ने काले धन वालों की मदद की : 

इधर सूरतगढ़ (राजस्थान), में  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी के जरिए काले धन वालों की मदद करने का आरोप भी लगाया।

सूरतगढ़ में पार्टी की जनसंकल्प रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘झंडा एक है तो देश भी एक ही होगा। हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आते ही देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों की न्यूनतम मासिक आय 12000 रुपये सुनिश्चत करेगी। इसके लिये वह उनके खाते में 72 हजार रूपये सालाना डालेगी।

राहुल ने कहा कि देश में 25 करोड़ लोग आज भी गरीबी रेखा से नीचे हैं जो कि देश के लिए शर्म की बात है। उन्होंने देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को 72 हजार रूपये सालाना देने की पार्टी की घोषणा को देश में गरीबी पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताते हुए कहा कि कांग्रेस देश से गरीबी मिटाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मोदी अमीरों को पैसा देते हैं तो कांग्रेस पार्टी गरीबों को पैसा देगी।’’

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी तथा जीएसटी जैसे कदमों से मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारी बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के जरिए कालेधन वालों की मदद की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की रक्षा और युवाओं को रोजगार देने पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम गरीबों की बात करते हैं। हम न्याय चाहते हैं, हम दो हिंदुस्तान नहीं बनने देंगे।’’

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सभा को संबोधित किया।

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भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने लिखित बयान जारी किया कि, रामलाल ने संदेश दिया है कि, मुझे कानपुर या कहीं और से चुनाव नहीं लड़ना चाहिये attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मार्च। भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी से कहा है कि वे आगामी आम चुनाव ना लड़ें।

यह घटनाक्रम, उम्रदराज हो चुके अपने कई नेताओं को चुनाव में प्रत्याशी ना बनाने के पार्टी के फैसले की ही एक कड़ी है। इस फैसले के तहत भाजपा के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के कार्यालय ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। कार्यालय के अनुसार, जोशी ने कानपुर के मतदाताओं के लिए एक संक्षिप्त बयान जारी किया है। 85 वर्षीय जोशी ने 2014 में कानपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव जीता था।

बयान में कहा गया है कि “भाजपा महासचिव (संगठन) राम लाल ने संदेश दिया है कि मुझे कानपुर या कहीं और से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।” इस बयान पर हालांकि जोशी के हस्ताक्षर नहीं हैं लेकिन उनके कार्यालय ने पुष्टि की है यह बयान उनका ही है।

जोशी ने 2009 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता था लेकिन 2014 में उन्होंने यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाली कर दी थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी की प्रतिक्रिया अभी पता नहीं चल पाई है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी (91 वर्ष) के साथ जोशी दो दशक से अधिक समय तक भाजपा के चेहरे के तौर जाने जाते थे।

संसद की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष जोशी के विभिन्न मुद्दों जैसे रोजगार, जीडीपी और गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) आदि पर निष्कर्षों से सरकार के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी ने यह ‘‘सैद्धांतिक निर्णय’’ किया है कि बुजुर्ग नेताओं को युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाना चाहिए।

इस बार पार्टी ने आडवाणी सहित 80 साल से अधिक उम्र के अपने नेताओं बी सी खंडूरी, करिया मुंडा, कलराज मिश्रा और विजय चक्रवर्ती आदि को टिकट नहीं दिया है।

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भाजपा द्वारा घोषित 10वीं 39 प्रत्याशियों की सूची में अभिनेत्री जयाप्रदा मुकाबला करेगी सपा के आजम खान से,मेनका गांधी और वरुण गाँधी की सीटें बदली attacknews.in

नयी दिल्ली 26 मार्च । जानीमानी फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गयीं और इससे चंद घंटों बाद ही उन्हें उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया गया।

भाजपा के महासचिव भूपेन्द्र यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में श्रीमती जयाप्रदा को सदस्यता पर्ची सौंपी और अंगवस्त्र पहना कर पार्टी में स्वागत किया।

इस अवसर भाजपा के मीडिया विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख एवं सांसद अनिल बलूनी भी उपस्थित थे। श्री यादव ने कहा कि श्रीमती जयाप्रदा ने सात से अधिक भाषाओं में 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है और वह अनेक भाषाएं जानतीं हैं। तीन बार सांसद भी रहीं हैं। सांस्कृतिक एवं राजनीतिक अनुभव से परिपक्व श्रीमती जयाप्रदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पांच साल के शासन में प्रदर्शन से प्रभावित होकर पार्टी में आयीं हैं।

श्री यादव ने श्रीमती जयाप्रदा के पार्टी में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वह मशहूर फिल्म हस्ती हैं। उनका लम्बा राजनीतिक अनुभव भी रहा है जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा।

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता एवं राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की करीबी सहयोगी जयाप्रदा सपा के टिकट पर दो बार रामपुर से निर्वाचित हुई हैं ।

अगर भाजपा उन्हें रामपुर से टिकट देने से उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से होगा ।

जयाप्रदा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक ‘बहादुर’ नेता बताया जिनके हाथों में देश सुरक्षित है।

भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव ने कहा कि उन्हें :जयाप्रदा: किसी पहचान की जरूरत नहीं हैं और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यो से काफी प्रभावित हैं ।

दक्षिण भारत की फिल्मों के बाद बॉलीवुड में अपनी पहचाने बनाने वाली जयाप्रदा राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़ गयी । राजनीति में तेलुगू देशम पार्टी :तेदेपा: से राजनीतिक कैरियर शुरू करने के बाद वह समाजवादी पार्टी में आ गयी।

।जयाप्रदा ने इस मौके पर कहा, ‘मैंने दिल से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हूं । मेरा पूरा जीवन भाजपा के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है।’ रामपुर सीट पर चुनाव इस बार काफी दिलचस्प माना जा रहा है। भाजपा ने 2014 में नेपाल सिंह को रामपुर से लोकसभा का टिकट दिया था। नेपाल सिंह ने चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नसीर खां को नकदीकी मुकाबले में हराया था। बसपा के साथ गठबंधन करके समाजवादी पार्टी ने इस बार रामपुर से आजम खां को मैदान में उतारा है। इस संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है ।

श्रीमती जयाप्रदा ने इस अवसर पर कहा कि चाहे वह फिल्म में रही हों या राजनीति में, दोनों को उन्होंने दिल से अपनाया है । भाजपा की सदस्यता के लिए उन्होंने श्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह नंदमूरी तारक रामाराव में नेतृत्व में राजनीति में आयी थी। वह श्री एन चंद्रबाबू के नेतृत्व के बाद ,श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी में रहीं। अब उन्हें पहली बार किसी राष्ट्रीय पार्टी में आने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वह बहादुर एवं दृढ़ निश्चयी नेता श्री मोदी के मिशन एवं भाजपा के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आने वाले समय में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगी।

श्रीमती जयाप्रदा के पार्टी में शामिल होने के करीब साढ़े चार घंटे बाद भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के 39 और पश्चिम बंगाल के 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस सूची में पहला नाम श्रीमती जयाप्रदा का था जिन्हें रामपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। श्रीमती जयाप्रदा इस सीट से सपा के टिकट पर दो बार लोकसभा सदस्य रह चुकीं हैं। वह एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहीं हैं।

भाजपा में पार्टी की सदस्यता देने के चंद घंटों बाद ही चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाने के उदाहरण पहले भी देखे गये हैं। विगत आम चुनावों के दौरान श्री जगदंबिका पाल और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी को आनन फानन में पार्टी में शामिल करके उम्मीदवार बनाया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से सांसद केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी एवं उनके पुत्र सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी की सीटों को आपस में बदल दिया है तथा रामपुर से मशहूर अभिनेत्री जयाप्रदा तथा इलाहाबाद से राज्य सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 29 और पश्चिम बंगाल की दस लोकसभा सीटों के लिए मंगलवार को उम्मीदवारों की दसवीं सूची जारी की।

भाजपा के महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह सूची जारी की।

केन्द्रीय संचार एवं रेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा को गाजीपुर से और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय को चंदौली से पुन: टिकट दिया गया है। आगरा के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया को इटावा (सु.) से प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि कानपुर से डॉ. मुरली मनोहर जोशी की जगह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सत्यदेव पचौरी को टिकट दिया गया है।

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2014 में रायबरेली में सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़ने वाले अजय अग्रवाल ने टिकट न मिलने पर भाजपा नेतृत्व को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी attacknews.in

लखनऊ, 26 मार्च । लोकसभा के पिछले चुनाव में रायबरेली से भाजपा के प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि अगर इस दफा उनका टिकट काटा गया तो पार्टी को वैश्य समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

अग्रवाल ने शाह को सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की तीन सीटों पर वैश्य समाज के प्रत्याशी उतारे थे जबकि आबादी के हिसाब से इस बिरादरी के सात-आठ प्रत्याशी होने चाहिए थे। इस बार उन्हें पता लगा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में वैश्य समाज की भागीदारी को तीन से घटाकर दो सीटों पर करने जा रही है, जिसकी वजह से वैश्य समाज में गहरा रोष व्याप्त है।

अग्रवाल ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने केवल अपने और कार्यकर्ताओं के दम पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को टक्कर दी थी। अगर भाजपा ने इस चुनाव में उनका टिकट काटा तो पार्टी को वैश्य समाज में आक्रोश के कारण बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने रायबरेली से वैश्य समाज का टिकट काटकर किसी अन्य जाति को देने का आत्मघाती कदम उठाया तो यह समाज पूरे उत्तर प्रदेश खासकर रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर, कानपुर, वाराणसी, अमेठी, बाराबंकी, फैजाबाद, मोहनलालगंज और कौशांबी लोकसभा क्षेत्रों में अपना आक्रोश प्रकट कर सकता है।

अग्रवाल ने कहा कि पार्टी के हित में वह आग्रह करना चाहते हैं कि रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में 2014 में वैश्य समाज को दिए गए प्रतिनिधित्व में कोई बदलाव न किया जाए।

मालूम हो कि कभी सपा के राष्ट्रीय सचिव रहे अग्रवाल ने वर्ष 2014 में रायबरेली सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें करीब एक लाख 74 हजार वोट मिले थे हालांकि वह सोनिया से तीन लाख 52 हजार से ज्यादा मतों से हार गये थे।

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कांग्रेस के मजबूत गढ़ रायबरेली से सोनिया गांधी को पटकनी देने के लिए भाजपा भी उतारने जा रही है चर्चित चेहरा: जाने इस सीट का इतिहास attacknews.in

रायबरेली, 26 मार्च । लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से ज्यादातर सीटें जीतने के लिये सभी पार्टियों में होड़ लगी है। प्रदेश की इन सीटों में रायबरेली भी है, जिसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ कहा जाता है।

इस सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार सोनिया गांधी होंगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रत्याशी के नाम का अभी खुलासा नहीं किया है। भाजपा की ओर से पूर्व प्रत्याशी अजय अग्रवाल और कई अन्य नेताओं के नामों की चर्चा जरूर हो रही है।

कांग्रेस के लिये रायबरेली की सीट कितनी अहम है यह इसी से पता चलता है कि नेहरू-गांधी परिवार का यहां से पुराना नाता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मोतीलाल नेहरू और 1921 में मुंशीगंज में किसानों पर गोलीबारी के बाद जवाहरलाल नेहरू यहां आये थे। कांग्रेस का यह कितना मजबूत गढ़ है यह इसी से पता चलता है कि रायबरेली में पार्टी अब तक सिर्फ तीन बार पराजित हुयी है।

1977 में जनता पार्टी से राजनारायण, 1996 और 1998 में भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने रायबरेली संसदीय सीट पर कांग्रेस को पटकनी दी थी लेकिन उसके बाद से यहां नेहरू-गांधी परिवार का ही कब्जा है।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। उन्हें तब 5,26,434 मत मिले थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल को 1,73,721 मत हासिल हुये थे।

यहां के लोग याद करते हैं कि 1967 से 1977 तक का दौर रायबरेली के विकास का स्वर्णिम समय रहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने यहां विकास कराया था। कई बड़ी फैक्टरियां और राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी यहां खुले लेकिन 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद विकास की रफ्तार थम गयी।

रायबरेली संसदीय सीट पर 16,50,767 मतदाता हैं। इनमें 8,70,954 पुरुष और 7,79,813 महिलायें हैं। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी का यहां से एक बार फिर चुनाव लड़ना तय है वहीं अजय अग्रवाल एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके अलावा कांग्रेस से बगावत करने वाले विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह भी भाजपा का टिकट चाहते हैं।

श्री अग्रवाल और श्री सिंह के अलावा अमर सिंह, कुमार विश्वास और मीनाक्षी लेखी का नाम भी रायबरेली से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उछाला जा रहा है लेकिन अभी तक पार्टी आलाकमान ने कोई फैसला नहीं लिया है।

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