उत्तरप्रदेश में 1 मई से18 से 44 वर्ष तक के युवाओं का टीकाकरण,राजस्थान में नौ शहरों में 35-44 आयु वर्ग के लोगों को ही लगेगी वैक्सीन attacknews.in

लखनऊ/जयपुर 30 अप्रैल । उत्तर प्रदेश में 18 से 44 वर्ष तक के युवाओं का टीकाकरण पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार एक मई से शुरू होगा। इसकी शुरूआत सबसे ज्यादा संक्रमण वाले सात जिलों लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और बरेली से होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीकाकरण को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद विभाग ने टीके के लिए ग्लोबल टेंडर की कार्यवाही भी शुरू कर दी है।

राजस्थान में एक मई से नौ शहरों में 35-44 आयु वर्ग के लोगों को ही लगेगी वैक्सीन-शर्मा

इधर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश को तीन लाख कोरोना वैक्सीन डोज मिलने की संभावना के कारण एक मई से शुरु होने वाले 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण के तहत फिलहाल जहां संक्रमण अधिक हैं उन शहरों में 35 से 44 आयु वर्ग के लोगों को ही टीका लगाया जायेगा।

श्री शर्मा ने आज अपने बयान में कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से वैक्सीन की सप्लाई होनी है लेकिन कंपनी ने राजस्थान को केवल तीन लाख संभावित डोज देने की हामी भरी है। उन्होंने कहा कि हमें संभावित तीन लाख वैक्सीन की डोज मिलने जा रही हैं, उनका उपयोग प्रदेश के उन नौ शहरों में सर्वप्रथम किया जाएगा, जहां संक्रमण अधिक है। इन शहरों में भी केवल 35-44 आयुवर्ग के लोगों का ही वैक्सीनेशन होगा। इसके बाद जब वैक्सीन की सप्लाई नियमित होगी तब पूरे प्रदेश में तय 18-45 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन होगा।

देश के पूर्व एटर्नी जनरल सोली सोराबजी और युवा टीवी पत्रकार रोहित सरदाना का कोरोना विषाणु की चपेट में आने से निधन attacknews.in

नयी दिल्ली 30 अप्रैल । देश के पूर्व एटर्नी जनरल एवं जाने-माने कानूनविद सोली सोराबजी का शुक्रवार सुबह यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।

उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है।
पद्म विभूषण से सम्मानित श्री सोराबजी का जन्म 1930 में मुंबई (तब बम्बई) में हुआ था। उन्होंने 1953 में बाॅम्बे उच्च न्यायालय से अपने करियर की शुरुआत की। वर्ष 1971 में उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। श्री सोराबजी 1989 से 1990 और फिर 1998 से 2004 तक देश के एटर्नी जनरल रहे थे।

मानवाधिकारों के ध्वजवाहक वकील के तौर पर मशहूर श्री सोराबजी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1997 में नाइजीरिया के लिए विशेष प्रतिवेदक (रैपोर्टर) नियुक्त किया गया था, ताकि वहां की मानवाधिकारों की स्थिति पर रिपोर्ट मिल सके।

वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा से जुड़े कई मामलों में शामिल रहे थे और उन्होंने प्रकाशनों पर सेंसरशिप आदेशों और प्रतिबंधों को हटाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मार्च 2002 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।

‘लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली विभूति के रूप में याद किये जाएंगे सोराबजी’

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने पूर्व एटर्नी जनरल और सुविख्यात कानूनविद सोली जहांगीर सोराबजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों के हिमायती श्री सोराबजी लोकतंत्र के स्तम्भों को मजबूत करने वाली महान विभूति के रूप में याद किये जाते रहेंगे।

न्यायमूर्ति रमन ने शुक्रवार को जारी अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व एटर्नी जनरल सोली जहांगीर सोराबजी के निधन के बारे में जानकर उन्हें गहरा दुख हुआ है। न्यायिक जगत के साथ करीब 68 वर्ष के जुड़ाव में श्री सोराबजी ने मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों से संबंधित वैश्विक न्यायशास्त्र को समृद्ध करने में महती भूमिका निभायी है।

उन्होंने श्री सोराबजी को प्रेस की आजादी का अगुवा बताया और कहा, “उन्होंने (श्री सोराबजी) हाल तक नित्य प्रतिदिन जटिल कानूनी मुद्दों की बारीकियों पर प्रकाश डालने के लिए मीडिया को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया और लाखों लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया, अन्यथा उन लोगों को न्यायिक जगत में होने वाले घटनाक्रमों के बारे में कुछ भी पता नहीं होता।”

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “जब से मैंने एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की, तब से ही उनकी कृतियों को पढ़कर, उनके व्याख्यानों को सुनकर तथा उनके दूरदर्शी नेतृत्व और परामर्श का अनुसरण करके व्यक्तिगत तौर पर बहुत कुछ हासिल किया है।”

न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि मानवता और करुणा से ओत-प्रोत रुख ने उनके विधिक कार्यों को भी परिभाषित किया है। उन्हें लोकतंत्र के स्तम्भों को मजबूत बनाने वाली महान विभूति के तौर पर हमेशा याद किया जाता रहेगा। मैं दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। मैं व्यक्तिगत तौर पर और सुप्रीम कोर्ट की ओर से श्री सोली सोराबजी के परिजनों, दोस्तों एवं अनगिनत प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना का कोरोना से निधन

महशूर युवा टीवी पत्रकार रोहित सरदाना का शुक्रवार को कोरोना विषाणु की चपेट में आने से निधन हो गया।

सूत्रों के अनुसार करीब एक सप्ताह पहले कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर श्री सरदाना राष्ट्रीय राजधानी के मेट्रो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे। आज दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। श्री सरदाना के निधन से मीडिया जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गयी।

वरिष्ठ पत्रकार जी नेटवर्क के सुधीर चौधरी ने श्री सरदाना के निधन के बारे में ट्वीट करके जानकारी दी।

श्री सरदाना ने 24 अप्रैल को ट्वीट करके कोरोना विषाणु से संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था,“एक हफ़्ते पहले बुख़ार और अन्य लक्षणों को देखते हुए टेस्ट कराया था। आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव आया लेकिन सीटी स्कैन से कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हो गई थी। अभी हालत पहले से बेहतर है। आप सभी अपना और अपने परिजनों का ख़याल रखें।

मध्यप्रदेश को 7 विभिन्न कंपनियों से अब तक मिली 2 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज,1 लाख 23 हजार 743 कोरोना मरीजों तक पहुँची मेडिकल किट attacknews.in

भोपाल,30 अप्रैल । मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक 2 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज मिल चुकी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं मरीजों के उपचार के लिये राज्य शासन द्वारा व्यापक स्तर पर प्रबंध किये जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 7 विभिन्न कंपनियों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लगभग 2 लाख डोज कल तक प्राप्त हुए हैं। आज निजी सप्लाई के 13 हजार 138 डोज प्राप्त होंगे, जिन्हें जिलों को वितरित किया जायेगा।

मध्यप्रदेश में एक लाख 23 हजार 743 कोरोना मरीजों तक पहुँची मेडिकल किट

मध्यप्रदेश के होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को अब तक एक लाख 23 हजार 743 मेडिकल किट वितरित की जा चुकी हैं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को कल तक 52 जिलों में एक लाख 23 हजार 743 मेडिकल किट वितरित की जा चुकी हैं।

सागर के जिला अस्पताल में 10 दिन में तैयार हो जाएगा ऑक्सीजन प्लांट- राजपूत

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि यहाँ जिला अस्पता में ऑक्सीजन प्लांट 10 दिन में तैयार हो जाएगा और प्रतिदिन 100 बिस्तरों के मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना कहर को देखते हुए राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने कल सागर जिला अस्पताल एवं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला अस्पताल में बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण के दौरान कहा कि यह प्लांट 10 दिन में तैयार हाे जाएगा। इससे 100 बिस्तरों के मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी और कोरोना संक्रमितों के उपचार में सहूलियत होगी ।

स्वास्थ्य सेवाओं को किया जा रहा है बेहतर- चौधरी

रायसेन,से खबर है कि,स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी ने कहा है कि जिले की सभी तहसीलों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है और कोविड बिस्तर की संख्या बढ़ायी जा रही है।

श्री चौधरी ने यहाँ कल देर रात जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड मरीजों की जानकारी ली तथा जिला चिकित्सालय को 10 आक्सीजन कंसंट्रेशन मशीन भी उपलब्ध कराई।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी तहसीलों के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है और कोविड बिस्तरों की संख्या बढ़ायी जा रही है ।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया कोरोना को परास्त attacknews.in

लखनऊ, 30 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गये हैं। उन्होने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी साझा की।

श्री योगी ने ट्वीट किया “ आप सभी की शुभेच्छा और चिकित्सकों की देखरेख से अब मैं कोरोना निगेटिव हो गया हूँ। आप सभी के द्वारा मुझे दिए गए सहयोग व शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।”

गौरतलब है कि श्री योगी पिछली 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाये गये थे जबकि आज उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गयी है। संक्रमित होने के बावजूद वह अपने सरकारी आवास से वर्चुअल तरीके से अधिकारियों को कोरोना की रोकथाम के लिये दिशा निर्देश देने में लगे थे और पल पल की जानकारी हासिल कर रहे थे।

आयुर्वेदिक ‘आयुष 64’ दवा हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के लिए लाभदायक, परीक्षण में मिली सफलता ,”राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों के लिए अनुशंसित attacknews.in

हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण के उपचार में ‘आयुष 64’ उपयोगी

रैंडमाइज्ड क्लीनिकल’ अध्ययन के दौरान हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण में दवा का सुरक्षित होना और इसकी प्रभावकारिता साबित हुई: डॉ. अरविंद चोपड़ा

लक्षणविहीन संक्रमण, हल्के तथा मध्यम संक्रमण के लिए इसे अनुशंसित किया जा सकता है: डॉ. वी.एम. कटोच

आयुष-सीएसआईआर का साझा अध्ययन बहुत उत्साहजनक: डॉ. पटवर्धन

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। कोविड-19 महामारी के विश्वव्यापी कहर के बीच ‘आयुष 64’ दवा हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के रोगियों के लिए आशा की एक किरण के रूप में उभरी है।

देश के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष मंत्रालय की केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद (CCRAS) द्वारा विकसित एक पॉली हर्बल फॉर्मूला आयुष 64, लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के लिए मानक उपचार की सहयोगी (adjunct to standard care) के तौर पर लाभकारी है।

उल्लेखनीय है कि आयुष 64 मूल रूप से मलेरिया की दवा के रूप में वर्ष 1980 में विकसित की गई थी तथा कोविड 19 संक्रमण हेतु पुनरुद्देशित (repurpose) की गई है।

हाल ही में आयुष मंत्रालय तथा-सीएसआईआर द्वारा हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन में आयुष 64 की प्रभावकारिता और इसके सुरक्षित होने का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक और गहन बहु-केंद्र नैदानिक (क्लीनिकल) परीक्षण पूरा किया गया है

आयुष 64, सप्तपर्ण (Alstonia scholaris), कुटकी (Picrorhiza kurroa), चिरायता (Swertia chirata) एवं कुबेराक्ष (Caesalpinia crista) औषधियों से बनी है।

यह व्यापक वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर बनाई गयी है  और सुरक्षित तथा प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है। इस दवाई को लेने की सलाह आयुर्वेद एवं योग आधारित नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल (National Clinical Management Protocol based on Ayurveda and Yoga)’ द्वारा भी दी गयी है जोकि आईसीएमआर की कोविड प्रबंधन पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स (National Task Force on COVID Management) के निरीक्षण के बाद जारी किया गया था।

पुणे के सेंटर फॉर रूमेटिक डिसीज के निदेशक और आयुष मंत्रालय के ‘आयुष मंत्रालय-सीएसआईआर सहयोग’ के मानद मुख्य नैदानिक समन्वयक डॉ. अरविंद चोपड़ा ने बताया कि परीक्षण तीन केंद्रों पर आयोजित किया गया था। इसमें  KGMU, लखनऊ; DMIMS, वर्धा और BMC कोविड केंद्र, मुंबई शामिल रहे तथा प्रत्येक केंद्र में 70 प्रतिभागी शामिल रहे।

डॉ. चोपड़ा ने कहा कि आयुष 64 ने मानक चिकित्सा (Standard of Care यानी एसओसी) के एक सहायक के रूप में महत्वपूर्ण सुधार प्रदर्शित किया। और इस तरह इसे एसओसी के साथ लेने पर अकेले एसओसी की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की अवधि भी कम देखी गई।

उन्होंने यह भी साझा किया कि सामान्य स्वास्थ्य, थकान, चिंता, तनाव, भूख, सामान्य हर्ष  और नींद पर आयुष 64 के कई महत्वपूर्ण, लाभकारी प्रभाव भी देखे गए।

निष्कर्ष रूप में डॉ. चोपड़ा ने कहा कि इस तरह के ‘नियंत्रित दवा परीक्षण अध्ययन’ ने स्पष्ट सबूत दिए हैं कि आयुष 64 को कोविड -19 के हल्के से मध्यम मामलों का उपचार करने के लिए मानक चिकित्सा के सहायक के रूप में प्रभावी और सुरक्षित दवा के रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि जो रोगी आयुष 64 ले रहे हैं, उनकी निगरानी की अभी भी आवश्यकता होगी ताकि अगर बीमारी और बिगड़ने की स्थिति हो तो उसमें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान ऑक्सीजन और अन्य उपचार उपायों के साथ अधिक गहन चिकित्सा की आवश्यकता की पहचान की जा सके।

आयुष नेशनल रिसर्च प्रोफेसर तथा कोविड-19 पर अंतर-विषयक आयुष अनुसंधान और विकास कार्य बल (Inter-disciplinary Ayush Research and Development Task Force on COVID-19) के अध्यक्ष डॉ. भूषण पटवर्धन ने कहा कि आयुष 64 पर हुए इस अध्ययन के परिणाम अत्यधिक उत्साहजनक हैं और आपदा की इस कठिन घड़ी में ज़रूरतमंद मरीज़ों आयुष 64 का फायदा मिलना ही चाहिए।

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आयुष-सीएसआईआर संयुक्त निगरानी समिति (Ayush-CSIR Joint Monitoring Committee) ने इस बहु-केंद्रीय परीक्षण की निगरानी की थी। स्वास्थ्य शोध विभाग के पूर्व सचिव तथा आईसीएमआर  के पूर्व महानिदेशक डॉ. वी एम कटोच इस समिति के अध्यक्ष  हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयुष 64 पर हुए इन नैदानिक अध्ययनों (clinical studies) की समय-समय पर एक स्वतंत्र संस्था ‘डेटा और सुरक्षा प्रबंधन बोर्ड’ (Data and Safety Management Board यानी डीएसएमबी) द्वारा समीक्षा की जाती थी।

डॉ. पटवर्धन के दावे की पुष्टि करते हुए आयुष-सीएसआईआर संयुक्त निगरानी समिति के अध्यक्ष डॉ वीएम कटोच ने बताया कि समिति ने आयुष 64 के अध्ययन के परिणामों की गहन समीक्षा की है। उन्होंने कोविड-19 के लक्षणविहीन संक्रमण, हल्के  तथा मध्यम संक्रमण के प्रबंधन के लिए इसके उपयोग की संस्तुति की। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस निगरानी समिति ने आयुष मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह राज्यों के लाइसेंसिंग अधिकारियों / नियामकों (Regulators) को आयुष 64 के इस नये उपयोग (Repurposing) के अनुरूप इसे हल्के और मध्यम स्तर के कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन में उपयोगी के तौर पर सूचित करे।

केंद्रीय आयुर्वेदीय अनुसन्धान संस्थान (CCRAS) के महानिदेशक डॉ. एन. श्रीकांत ने विस्तार से बताया कि CSIR-IIIM, DBT-THSTI, ICMR-NIN, AIIMS जोधपुर और मेडिकल कॉलेजों सहित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़; किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ; गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर; दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नागपुर  जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में आयुष 64 पर अध्ययन जारी हैं।  अब तक मिले परिणामों ने हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमणों से निबटने में इसकी भूमिका स्पष्ट तौर पर जाहिर की है।

उन्होंने यह भी बताया कि सात नैदानिक (क्लीनिकल) अध्ययनों के परिणाम से पता चला है कि आयुष 64 के उपयोग से संक्रमण के जल्दी ठीक होने (Early clinical recovery) और बीमारी के गंभीर होने से बचने के संकेत मिले हैं।

आईआईटी बॉम्बे ने नाइट्रोजन जनरेटर को ऑक्सीजन जनरेटर में बदल कर ऑक्सीजन की कमी को हल करने का रास्ता सुझाया,ऑक्सीजन संकट का एक सरल और त्वरित समाधान attacknews.in

नईदिल्ली 30 अप्रैल ।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे देश में कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के वास्ते एक रचनात्मक और सरल समाधान लेकर आया है। इस पायलट प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। यह एक सरल तकनीकी पर निर्भर करता है। इसमें पीएसए (घुमाव के दबाव से सोखना) नाइट्रोजन इकाई को पीएसए ऑक्सीजन यूनिट में बदल दिया जाता है।

आईआईटी बॉम्बे में किए गए प्रारंभिक परीक्षणों ने आशाजनक परिणाम दिये हैं। इसमें 3.5 एटीएम दबाव पर 93% – 96% शुद्धता की ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है। यह ऑक्सीजन गैस मौजूदा अस्पतालों में कोविड से संबंधित जरूरतों को पूरा करने तथा भविष्य की कोविड-19 की विशिष्ट सुविधाओं के लिए ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति करने में काम में ली जा सकती है।

नाइट्रोजन इकाई को ऑक्सीजन इकाई में कैसे बदला जा सकता है? सवाल के जाब में इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले आईआईटी बॉम्बे के डीन (आरएंडडी), प्रो. मिलिंद अत्रे कहते हैं कि “यह मौजूदा नाइट्रोजन प्लांट सेट-अप को फाइन-ट्यूनिंग करके और आणविक चलनी को कार्बन से ज़ायोलाइट में बदलकर किया गया है”।

उन्होंने बताया कि ऐसे नाइट्रोजन संयंत्र, जो वायुमण्डल से कच्चे माल के रूप में वायु ग्रहण करते हैं, देश भर के विभिन्न औद्योगिक संयंत्रों में उपलब्ध हैं। इसलिए, उनमें से प्रत्येक को संभावित ऑक्सीजन जनरेटर में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार हमें वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से निबटने में मदद मिल सकती है।

यह पायलट प्रोजेक्ट पीएसए नाइट्रोजन और ऑक्सीजन प्लांट के उत्पादन से संबंध रखने वाले आईआईटी बॉम्बे, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और स्पैन्टेक इंजीनियर्स, मुंबई के बीच एक साझा प्रयास है।

पीएसए नाइट्रोजन संयंत्र को ऑक्सीज़न संयंत्र में बदलने की इस अवधारणा की मान्यता के प्रमाण के लिए आईआईटी के प्रशीतन और क्रायोजेनिक्स प्रयोगशाला को चुना गया था। इस अध्ययन को तत्काल पूरा करने के लिए, एक ऐसा एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जो देश भर में लागू हो सके को अंतिम रूप देने के लिए आईआईटी बॉम्बे, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और स्पैन्टेक इंजीनियर्स के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

आईआईटी बॉम्बे के रेफ्रिजरेशन और क्रायोजेनिक्स लैब के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए स्पांटेक इंजीनियर्स ने मूल्यांकन के लिए आईआईटी बॉम्बे में आवश्यक प्लांट घटकों को स्थापित किया। प्रयोग के लिए यह सेटअप तीन दिनों के भीतर विकसित कर लिया गया। इसके प्रारंभिक परीक्षणों ने ऊपर बताए अनुसार आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।

प्रो. मिलिंद अत्रे ने श्री अमित शर्मा, प्रबंध निदेशक, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स; श्री राजेंद्र टहलियानी, प्रमोटर, स्पैन्टेक इंजीनियर्स और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र (1970) के साथ श्री राज मोहन, एमडी, स्पैन्टेक इंजीनियर्स को इस परियोजना में उनके सहयोग और साझेदारी के लिए धन्यवाद दिया है।

अनेक बाधाओं के बीच सफल तरीके से समय पर परियोजना को सफल बनाने के लिए टीमों को बधाई देते हुए श्री अमित शर्मा ने कहा: “हम आईआईटी बॉम्बे और स्पैन्टेक इंजीनियर्स के साथ साझेदारी से प्रसन्न हैं कि हम बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए मौजूदा संकट में आपातकालीन ऑक्सीजन उत्पादन के लिए एक अभिनव समाधान की दिशा में योगदान कर रहे हैं। उद्योग और शिक्षाविदों के बीच इस तरह की साझेदारी आत्मनिर्भर भारत के प्रति हमारी दृष्टि को तेज कर सकती है।

आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रो. सुभाशीष चौधरी ने परियोजना में शामिल सभी पक्षों को बधाई दी और कहा कि हमारे देश के विकास और सफलता के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच इस तरह की साझेदारी बेहद वांछनीय और आवश्यक है।

मध्यप्रदेश के 52 जिलों में गुरुवार को सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित भोपाल जिले में मिले,इंदौर दूसरे स्थान पर रहा,आज भी प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों से 13,363 लोग स्वस्थ होकर घर पहुंचे attacknews.in

भोपाल, 29 अप्रैल । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दूसरी लहर के बीच आज भी 12 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस महामारी के चलते राज्य भर में 95 लोगों की जान चली गयी।

मध्यप्रदेश के 52 जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित आज भोपाल जिले में मिले हैं और इंदौर दूसरे स्थान पर रहा।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में आज 59388 सैंपल की जांच की गई।

इन सैंपलों में 12,762 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

अब तक इस महामारी ने राज्य भर में 5,50927 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है।

राहत की बात यह है कि अभी तक संक्रमित मिले लोगों में 4,53331 लोग राज्य के विभिन्न अस्पतालों से कोरोना को मात देकर स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके है।

आज भी प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों से 13,363 लोग स्वस्थ होकर घर पहुंच गये हैं।

वर्तमान में 92,077 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज राज्य के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

आज संक्रमण दर 21़ 4 रहा।

इस बीमारी के कारण आज 95 लोगों की मौत हो गयी।

अब तक राज्य में 5519 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य की राजधानी भोपाल में 1811 कोरोना संक्रमित मरीज मिले।

इंदौर में 1789 कोरोना संक्रमित मिले है।

वहीं ग्वालियर में 920, जबलपुर में 741, उज्जैन 249, विदिशा 308, सागर में 279, रतलाम में 296, रीवा 348, धार में 259, खरगोन में 237 संक्रमित मिले हैं।

राज्य के बाकी जिलों में भी 19 से 215 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

भारत में शनिवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 6,74 लाख पहुंची,18,912 मरीजों की मौत,4,01,949 मरीज स्वस्थ हुए,तमिलनाडु और दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 1-1 लाख के पार attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 जुलाई । देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या शनिवार की रात 6.61 लाख के आंकड़े को पार कर गयी हालांकि इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़कर चार लाख को पार कर गई।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 60.81 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.88 प्रतिशत रही। शुक्रवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 60.71 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.85 प्रतिशत रही। गुरुवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.89 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.92 प्रतिशत रही। बुधवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 59.49 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.95 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 59.24 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.97 प्रतिशत थी। सोमवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 58.54 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर जबकि मृत्यु दर महज 2.98 प्रतिशत रही। रविवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 58.56 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 3.04 प्रतिशत थी। पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 6,73,397 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 6,48,315 थी। अब तक कुल 4,01,949 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 18,912 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 2,40,619 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 1.61 लाख से अधिक है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 2,42,383 नमूनों की जांच की गयी जिससे अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या बढ़कर 95,40,132 हो गयी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच करने वाली सूची में 13 लैब और जुड़ गये हैं जिससे लैब की संख्या लगातार बढ़ती हुई 1,087 हो गयी है।

दिल्ली में कोरोना का आंकड़ा 97 हजार, मृतक संख्या तीन हजार के पार

कोरोना का प्रकोप झेल रही राजधानी के लिये शनिवार को राहत की बात यह रही कि नये मरीजों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या अधिक रही और निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या भी घटकर 430 रह गई।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 2505 नये मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या 97,200 हो गयी। इस दौरान राहत की बात यह रही कि नये मामल़ों की तुलना में कोरोना को शिकस्त देने वालों की संख्या अधिक 2632 रही और अब तक 68 हजार 256 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। इसी अवधि में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 445 से घटकर 430 रह गई।

कोरोना से इस दौरान मृतकों की संख्या में 81 की बढ़ोतरी हुई और मरनेवालों की कुल संख्या 3004 को पार कर गई। सरकार का कहना है कि पिछले 24 घंटों में 55 मरीजों की मौत हुई जबकि 26 पहले की थी जिनकी रिपोर्ट बाद में मिली है।

दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे। आज सक्रिय मामल़ों की संख्या कल के 25940 है। कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 620368 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 23673 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 9925 और रैपिड एंटीजेन जांच 13748 थी। कल रिकार्ड 24165 जांच की गई थी। दिल्ली में दस लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत भी बढ़कर 32650 हो गया।

दिल्ली में कुल कोरोना बेड्स 15283 हैं जिसमें से 5522 पर मरीज हैं जबकि 9761 खाली हैं। होम आइशोलेशन 16004 मरीज हैं।

21 और मौतें, लगातार चौथे दिन नये मामलों का नया रिकार्ड, कुल संक्रमितों की संख्या 35 हजार के पार

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना विषाणु यानी कोविड-19 संक्रमण से 21 और लोगों की मृत्यु हो गयी जिससे अब तक की कुल मौतों का आंकड़ा 1927 हो गया है तथा इसके 712 नये मामले सामने आये हैं, जो अब तक किसी एक दिन के लिए सर्वाधिक हैं और इससे संक्रमितों की कुल संख्या 34688 पर पहुंच गयी है।

इससे पहले कल 687 परसो 681 और उससे एक दिन पहले 675 नये मामलों का सर्वाधिक आंकड़ा सामने आया था और आज लगातार चौथे दिन इसमें बढ़ोत्तरी ही दर्ज की गयी है। आज नये मामलों के मामले में हीरा एवं कपड़ा उद्योग के विश्वविख्यात केंद्र सूरत ने कुल मिला कर तीसरी बार सर्वाधिक प्रभावित अहमदाबाद को पीछे छोड़ दिया। इससे पहले दो बार सूरत ने अहमदाबाद को पीछे छोड़ा था। पिछले कुछ दिनों से इस दक्षिणी जिले में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जबकि अहमदाबाद में इनकी संख्या कुछ कम हो रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज सूरत का दौरा कर कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी किये।

राजस्थान में 480 नये कोरोना पाॅजिटिव के साथ संख्या 19532 पहुंची, सात की मौत

राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 480 नये मामले सामने आने के बाद शनिवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 19 हजार 532 हो गयी वहीं नौ पाॅजिटिव मरीजों के दम तोडने के साथ ही मृतको की संख्या 447 पहुंच गयी है।

चिकित्सा निदेशालय की ओर से आज रात्रि जारी रिपोर्ट में सर्वाधिक नये मामले अलवर में 54, बाडमेर में 43, बीकानेर 46, राजधानी जयपुर में 40, जालोर 42, धौलपुर में 39, भरतपुर में 30, जोधपुर में 29, पाली में 26, प्रतापगढ में 22, उदयपुर में 20, सीकर में 16, कोटा में 14, डूंगरपुर में 13, झुंझुनू में 11, सिरोही में आठ, अजमेर में सात, दौसा में चार, करौली मंें तीन, राजसमंद एवं टोंक में दो-दो, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर एवं भीलवाडा में एक-एक कोरोना संक्रमित मामले सामने आये हैं।

तमिलनाडु में कोरोना के 4,280 नए मामले

तमिलनाडु में शनिवार को महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित 4280 नए मामलों के सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 107,001 तक पहुंच गयी, जबकि पिछले 24 घंटों में 65 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1,450 हो गई है। प्रदेश में कोरोना मृत्यु दर 1.35 फीसदी है जो देश की कुल दर से कम है।

प्रदेश में लगातार तीसरे दिन कोरोना संक्रमितों का प्रतिदिन नए मामले में 4,000 का आंकड़ा पार किया। कोरोना संक्रमितों के मामले में तमिलनाडु महाराष्ट्र के बाद अब दूसरे स्थान पर आ गया गया।

हरियाणा में कोरोना के 545 नये मामले, कुल संख्या 16548 पहुंची, 260 मौतें

हरियाणा में कोरोना संक्रमण के आज सायं तक 545 नये मामले आने के बाद राज्य में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 16548 पहुंच गई है। वहीं इनमें से 260 लोगों की मौत हो चुकी है और 12257 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले अब 4031 हैं।

राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कोरोना की स्थिति को लेकर यहां जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। राज्य में काेरोना संक्रमण पॉजिटिव दर 5.66 प्रतिशत, रिकवरी दर 74.07 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर 1.57 प्रतिशत है। राज्य के सभी 22 जिले इस समय कोरोना की चपेट में हैं। राज्य के गुरूग्राम जिले में कोरोना के अब तक सबसे ज्यादा मामले आये हैं। इसके अलावा फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक, अम्बाला, पलवल और करनाल में जिलों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरूग्राम में आज कोरोना के 130, फरीदाबाद 180, सोनीपत 81, भिवानी 41, करनाल 23, रोहतक और झज्जर 15-15, नूंह 14, हिसार 11, पलवल आठ, महेंद्रगढ़ छह, पानीपत और जींद पांच-पांच तथा यमुनानगर में एक मामला आया।

देश में कोरोना संक्रमितों की 6 लाख के पार हुई, 17,822 की मौत, मरीजों के स्वस्थ होने की दर 60 प्रतिशत हुई,महाराष्ट्र में संक्रमण और मौत के नये रिकार्ड बन रहे हैं attacknews.in

देश में कोरोना नयी दिल्ली 01 जुलाई ।देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमितों की संख्या बुधवार की रात छह लाख के आंकड़ें संख्या को पार कर गयी लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ होने वालों की दर भी निरंतर बढ़ते हुए 60 फीसदी के करीब जा पहुंची है।

देश में आज मरीजों के स्वस्थ होने की दर 59.49 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.95 प्रतिशत रही। मंगलवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 59.24 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 2.97 फीसदी रही। सोमवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 58.54 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर जबकि मृत्यु दर महज 2.98 फीसदी रही। रविवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 58.56 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर महज 3.04 फीसदी थी। शनिवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 58.13 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर 3.08 प्रतिशत रही। गुरुवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 57.72 रही जबकि मृत्यु दर महज 3.12 फीसदी रही।

पिछले एक सप्ताह में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 6,04,990 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी है जबकि सुबह यह संख्या 585493 थी। अब तक कुल 359354 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 17822 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 226748 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 1.32 लाख के पार पहुंच चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना के संदिग्ध मामलों की जांच और उनका सही तरीके से इलाज इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत में महामारी के मामलों या रोगियों का जल्द पता लगने, समय पर परीक्षण एवं निगरानी, मरीजों के संपर्क में आए लोगों का व्‍यापक रूप से पता लगाने और प्रभावकारी नैदानिक प्रबंधन या उपचार की बदौलत इस वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्‍या को कम करने में मदद मिली है। यह कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा श्रेणीबद्ध, पूर्व-निर्धारित और अत्‍यंत सक्रिय नजरिया अपनाने का भी एक प्रमाण है।

देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 217931 नमूनों की जांच की गयी जिससे अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या बढ़कर 8826585 हो गयी है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान देश में कोविड-19 की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़कर 1056 हो गयी है।

महाराष्ट्र में कोरोना मामले 1.80 लाख के पार, 8000 से अधिक की मौत

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में दिनों-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकाॅर्ड 5537 से अधिक नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार की रात बढ़कर 1.80 लाख के पार पहुंच गयी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस अवधि में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 180298 हो गयी है। इस दौरान 198 और लोगों की इस महामारी से मौत होने से इस जानलेवा वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8053 हो गयी है। इस दौरान राज्य में 2243 लोग रोगमुक्त हुए हैं जिसके बाद स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 93154 हो गयी है।

राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 51.66 फीसदी है जबकि मृत्यु दर महज 4.46 प्रतिशत है।

सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 79075 है जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और मौत के मामले में पहले नंबर पर है।

दिल्ली में कोरोना मामले 90000 के करीब, निषिद्ध क्षेत्र घटकर 412 हुए

कोरोना का प्रकोप झेल रही राजधानी में बुधवार एक बार फिर नये मामले बढ़ने से चिंता बढ़ी जबकि निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या कम होने से राहत दिखाई दी।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज जारी आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 2442 नये मामलों से कुल संक्रमित 89802 हो गए। गत दिवस मामले 2199 थे।

राहत की बात यह है कि इस दौरान निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 28 घटकर 412 रह गई।

कोरोना से इस दौरान 61 और मरीजों की मौत से मरनेवालों की कुल संख्या 2803 हो गई।

दिल्ली में 23 जून को 3947 एक दिन के सर्वाधिक मामले आए थे।

पिछले 24 घंटों 1664 मरीज ठीक भी हुए और 59992 संक्रमित कोरोना को शिकस्त दे चुके हैं। आज सक्रिय मामल़ों की संख्या 26270 से बढ़कर 27007 हो गई।

कोरोना जांच में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से कुल जांच का आंकड़ा 551708 पर पहुंच गया। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 19956 जांच की गई। इसमें आरटीपीसीआर जांच 10043 और रैपिड एंटीजेन जांच 9913 थी। दिल्ली में दस लाख की जनसंख्या पर जांच का औसत भी बढ़कर 29037 हो गया।

दिल्ली में कुल कोरोना बेड्स 15242 हैं जिसमें से 5892 पर मरीज हैं जबकि 9350 खाली हैं। होम आइशोलेशन में 16703 मरीज हैं।

तमिलनाडु में कोरोना मामले 94000 के पार,1264 की मौत

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप रुकने का नाम नहीं ले रहा है तथा 3882 रिकॉर्ड नये मामले सामने आने के बाद मंगलवार को संक्रमितों की संख्या 94000 के पार पहुंच गयी।

राहत की बात यह है कि राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 56.27 फीसदी है जबकि मृत्यु दर महज 1.34 प्रतिशत है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की संख्या 94049 हो गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 63 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1264 हो गयी है।

सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 2852 और मरीज स्वस्थ हुए हैं और इसके बाद ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 52926 हो गयी है। राज्य में फिलहाल 39859 सक्रिय मामले हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में तमिलनाडु देश में महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे नंबर पर आ गया था लेकिन सोमवार को 86000 से अधिक मामलों के साथ ही यह दिल्ली को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर आ गया है।